आपके पशुओं को बीमार न कर दे बढ़ती गर्मी, नुकसान से बचने के लिए अपनाएं जरूरी सलाह

गाँव कनेक्शन | Apr 22, 2022, 13:52 IST
देश में एक बड़ा तबका पशुपालन से जुड़ा हुआ है, लेकिन कई गर्मी बढ़ने के साथ हम खुद का तो खयाल रखते हैं, लेकिन पशुओं का ध्यान नहीं रखते है। इसलिए कुछ बातों का ध्यान रखकर पशुओं को गर्मी से बचाया जा सकता है।
heat waves
जैसे-जैसे गर्मी बढ़ने के साथ लू चलती है, इंसानों के साथ ही यह पशुओं के लिए नुकसानदायक होती है। गर्मियों के मौसम में हवा के गर्म थपेड़ों और बढ़ते हुए तापमान से पशुओं को बीमार होने का खतरा बढ़ जाता है। इसका सबसे ज्यादा असर दुधारू पशु और छोटे बच्चों पर पड़ता है।

गर्मी का मौसम आते ही अपने पशुओं को सुरक्षित रखने के उपाय शुरू कर देने चाहिए। गर्मियों के मौसम में चलने वाली गर्म हवाएं (लू) जिस तरह हमें नुकसान पहुंचती हैं ठीक उसी तरह ये हवाएं पशुओं को भी बीमार कर देती हैं। अगर पशुपालक उन लक्षणों को पहचान लें तो वह अपने पशुओं का सही समय पर उपचार कर उन्हें बचा सकते हैं।

अगर पशु गंभीर अवस्था में है तो उसे जल्द से जल्द नजदीकी पशु चिकित्सालय में ले जाएं। क्योंकि लू से पीड़ित पशु में पानी की कमी हो जाती है। इससे बचाने के लिए पशुओं को भी ग्लूकोज की बोतल ड्रिप चढ़वानी चाहिए और बुखार को कम करने व नक्सीर के उपचार के लिए तुरन्त पशु चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।

359117-management-of-dairy-animals-during-heat-stress-milk-production-summer-1
359117-management-of-dairy-animals-during-heat-stress-milk-production-summer-1

आमतौर पर गर्मी के मौसम में पशु चारा खाना कम कर देते हैं, क्योंकि भूख कम लगती है और प्यास ज्यादा। पशुपालक अपने पशु को दिन में कम से कम तीन बार पानी पिलाए। जिससे शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा पशु को पानी में थोड़ी मात्रा में नमक और आटा मिलाकर पानी पिलाना चाहिए।

तापमान के बढ़ने पर पशुओं की शारीरिक प्रतिक्रियाओं में वृद्धि होती है जिससे कार्डियोपल्मोनरी और उसकी तीव्रता की क्षमता प्रभावित होती है। थर्मल स्ट्रेस के कारण डेयरी पशुओं के दुग्ध उत्पादन में गिरावट, समय से गर्मी में न आने और गर्मी के लक्षण प्रकट नहीं करने व गर्भ धारण नहीं होना प्रमुखता से देखा जा रहा है। जलवायु परिवर्तन के चलते इसी प्रकार से आगे भी तापमान में वृद्धि जारी रही पशुओं में साइलेंट हीट, छोटा मदकाल और प्रजनन क्षमता में ओर अधिक गिरावट आयेगी। जलवायु परिवर्तन के कारण पशु रोगों में भी ओर अधिक वृद्धि होगी। इन पर काबू पाने के लिये अभी से हर संभावित प्रयास करने की जरूरत है।

पशुओं के आवास में पर्यावरण के अनुकूल संशोधन करके सूर्य के सीधे आने प्रकाश को रोका जा सकता है। पानी का छिड़काव और पंखे आदि लगाकार तापमान और गर्मी को कम किया जा सकता है। पशुओं का आवास ऐसे स्थान पर बनाना चाहिये जहां पेड़ों की घनी छांव हो अथवा पशुशाला के आसपास चारों और पेड़-पौधे लगाकर भी तापमान एवं सीधे आने वाली सूर्य किरणों और धूप को काफी हद तक रोखा जा सकता है।

पशु आवास को उचित तरीके से डिजाइन करना चाहिये जिससे हवा का आवागमन बढ़ने के साथ ही प्राकृतिक रूप से प्रकाश और हवा अंदर आती रहे। पशु आवास में पानी की बौछार का प्रयोग करके पशुओं को प्रभावित करने वाले थर्मल हीट स्ट्रेस को कम किया जा सकता है। पशुओं को पौषणयुक्त आहार खिलाने की रणनीति अपनानी चाहिये जिससे हीट स्ट्रेस के कारण पशुओं के उत्पादन पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सके।

ऐसे पता करें आपके पशु लू को लगी है

पशुओं को लू लगने पर 106 से 108 डिग्री तेज बुखार होता है

पशु सुस्त होकर खाना-पीना छोड़ देता है

मुंह से जीभ बाहर निकलती है और सांस लेने में कठिनाई होती है

मुंह से झाग आ जाता है

359118-management-of-dairy-animals-during-heat-stress-milk-production-summer-2
359118-management-of-dairy-animals-during-heat-stress-milk-production-summer-2

इससे बचाने के लिए क्या करें?

इस रोग से पशुओं को बचाने के लिए कुछ जरूरी सावधानियां बरतनी चाहिए

पशु बाड़े में शुद्ध हवा जाने और दूषित हवा बाहर निकलने के लिये रोशनदान होना चाहिए

गर्म दिनों में पशु को दिन में नहलाना चाहिए खासतौर पर भैंसों को ठंडे पानी से नहलाना चाहिए

पशु को ठंडा पानी पर्याप्त मात्रा में पिलाना चाहिए

पशुओं की टीन या कम ऊंचाई वाली छत के नीचे नहीं रखना चाहिए

दुधारू पशुओं के चारे पर विशेष ध्यान रखें

गर्मी के मौसम में दुग्ध उत्पादन और पशु की शारीरिक क्षमता बनाये रखने की दृष्टि से पशु आहार बहुत ही महत्वपूर्ण है। गर्मी के मौसम में पशुओं को हरा चारा अधिक मात्रा में देना चाहिए। इसके दो लाभ हैं- पशु चाव से हरा व पौष्टिक चारा खाकर अधिक ऊर्जा प्राप्त करता है और हरे चारे में 70-90 प्रतिशत तक पानी की मात्रा होती है, जो समय-समय पर जल की पूर्ति करती है।

Tags:
  • heat waves
  • summer
  • dairy animal
  • story

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.