यूपी: ओलावृष्टि से 60 जिलों में भारी नुकसान के बाद केंद्र से मांगी 358 करोड़ रुपए की मदद

Arvind ShuklaArvind Shukla   20 March 2020 1:00 PM GMT

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यूपी: ओलावृष्टि से 60 जिलों में भारी नुकसान के बाद केंद्र से मांगी 358 करोड़ रुपए की मदद

लखनऊ। यूपी में बारिश और ओलावृष्टि से हुए नुकसान की भरपाई के लिए प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार से 350 करोड़ रुपए से ज्यादा की मांग की है। एक मार्च से 15 मार्च की बारिश में यूपी के 60 जिलों में रबी की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है, जबकि 37 जिलों में 33 फीसदी से ज्यादा नुकसान हुआ है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय को 19 मार्च को ओलावृष्टि मेमोरंडम 2020 भेजा, जिसमें बताया गया है कि एक मार्च से 15 तक यूपी में हुई बारिश, ओलावृष्टि और आकाशीय बिजली गिरने से 35142.72 लाख रुपए की फसलें, 54.96 लाख रुपए के पशुधन और 384.30 लाख रुपए का नुकसान लोगों के घरों के गिरने से हुआ है। यूपी सरकार ने केंद्र सरकार से प्रदेश के प्रभावित लोगों की मदद के लिए 358.57 करोड़ रुपए की मदद मांगी है।

राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश सरकार किसानों की मदद के लिए राज्य आपदा मोचक निधि से 19 मार्च को 249.02 करोड़ रुपए स्वीकृत कर चुकी है, जबकि 6 मार्च को सरकार ने 24.49 करोड़ रुपए जारी किए थे। राज्य सरकार के मुताबिक इस वित्तीय वर्ष अब तक सरकार ओलावृष्टि से प्रभावित जिलों के लिए 273.51 करोड़ रुपए का बजट दिया गया है।

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उत्तर प्रदेश में 3 मार्च से शुरू हुआ बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवाओं का दौर रुक-रुक कर 15 मार्च तक जारी रहा। भारतीय मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक यूपी के 75 में से 74 जिलों में अतिवृष्टि हुई जिससे गेहूं, आलू, सरसों, सब्जियों, आम, तरबूज, खरबूज समेत रबी की लगभग हर फसल को नुकसान पहुंचा। 5 मार्च की बारिश के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्राकृतिक आपदा से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को 4 लाख रुपए और पीड़ित किसानों को 48 घंटे के अंदर मुआवजा दिए जाने का निर्देश दिया था। जालौन में फसल नुकसान का जायजा लेने सीएम खुद पहुंचे थे।


यूपी सरकार के आंकड़ों के मुताबिक 37 जिलों में 82,21,00 किसानों की 2.89 लाख हेक्टेयर फसल में 33 फीसदी से अधिक की क्षति हुई है। सरकार के आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान 68 लोगों की मौत हुई। 379 पशुओं की भी जान गई जबकि 11642 घर क्षतिग्रस्त हुए।

केंद्र को भेजी गई रिपोर्ट के मुताबिक 60 जिलों में 92.91 लाख हेक्टेयर में फसल बोई गई थी, जिसमें से 12.96 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद हुई है, लेकिन इसमें 2.89 लाख हेक्टेयर ही वो क्षेत्र है जो 33 फीसदी से ज्यादा नुकसान हुआ है।

सबसे ज्यादा नुकसान यूपी के मिर्जापुर जिले में हुआ। यहां 15,0515 किसानों की 67367.63 हेक्टेयर फसल खराब हुई, पैसे में जोड़े तो नुकसान, 7260.33 लाख है। दूसरे नंबर पर मथुरा है जहां, 1891 किसानों की 33757.00 हेक्टेयर फसल बर्बाद हुई। सीतापुर 87,584 किसानों की 25145.87 हेक्येटर फसल बर्बाद हुई तो चौथे नंबर पर बुंदेलखंड का चित्रकूट जिला है, जहां 52073 किसानों की 36711.19 हेक्टेयर फसल बर्बाद हुई।


किन-किन फसलों का हुआ नुकसान

यूपी के इन 60 जिलों में कुल अनाज, फसल सब्जी का रकबा था 5291064.61 हेक्टेयर, प्रभावित हुई, 1226073.66 हेक्टेयर, 289363.19 में 33 फीसदी से ज्यादा नुकासन का आंकलन किया गया है।

अति प्रभावित 60 जिलों में 4083842.23 हेक्टेयर में गेहूं बोया गया था, जिसमें 963245.19 का नुकसान हुआ, जबकि 187077.62 हेक्टेयर में 33 फीसदी से ज्यादा का नुकसान हुआ है।

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वहीं इन जिलों में 28244.99 हेक्टेयर में सरसों बोई गई थी, जिसमें से 100477.52 हेक्टयेर प्रभावित हुई। 33 फीसदी से ज्यादा नुकसान 37662.86 हेक्टेयर में हुआ है।

बारिश और ओलावृष्टि के बीच प्रदेश सरकार ने सभी जिलों से नुकसान का आंकलन कर आपदा आयुक्त को निर्देश दिए गए थे।

नुकसान के अनुपात में जिलो ने मांगी रकम

जिले- मांग दी गई धनराशि (लाख में)

मिर्जापुर- 7347.75 4641.66

मथुरा- 4561.33 3285.71

सीतापुर- 3412.37 2165.82

चित्रकूट- 3662.07 2 586.48

अलीगढ़ 2692.94 1939.78

प्रयागराज 2018.09 121.40

बुलंदशहर 2342.85 1663.96

गाजीपुर 1692.98 1060.28

संत रविदासनगर 911.21 599.06

बाराबंकी 996.16 673.03

  

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