कोविड टीके को लेकर कुछ स्वास्थ्य कर्मियों में संदेह, मगर कई बड़े डॉक्टर्स ने लगवाया टीका
एक ओर देश में जहाँ आज कोरोना महामारी के खिलाफ टीकाकरण अभियान शुरू किया गया है, दूसरी ओर कुछ स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीन को लेकर संदेह की स्थिति बनी हुई है। हालांकि टीकाकरण कार्यक्रम के पहले दिन कई बड़े डॉक्टर्स ने कोविड वैक्सीन की पहली डोज लगवाई।
Kushal Mishra 16 Jan 2021 11:08 AM GMT
कोरोना महामारी के खिलाफ देश भर में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू हो चुका है। एक ओर पहले दिन देश के कई बड़े और नामी डॉक्टर्स ने कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगवाई, दूसरी ओर कोविड टीके को लेकर कुछ स्वास्थ्य कर्मियों में अभी भी संदेह की स्थिति बनी हुई है।
नई दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन की ओर से मेडिकल सुपरइंटेंडेंट डॉ. राणा एके सिंह को पत्र लिख कर कोविड टीके को लेकर संदेह जताया गया है। इस पत्र में रेजिडेंट डॉक्टर्स ने अनुरोध किया है कि स्वास्थ्य कर्मियों को सभी तीनों क्लिनिकल ट्रायल पूरे कर चुकी कोविशील्ड वैक्सीन लगायी जाए।
ऐसे में टीकाकरण शुरू होने के साथ ही कुछ स्वास्थ्य कर्मियों में कोरोना के टीके को लेकर संदेह की स्थिति भी पैदा होती नजर आ रही है।
नई दिल्ली के आरएमएल हॉस्पिटल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष डॉ. निर्माल्या मोहपात्रा 'गाँव कनेक्शन' से बताते हैं, "हमारे अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मियों को कोवैक्सीन का टीका लगाया जा रहा है। मगर कई स्वास्थ्य कर्मियों को इस टीके पर संदेह है क्योंकि अभी इसके ट्रायल के नतीजे आना बाकी है। हम टीका लगवाना चाहते हैं मगर हमारा सिर्फ यही अनुरोध है कि हमें तीनों ट्रायल पूरे कर चुके कोविशील्ड की वैक्सीन लगायी जाए।"
रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के महासचिव अजय सिंह 'गाँव कनेक्शन' से बताते हैं, "हमारे यहाँ में करीब तीन से चार हजार स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाया जाना है, मगर जितना सहभागिता निभाई जानी चाहिए, उतनी सामने नहीं आ रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि आंकड़े न जारी होने की वजह से कुछ स्वास्थ्य कर्मियों को सुरक्षा को लेकर थोड़ा संदेह है। हालांकि पहले चरण में डॉक्टर्स को वैक्सीन भी लग रही है।"
एक ओर कोविड टीके को लेकर कुछ स्वास्थ्य कर्मियों में संदेह की स्थिति बनी हुई है तो दूसरी ओर टीकाकरण के पहले दिन कई डॉक्टर्स ने कोविड वैक्सीन की पहली डोज लगवाई।
नई दिल्ली के एम्स अस्पताल में नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल और एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने भी टीका लगवाया। मगर एम्स अस्पताल में सबसे पहले टीका सफाई कर्मचारी मनीष कुमार ने लगवाया। ऐसे में दिल्ली में सबसे पहले कोविड का टीका लगवाने वाले मनीष कुमार पहले शख्स बने।
#WATCH केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डाॅ.हर्षवर्धन और एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया की मौजूदगी में एम्स में एक सफाई कर्मचारी को कोरोना वायरस का पहला टीका लगाया गया। #COVID19 pic.twitter.com/ge9nmfmzqu
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 16, 2021
सफाई कर्मचारी मनीष कुमार ने एएनआई से बातचीत में कहा, "मेरा अनुभव बहुत ही अच्छा रहा है, मेरे मन में जो डर था वो निकल गया। लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है और वैक्सीन सबको लगवानी चाहिए।" इस मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया भी मौजूद रहे।
इससे पहले कोविड टीके को लेकर संदेह की स्थिति को दूर करने के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के ईसीडी डिवीजन के प्रमुख डॉ. समीरन पांडा ने अपने सभी सदस्यों से टीकाकरण कार्यक्रम के लिए समर्थन का आग्रह किया था।
डॉ. समीरन पांडा ने एएनआई से बातचीत में कहा, "कोविशील्ड और कोवाक्सिन दोनों सुरक्षित हैं और इसकी सुरक्षा के बारे में आशंका का कोई कारण नहीं होना चाहिए। हम सभी को दोनों टीकों के आस-पास के मिथकों और भ्रांतियों को दूर करने का प्रयास करना चाहिए।"
Let us have a scientific & open mind while supporting the vaccination program. Any medicine or vaccination can come with minor side-effects. The serious adverse events also cannot be immediately linked to the vaccine: Dr Samiran Panda, Head of ECD division, ICMR pic.twitter.com/8WwthI5uGo
— ANI (@ANI) January 13, 2021
"टीकाकरण कार्यक्रम का समर्थन करते हुए हमारे पास एक वैज्ञानिक और खुला दिमाग है। कोई भी दवा या टीकाकरण मामूली दुष्प्रभावों के साथ आ सकता है। गंभीर प्रतिकूल घटनाओं को भी तुरंत वैक्सीन से नहीं जोड़ा जा सकता है," डॉ. समीरन पांडा ने आगे कहा।
इन सबके बीच फिर भी कोविड टीके को लेकर स्वास्थ्य कर्मियों में संदेह की स्थिति देखी जा रही है। ऐसे में जरूरत है कि कोविड टीके को लेकर लोगों में संदेह को दूर करने के लिए सरकार को जागरूक करने का और प्रयास करना चाहिए।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल अस्तपाल में कोविड टास्क फ़ोर्स और कोविड टीकाकरण कमेटी के विशेषज्ञ सदस्य डॉ. सूर्यकांत 'गाँव कनेक्शन' से बताते हैं, "मेरी लोगों से यही अपील है कि कोरोना वैक्सीन लगवाने को लेकर किसी को भी घबराने की जरूरत नहीं है और अपने मन में किसी तरह का भ्रम न पालें। भारत में बनी ये वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है।"
वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, "मुझे आज बहुत खुशी है, वैक्सीन कोविड के खिलाफ जंग में संजीवनी का काम करेगी। भारत ने पहले पोलियो और चेचक के खिलाफ जंग जीती है और अब भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कोविड-19 के खिलाफ जंग जीतने के निर्णायक दौर में पहुंच चुका है।"
मुझे आज बहुत खुशी है, वैक्सीन #COVID19 के खिलाफ जंग में संजीवनी का काम करेगी। भारत ने पहले पोलियो और चेचक के खिलाफ जंग जीती है और अब भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कोविड-19 के खिलाफ जंग जीतने के निर्णायक दौर में पहुंच चुका हैःकेंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डाॅ.हर्षवर्धन pic.twitter.com/3ZS0TQyrLU
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 16, 2021
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