महिलाओं के प्रयास से झारखंड एक साल पहले हुआ खुले में शौच मुक्त

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महिलाओं के प्रयास से झारखंड एक साल पहले हुआ खुले में शौच मुक्त

रूबी खातून कम्युनिटी जर्नलिस्ट

रांची। ग्रामीण महिलाओं ने रानी मिस्त्री का हुनर सीखकर न केवल शौचालय निर्माण किया बल्कि उसकी उपयोगिता पर भी जोर दिया। इन महिलाओं के प्रयास से झारखंड अपने 18वें स्थापना दिवस पर एक साल पहले ही खुले में शौच मुक्त हो गया है।

प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत मिशन को पूरा करने के लिए झारखंड सरकार ने ग्रामीण महिलाओं की मदद ली। झारखंड सरकार ने आजीविका मिशन के तहत झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी के साझा प्रयास से सखी मंडल से जुड़ी 50,000 से ज्यादा महिलाओं को वर्ष 2016 में रानी मिस्त्री का प्रशिक्षण दिलाकर देश में एक अनूठी मिसाल पेश की है। इन रानी मिस्त्रियों को बनाने के पीछे एक खास उद्देश्य था कि इन ग्रामीण महिलाओं को आजीविका से जोड़ा जाए, शौचालय निर्माण में बीच के बिचौलियों को खत्म किया जाए। समूह के खाते में सीधे पैसा आयेगा जिससे शौचालय निर्माण की गुणवत्ता बेहतर होगी।

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रांची जिला के अनगड़ा ब्लॉक से लगभग 35 किलोमीटर दूर कोनाडीह गांव में ग्राम संगठन के माध्यम से शौचालय निर्माण का काम पूरा किया गया। कोनाडीह गांव के खेरबेड़ा टोली जिसमें 100 लोगों की आबादी रहती है। इस टोला में सखी मंडल चल रहा है, सखी मंडल के माध्यम से दीदियों के घर में शौचालय बनाया गया है। कोनाडीह ग्राम संगठन की अध्यक्ष सुखमनी देवी बताती हैं, "सखी मंडल की दीदी ने जब शौचालय बना लिया तो उनके खाते में शौचालय बनाने का पैसा आ गया। इससे दीदी लोगों के अन्दर आत्मविश्वास और बढ़ गया और देखादेखी दूसरी दीदी भी शौचालय बनाने लगी।" सखी मंडल की महिलाओं को रानी मिस्त्री बनाने का नतीजा ये हुआ कि झारखंड एक साल पहले ही खुले में शौच से मुक्त हो गया।

रांची जिले की कम्युनिटी जर्नलिस्ट राबिया खातून

झारखंड के 18वें स्थापना दिवस 15 नवम्बर को मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा, "अगर राज्य को आगे बढ़ाना है तो महिलाओं को आगे बढ़ाना होगा। आप सभी के सहयोग से एक साल पहले ही राज्य ओडीएफ हो चुका है। खुले से शौच मुक्त होने में मुख्य भूमिका सखी मंडल की बहनों, रानी मिस्त्री, जल सहिया मुखिया और जन प्रतिनिधियों की रही है।"

गांव के लोग पानी की समस्या की वजह से शौचालय का उपयोग नहीं करते थे लेकिन जब सखी मंडल की दीदी लोगों ने बैठकों में समझाया कि जो शौचालय बने हैं उसमें ज्यादा पानी खर्च नहीं होगा, तो अब लोग शौचालय का उपयोग करने लगे हैं। गांव में सेतु जेवंती दीदी ने नुक्कड़ नाटक और वीडियो के द्वारा भी सभी को शौचालय उपयोग के बारे में समझाया जिससे लोग इसकी उपयोगिता को और बेहतर तरीके से समझ पाए हैं। शौचालय बनने के बाद इन दीदियों का कहना है कि गांव में बिजली और रास्ते बन जाए जिससे हमारी समस्याओं का समाधान हो जाएगा।

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