मोदी सरकार की नई पहल-युवाओं के लिए विदेशों में नौकरी खोजेगी सरकार
Astha Singh 24 Oct 2017 3:48 PM GMT
लखनऊ। अभी तक विदेशों में नौकरी करने के लिए भारतीयों को सबकुछ खुद करना पड़ता था और उसके लिए काफी रुपए भी खर्च करने पड़ते थे, मगर अब सरकार खुद आपको मौका देगी। इस दिशा में बड़े पैमाने पर काम हो चुका है। दरअसल मोदी सरकार की योजना है की देश के युवाओं को पूरी दुनिया में जॉब करने के अवसर मिले।
क्या करने जा रही है सरकार
सरकार अब बड़े ही व्यवस्थित ढंग से ये कैलकुलेशन करने जा रही है की कौन-कौन से ऐसे देश हैं जहां भारतीयों को रोजगार अथवा ट्रेनिंग के मौके मिल सकते हैं। जहां रोजगार के मौके मिल सकते होंगे, वहां युवाओ को नौकरी करने के लिए भेजा जाएगा और जहां पर ट्रेनिंग मिल पाएगी वहां उसी के हिसाब से युवाओं को भेजा जाएगा । सरकार इसके लिए एक एजेंसी नियुक्त कर रही है।
यह एजेंसी विश्व स्तर पर कुशल मैनपावर की डिमांड और सप्लाई के बीच गैप का पता लगाएगी। नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन से मिली जानकारी के मुताबिक़, इस प्रोजेक्ट का मकसद यह जानकारी जुटाना है की भारतीय युवकों को विदेशों में नौकरी मिलने के मौजूदा हालात क्या है और भविष्य में कहाँ क्या संभावनाए बन सकती हैं। इस स्टडी में यह देखा जाएगा की किस क्षेत्र के भारतीय दुनिया के किस देश में जा रहे हैं। उसकी वजह क्या है और प्रोसेस क्या है।
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स्टडी के खास पहलू क्या होंगे
- जिस देश में भारतीय कुशल श्रमिक जा रहे हैं उस देश के हिसाब से अलग से प्रोग्राम शुरू करने पर फोकस किया जाएगा।
- भारत में किस इलाके के लोग नौकरी के लिए बाहर जाते हैं, उन इलाकों की पहचान करने के बाद वहां इंटरनेशनल स्किल सेंटर बनाया जाएगा। इसमें विदेशी पार्टनर्स को भी शामिल किया जाएगा।
- ढांचागत सुधार किए जाएँगे। लोगों को बाहर नौकरी ढूँढने और वहां जाने से जुड़ी औपचारिकताएं पूरी करने में आने वाली दिक्कतों को दूर किया जाएगा ।
ताकि तय हो जाए नौकरी मिलना
सरकार जिस भी एजेंसी को नियुक्त करेगी उसका काम सरकार को यह जानकारी देना होगा की विभिन्न देशों में भारतीयों को किस तरह से भेजा जाएगा। इसमें डिमांड और सप्लाई की जानकारी होगी, किस तरह की नौकरी है,कौन से सेक्टर में है और वहां कितने भारतीयों को जॉब मिल सकती है। इसके अलावा वेतन की भी जानकारी देनी होगी।
एजेंसी को यह भी बताना होगा की भारतीयों को वहां भेजने के रास्ते में कौन कौन सी रुकावटें है और उन्हें कैसे दूर किया जा सकता है। इसके अलावा ट्रेनिंग वगैरह के बारे भी सुझाव देने होंगे, जिनसे भारतीयों को विदेशों में नौकरी मिलने के चांस और बढ़ जाएं। कुल मिलाकर सरकार का मकसद है की दुनिया में जहां भारतीयों की जरूरत है वहां तक उन्हें पहुँचाया जाए और ये तय करना की वह सही ट्रेनिंग के साथ जाएं। जरूरत पड़ने पर उन्हें ट्रेनिंग देना और इस काम में अन्य देशों को भी शामिल करना।
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