इन प्रजातियों को छोड़कर बिना अनुमति के पेड़ काट सकते हैं किसान

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इन प्रजातियों को छोड़कर बिना अनुमति के पेड़ काट सकते हैं किसानपेंड़ की कटाई।

पेड़ों का संरक्षण अच्छी बात है लेकिन कई बार इन नियमों की आड़ में किसानों को बेहवजह परेशान भी किया जाता है। नीचे यूपी के उन पेड़ों की लिस्ट है, जिन्हें काटने के लिए सरकार ने छूट दे रखी है।

पिछले दिनों केंद्र सरकार ने बांस को पेड़ से निकालकर खास के वर्ग में कर दिया, यानि इसको अब किसान बेरोकटोक काट सकते है। त्रिपुरा, असम मेघालय समेत कई राज्यों में बांस आजीविका का बड़ा आधार है, इससे वहां के स्थानीय लोगों को काफी फायदा हुआ। जानकारों की मानें तो नार्थ ईस्ट में बीजेपी की जीत में बांस का भी योगदान रहा है। नीैचे कुछ इन पेड़ों की जानकारी है, जो बिना अनुमति काटे जा सकते हैं।

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उत्तर प्रदेश वृक्ष संरक्षण अधिनियम, 1976 के अन्तर्गत राज्य के 62 जिलों में निजी भूमि पर स्थित 5 वृक्ष प्रजातियों (आम, नीम, साल, महुआ, खैर) को छोड़कर तथा राज्य के 13 जिलों में निजी भूमि पर स्थित 6 वृक्ष प्रजातियों (आम, नीम, साल, महुआ, खैर, सागौन) को छोड़कर अन्य सभी वृक्ष प्रजातियों के कटाई के लिए पूरी छूट प्रदान की गयी है तथा किसान को पेड़ की कटाई के लिए किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी।

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यह जानकारी प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री दारा सिंह चौहान ने आज यहां दी है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश इमारती लकड़ी एवं अन्य वन उपज अभिवहन नियमावली, 1978 के अन्तर्गत 62 जिलों में निजी भूमि पर स्थित 5 वृक्ष प्रजातियों (आम, नीम, साल, महुआ, खैर) को छोड़कर तथा राज्य के 13 जिलों में निजी भूमि पर स्थित 06 वृक्ष प्रजातियों (आम, नीम, साल, महुआ, खैर, सागौन) को छोड़कर अन्य सभी पेड़ की प्रजातियों के प्रत्यारोपण के लिए पूर्ण छूट दी गई है तथा किसानों को किसी अनुमति की आवश्यकता नही होगी।

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