पशुओं के लिए ट्रे में उगाएं पौष्टिक चारा, देखिए वीडियो

Divendra Singh | Jan 02, 2018, 17:15 IST
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लखनऊ। अब वो दिन गए जब खेत में हरा चारा उगाने के लिए मेहनत करनी पड़ती थी। अब पशुपालक एक ट्रे में चारा उगा सकते हैं, यही नहीं ये चारा खेत में उगे चारे से ज्यादा पौष्टिक भी होता है।

किसान दुधारू पशुओं को खिलाने के लिए चारे और हरे घास के विकल्प के रूप में हाइड्रोपोनिक विधि से उगाए गए चारे को इस्तेमाल कर सकते हैं। एक ट्रे में बिना मिट्टी के ही चारा सात से दस दिनों में ही उगकर तैयार हो जाता है। साथ ही इस तकनीक से इस चारे को किसी भी मौसम में लगाया जा सकता है।



ट्रे में उगाएं चारा खास बात है कि दूधारू पशुओं के दूध बढ़ाने में यह चारा दूसरे हरे चारे की तुलना में ज्यादा पोषक भी होता है। हाइड्रोपोनिक तकनीक से तैयार की गई घास में आम हरे चारे की तुलना में 40 फीसदी ज्यादा पोषण होता है।

चारा अनुसंधान संस्थान झांसी के वैज्ञानिक डॉ. राजीव अग्रवाल इस तकनीक के बारे में बताते हैं, “पौधे उगाने की यह तकनीक पर्यावरण के लिए काफी सही होती है। इन पौधों के लिए कम पानी की जरूरत होती है, जिससे पानी की बचत होती है। कीटनाशकों के भी काफी कम प्रयोग की आवश्यकता होती है। मिट्टी में पैदा होने वाले पौधों तथा इस तकनीक से उगाए जाने वाले पौधों की पैदावार में काफी अंतर होता है। इस तकनीक से एक किलो मक्का से पांच से सात किलो चारा दस दिन में बनता है, इसमें जमीन भी नहीं लगती है।”

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हरा चारा इस विधि से हरे चारे के उगाने के बारे में डॉ. राजीव अग्रवाल बताते हैं, “सबसे पहले मक्के को 24 घंटे के लिए पानी में भिगोना होता है। उसके बाद एक ट्रे में उसे डालना होता है, और जूट के बोरे से ढक देते हैं। तीन दिनों तक इसे ढके रखने पर उसमें अंकुरण हो जाता है। फिर उसे पांच ट्रे में बांट देना होता है। हर दो-तीन घंटे में पानी डालना होता है। ट्रे में छेद होता है, जितना पौधों को पानी की जरूरत होती है उतना पानी ही रुकता है बाकी पानी निकल जाता है।

यह तकनीक मेहनत भी बचाती है क्योंकि खेतों में काम करने के लिए काफी मेहनत की जरूरत पड़ती है, जबकि इस तकनीक में ज्यादा मेहनत की आवश्यकता नहीं रहती। ऐसे में फसलों की लागत कम रहती है तथा किसानों को अच्छा मुनाफा मिलता है। हाइड्रोपोनिक तकनीक से पौधों को ज्यादा आक्सीजन मिल जाती है और पौधे ज्यादा तेज गति से न्यूट्रीएंट को सोखते हैं। परंपरागत हरे चारे में प्रोटीन 10.7 फीसदी होती है जबकि हाइड्रोपोनिक्स हरे चारे में प्रोटीन 13.6 प्रतिशत होती है।



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