40 फीसदी जिलों में सूखे के आसार, फिर भी सरकार ने अनाज उत्पादन का लक्ष्य बढ़ाया

40 फीसदी जिलों में सूखे के आसार, फिर भी सरकार ने अनाज उत्पादन का लक्ष्य बढ़ाया

नई दिल्ली (भाषा)। इस मानसून सत्र में बारिश सामान्य से कम रहने के बावजूद सरकार ने फसल वर्ष 2018-19 में 28.52 करोड़ टन अनाज उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है। पिछले वर्ष 2017-18 (जून से जुलाई) में 28.48 करोड़ टन अनाज का उत्पादन हुआ था।

रबी फसल के लिए रणनीतियां तैयार करने के लिए बुलाये गये एक सम्मेलन में यह लक्ष्य निर्धारित किया गया। केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने सम्मेलन में कहा "मानसून में अनियमित बारिश के बावजूद हम खरीफ सीजन में उच्च उत्पादन की उम्मीद कर रहे हैं।"

गौरतलब है कि देश के 641 में से 254 जिलों में कम बारिश हुई है। इस साल अगस्त और सितंबर के तीसरे सप्ताह तक दक्षिण पश्चिम मानसून की झमाझम बारिश के बावजूद देश के लगभग 40 प्रतिशत जिलों में सूखे जैसी स्थिति है।

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ये जिले झारखंड, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, बिहार, पश्चिमी राजस्थान, गुजरात, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक के हैं। कृषि मंत्रालय के मानकों के मुताबिक अगर यह आंकड़ा 40 प्रतिशत के स्तर को पार कर जाता है तो इसे 'कम बारिश' वाला साल करार दिया जायेगा। बावजूद इसके सरकार को लग रहा है कि वर्ष 2018-19 में ज्यादा अनाज का उत्पादन होगा।

खरीफ फसलों की कटाई इस महीने के अंत से शुरू होगी और इसके बाद रबी फसल की बुवाई शुरू होगी है। कृषि मंत्रालय के एक वरष्ठि अधिकारी के अनुसार धान उत्पादन का लक्ष्य 11.3 करोड़ टन रखा गया है। पिछले फसल वर्ष में 11.29 करोड़ टन धान का उत्पादन किया गया था। गेहूं उत्पादन का लक्ष्य 10 करोड़ टन तय किया गया, 2017-18 में 9.97 करोड़ टन उत्पादन हुआ था।

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केंद्र ने मोटे अनाज उत्पादन का लक्ष्य 4.67 करोड़ टन रखा है, इससे पिछले वर्ष यह 4.69 करोड़ टन था। दलहन उत्पादन का लक्ष्य अब तक के सर्वकालिक स्तर 2.52 करोड़ टन से 2.5 करोड़ टन पर रखा गया है। अखाद्य फसलों में तिलहन उत्पादन का लक्ष्य 3.6 करोड़ टन रखा गया है। 2017-18 में यह 3.13 करोड़ टन था। कपास उत्पादन का लक्ष्य 3.5 करोड़ गांठ (एक गांठ में 170 किलोग्राम) निर्धारित किया गया, यह पिछले फसल वर्ष 3.48 करोड़ गांठ था। सम्मेलन के दौरान कृषि सचिव एस के पटनायक ने कहा कि सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार द्वारा उठाये गये कदमों को रेखांकित किया।


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