बिहार: मुजफ्फरपुर के बाद गया में चमकी बुखार का कहर, छह बच्चों की मौत
बिहार राज्य स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, प्रदेश के 38 जिलों में से करीब 20 जिलों में इस बार एईएस से 700 से ज्यादा बच्चे प्रभावित हुए हैं
गाँव कनेक्शन 10 July 2019 8:03 AM GMT
गया। बिहार के मुजफ्फरपुर और इसके आसपास के जिलों में चमकी बुखार का कहर अभी पूरी तरह थमा भी नहीं, वहीं गया में चमकी बुखार का कहर बच्चों पर टूट पड़ा है। गया में चमकी बुखार से अब तक छह बच्चों की मौत हो गई है।
गया के एक स्वास्थ्य अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि गया के अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एएनएमसीएच) में दो जुलाई से अब तक 23 बच्चों को इलाज के लिए भर्ती कराया गया है, जिनमें से छह बच्चों की मौत हो चुकी है।
ये भी पढ़ें: मुजफ्फरपुर: तमाम शोध और जांच रिपोर्ट फेल, बीमारी अभी भी अबूझ पहेली
Dr VK Prasad, Medical Superintendent: It started on 2 July. So far 22 patients have been admitted. It's being told they might be suffering from Acute Encephalitis Syndrome (AES) but it has not been confirmed yet, reports are awaited. Patients are being treated. 6 have died.(08.7) pic.twitter.com/lMBXt7MHza
— ANI (@ANI) July 9, 2019
एएनएमसीएच के अधीक्षक डॉ. वीके प्रसाद ने बताया," एईएस का मामला हो सकता है, लेकिन अभी इसकी पुष्टि नहीं की जा सकी है और रिपोर्ट की प्रतीक्षा है। रिपोर्ट आने के बाद इसका पता चलेगा। सोमवार की रात इलाज के लिए पहुंचे एक पीड़ित बच्चे में जापानी इंसेफेलाइटिस पॉजिटिव पाया गया है। फिलहाल अस्पताल में एईएस के 14 संदिग्ध पीड़ित बच्चों का इलाज चल रहा है, जिसमें चार की हालत गंभीर बनी हुई है।"
उल्लेखनीय है कि बिहार के मुजफ्फरपुर तथा इसके आसपास के जिलों में एईएस से अब तक 160 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई है। केंद्रीय टीम भी यहां पहुंचकर एईएस के कारणों की जांच में जुटी है।
Bihar: 22 children admitted, 6 died at Anugrah Narayan Magadh Medical College in Gaya, since 2nd July. Medical Superintendent says, "It is being told that this might be the case of AES but it is yet to be confirmed, reports are awaited; it will be ascertained after that." (08.07) pic.twitter.com/6FVw8EzdFS
— ANI (@ANI) July 9, 2019
बिहार सरकार और केंद्रीय एजेंसियों की टीमें बच्चों की मौत के असली कारणों का पता लगाने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन इसकी असल वजह का अब तक पता नहीं चल पाया है। उल्लेखनीय है कि 15 वर्ष तक की उम्र के बच्चे इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं और मरने वाले बच्चों में से अधिकांश की उम्र सात साल से कम है।
ये भी पढ़ें: 'इस साल बच्चा लोग मरा, अगले साल भी मरेगा, लेकिन किसी को फर्क नहीं पड़ने वाला'
बिहार राज्य स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, प्रदेश के 38 जिलों में से करीब 20 जिलों में इस बार एईएस से 700 से ज्यादा बच्चे प्रभावित हुए हैं। वहीं राज्य सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों के विधायक विधानसभा परिसर में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वे बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के इस्तीफे की भी मांग कर रहे हैं।
इनपुट: एजेंसी
More Stories