एक ऐसा राज्य जिसमें थर्ड जेंडर का कोई मतदाता नहीं
Sanjay Srivastava 27 Feb 2018 6:25 PM GMT
नगालैंड की नई विधानसभा चुनने के लिए सुबह सात बजे से मतदाता अपने वोट डालने के लिए लम्बी-लम्बी लाइनें लगाए हुए थे। नगालैंड विधानसभा चुनाव 2018 में दोपहर दो बजे तक 57 फीसदी मतदाताओं ने वोट दे दिया है।
नगालैंड विधानसभा के लिए 60 सदस्यों के लिए चुनाव हो रहा है। पर तीन बार मुख्यमंत्री रहे नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीडीपी) के नेफ्यू रियो को उत्तरी अंगामी-2 निर्वाचन सीट से निर्विरोध विजयी घोषित कर दिया गया। इस सीट पर उनके प्रतिद्वंद्वी सत्तारूढ़ नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के उम्मीदवार चुपफ्यू अंगामी ने 12 फरवरी को अपना नामांकन वापस ले लिया था।
इस प्रकार अब सिर्फ 59 सीटों के लिए वोट पड़ रहे हैं। 59 विधायकों को चुनने के लिए कुल 11,70,548 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे, जिनमें 5,89,806 महिलाएं हैं जबकि 26,900 पहली बार मतदान करने जा रहे हैं।
आप के लिए यह एक आश्चर्य की बात है कि नगालैंड विधानसभा चुनाव 2018 में एक भी थर्ड जेंडर का मतदाता नहीं है। देश में तक़रीबन 20 लाख थर्ड जेंडर हैं।
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया, जिसके अर्न्तगत किन्नरों को 'तीसरे लिंग' के रूप में मान्यता देने के लिए कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि किन्नरों को अल्पसंख्यकों की मान्यता दी जाए।
जनगणना 2011 में हमारे देश के गांवों में सबसे ज्यादा किन्नर हैं और इनकी संख्या 70 हजार से आस-पास है। उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा ट्रांसजेंडर (किन्नर) पाए जाते हैं, बिहार नंबर दो पर और तीसरा नंबर पश्चिम बंगाल का है, उत्तर प्रदेश में सबसे 12,916, बिहार में 9,987 और पश्चिम बंगाल में 9,868 ट्रांसजेंडर हैं।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी अभिजीत सिन्हा ने बताया, "राज्य में सुबह सात बजे मतदान शुरू होने से पहले ही कई मतदान केंद्रों पर महिलाओं और पुरुषों की लंबी-लंबी कतारें देखी गईं।"
उन्होंने कहा कि मतदान के लिए वोटर वेरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) मशीनों सहित इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें लगाई गई हैं।
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इनपुट आईएएनएस
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