चारा घोटाला केस में सुप्रीम कोर्ट ने नहीं दी लालू को राहत
गाँव कनेक्शन 8 May 2017 11:06 AM GMT
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट आज राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद के चारा घोटाला मामले में राहत नहीं मिली है। कोर्ट ने सीबीआई की अर्जी स्वीकार कर ली है। साथ ही, कोर्ट ने कहा कि 9 महीने में मामले की सुनवाई कर ली जाएगी। लालू यादव पर आपराधिक मामलों के तहत सुनवाई होगी और हर मामले में अलग-अलग ट्रायल होगा।
अहम फैसला सुना सकता है। सीबीआई ने उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी है जिस पर शीर्ष न्यायालय सुनवाई करेगी। 1996 में सामने आए चारा घोटाला मामले में लालू यादव के अलावा कुल 47 आरोपी थे लेकिन लंबे समय से चल रही अदालती कार्यवाही के दौरान 15 आरोपियों की मौत हो गई जबकि सीबीआई ने दो आरोपियों को सरकारी गवाह बना लिया है।
इसी मामले में एक अन्य आरोपी के खिलाफ मामले को झारखंड उच्च न्यायालय खारिज कर चुका है। कुल मिलाकर अब दुमका कोषागार से जुड़े इस मामले में केवल 29 आरोपी बचे हैं जिनमें कुछ पूर्व आईएएस अधिकारी भी शामिल हैं।
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नब्बे के दशक में बिहार में लालू प्रसाद यादव के मुख्यमंत्री काल में हुए लगभग साढ़े नौ सौ करोड़ रुपये के चारा घोटाले में दुमका कोषागार से तीन करोड़, 31 लाख रुपये फर्जी ढंग से निकालने से जुड़े आरसी 38ए-96 के एक मामले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को सोमवार (13 जून) को रांची के सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत में पेश होना पड़ा था।
इससे पहले सोमवार (17 अगस्त, 2015) को चारा घोटाले केस में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) प्रमुख लालू प्रसाद यादव के खिलाफ सीबीआई ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी दायर की थी। सीबीआई ने यह अपील लालू यादव पर धाराएं कम करने के खिलाफ दी थी।
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