आंकड़े : 113 साल में 156 जिलों में बारिश घटी, 82 जिलों में बढ़ी, यूपी-दिल्ली में कभी नहीं बढ़ी

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आंकड़े : 113 साल में 156 जिलों में बारिश घटी, 82 जिलों में बढ़ी,  यूपी-दिल्ली में कभी नहीं बढ़ीमुंबई में बारिश के दौरान की एक फोटो।  

नई दिल्ली। देश के 632 जिलों में से 156 जिलों में बारिश घटी है, जबकि 82 जिलों में बारिश बढ़ने का ट्रेंड मिला है। तीन तिहाई मानसून बीत जाने के बाद भी देश के 34 फीसदी हिस्से में सामान्य से कम बारिश हुई है। करीब 13 प्रतिशत हिस्से में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है। देशभर में अब तक औसतन 5 प्रतिशत कम बारिश हुई है।

मौसम के इस असामान्य व्यवहार को समझने के लिए मौसम वैज्ञानिकों ने 113 साल की बारिश के आंकड़ों का एनालिसिस किया है। देश में पहली बार इस तरह की स्टडी की गई है।

भारतीय मौसम विभाग की पूर्व डिप्टी डायरेक्टर जनरल सुरिंदर कौर की अगुआई में यह स्टडी की गई है। उनके मुताबिक देश में मल्टी क्रॉपिंग और बढ़ती आबादी में पानी की जरूरत 2050 तक दोगुना होने की संभावना है। बारिश घटने और बढ़ने का जो ट्रेंड मिला है, उसमें एडमिनिस्ट्रेशन को वाटर रिसोर्सेज का सही मैनेजमेंट, डिस्ट्रीब्यूशन, प्रोटेक्शन और स्टोरेज के उपाय करने में मदद मिलेगी।

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ये हैं आकड़ें

  • 1901 से 2013 तक के मानसून और पूरे साल की बारिश के एनालिसिस में यह बात निकलकर आई है कि बारिश लगातार घट रही है। इससे आने वाले समय में पानी की बड़ी समस्या पैदा हो सकती है।
  • दिल्ली और एनसीआर के जिलों में बारिश सबसे अधिक घटी है। दिल्ली, यूपी, उत्तराखंड और पुडुचेरी में इन 113 साल के रिकॉर्ड में बारिश बढ़ने का ट्रेंड एक भी साल में सामने नहीं आया है। दिल्ली के सभी 8 जिले और एनसीआर के सभी आठ जिलों में भी बारिश घटी है।

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ये रहे नतीजे

देश में अब तक बारिश 700 एमएम होनी थी, पर 674 हुई यानी पांच प्रतिशत कम

  • 19 राज्य में सामान्य बारिश हुई
  • 8 में सामान्य से ज्यादा बारिश
  • 9 में सामान्य से कम बारिश

13 प्रतिशत हिस्से में अत्यधिक और 48 प्रतिशत में सामान्य बारिश

  • 13 प्रतिशत हिस्से में सामान्य से अत्यधिक
  • 48 प्रतिशत में सामान्य बारिश
  • 32 प्रतिशत हिस्से में सामान्य से कम
  • 2 प्रतिशत हिस्से में सामान्य से बहुत ज्यादा

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25 प्रतिशत जिलों में बारिश घटी और 13 प्रतिशत में बढ़ने का ट्रेंड दिखा

  • 25 प्रतिशत जिलों में बारिश में कमी आई है। 13 प्रतिशत जिलों में बारिश बढ़ी है। 1917 में सबसे अधिक 1426 एमएम बारिश हुई। जबकि 1972 में सबसे कम 912 एमएम बारिश हुई।
  • बिहार, मध्यप्रदेश, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, दिल्ली, उत्तराखंड, यूपी के जिलों में बारिश घटी है। जबकि गुजरात, पंजाब, राजस्थान और हरियाणा के जिलों में बारिश बढ़ी है।
  • इसके अलावा 1961 से 2013 के दौरान 64 जिलों में बारिश का बढ़ने और 85 जिलों में घटने का ट्रेंड मिला है।

18 साल में 6 बार सामान्य या उससे ज्यादा बारिश

  • बीते 18 साल में मानसून सीजन ही नहीं, पूरे साल बारिश में कमी आई है। इन 18 साल में मानसून सीजन में 6 बार सामान्य या अधिक बारिश हुई। जबकि पूरे चार बार ऐसा हुआ।
  • 2002 में सामान्य से 21% कम बारिश के साथ 2002, 2009, 2012 और 2014 में 10% या उससे अधिक की कमी दर्ज की गई। जबकि सामान्य से अधिक तीन साल 2% और 2013 में 9 फीसदी अधिक बारिश हुई।
  • पिछले 7 साल के दौरान पूर्वी और पश्चिमी राजस्थान और पश्चिमी मध्यप्रदेश के कुछ हिस्सों में बारिश बढ़ी है।

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इस साल 20 जगहों पर एक दिन में 250 एमएम बारिश

  • देश में 25 प्रतिशत जिलों में कुछ ही घंटों में 100 मिमी से अधिक बारिश हुई। अब तक 20 से अधिक बार अत्यधिक बारिश हुई है। इस श्रेणी में वे क्षेत्र हैं, जहां एक दिन में 250 एमएम या उससे ज्यादा बारिश हुई।
  • चंडीगढ़ में 21 अगस्त को 115 एमएम बारिश हुई। यानी सीजन की 15 प्रतिशत बारिश।
  • बेंगलूरु में भी एक दिन में 150 एमएम पानी बरसा। यानी सीजन की 30 प्रतिशत बारिश।
  • राजस्थान के माउंट आबू में महज तीन दिन में सीजन की 50 प्रतिशत बारिश हुई। 72 घंटे में 1715 एमएम बारिश हुई।
  • एक दिन में 124 से 244 एमएम के बीच बारिश की 100 घटनाएं हुईं। ऐसे मे बाढ़ आना तो तय ही है।

660 जिलों का हाल

  • 32 जिलों में सामान्य से बहुत ज्यादा
  • 85 जिलों में सामान्य से ज्यादा
  • 301 जिलों में सामान्य बारिश
  • 200 जिलों में सामान्य से कम
  • 12 जिलों में सामान्य से बहुत कम

उत्तर प्रदेश के 46 और मध्य प्रदेश के 28 जिले सूखे

कम बारिश वाले जिले

  • उत्तर प्रदेश- 46
  • मध्य प्रदेश- 28
  • राजस्थान - 14
  • हरियाणा - 13
  • कर्नाटक - 12
  • महाराष्ट्र - 10

ज्यादा बारिश वाले जिले

  • तमिलनाडु - 18
  • गुजरात - 16
  • राजस्थान - 11
  • जम्मू कश्मीर- 09
  • महाराष्ट्र - 08
  • आंध्र प्रदेश - 07

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