मशरूम उत्पादन से जयंती देवी ने बनाई पहचान 

Diti BajpaiDiti Bajpai   8 Dec 2017 6:45 PM GMT

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मशरूम उत्पादन से जयंती देवी ने बनाई पहचान जयंती देवी फरीदपुर गाँव बरेली। 

लखनऊ। कम लागत और कम समय में मुनाफा देना वाला मशरूम व्यवसाय करके जयंती देवी ने अपने गाँव में अपनी एक पहचान बनाई है। आज वो आत्मनिर्भर बनी हुई है साथ ही गाँव की महिलाओं को मशरूम व्यवसाय का प्रशिक्षण दे रही है।

"मैंने पहले इसका कृषि विज्ञान केंद्र से प्रशिक्षण लिया, उसके बाद इस व्यवसाय को शुरू किया। शुरू में एक कुंतल में जब किया जो भी उत्पादन हुआ गाँव में ही बेच दिया। अब 15 कुंतल में कर रहे है और बाजार में इसको बेच रहे है। बाजार में मशरूम के रेट भी अच्छे मिल रहे है।" ऐसा बताती हैं, जंयती देवी।

बरेली जिले से करीब 20 किमी. दूर फरीदपुर गाँव में रहने वाली जंयती ने वर्ष 2015 में मशरूम उत्पादन का काम शुरू किया था। आज वो इस व्यवसाय से लाखों रुपए की कमाई कर रही है।

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मशरूम व्यवसाय जिसमें ज्यादा संसाधन और ज्यादा खर्चें की आवश्यकता नहीं होती है।

"मशरूम एक ऐसा व्यवसाय है जिसको ज्यादा संसाधन और ज्यादा खर्चें की आवश्यकता नहीं होती है। पशुओं की कोई खाली पड़ी पशुशाला या फिर घर के किसी अंधेरे कमरे की साफ-सफाई करके इसे वैज्ञानिक विधि से मशरूम उत्पादन के लिए प्रयोग में लाया जा सकता है। इसके अलावा किसान अपने खेत में भी छप्परनुमा झोपड़ी बना कर मशरूम उत्पादन कर सकते हैं।" ऐसा बताते हैं, कृषि विज्ञान केंद्र बरेली के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॅा वीपी सिंह।

डॅा सिंह आगे बताते हैं, "महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए समय-समय पर ट्रेंनिग देते रहते है। वैसे ही जयंती को प्रशिक्षण दिया गया है। एक कुंतल से जयंती ने मशरूम उत्पादन शुरू किया आज उन्होंने 10 कुंतल से भी ज्यादा बोया हुआ है, जिससे वह पांच लाख से भी रुपए की कमाई कर रही है।"

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खेत में भी छप्परनुमा झोपड़ी बना कर मशरूम उत्पादन कर सकते हैं।

मशरूम उत्पादन के लिए एक विशेष तरीके के कम्पोस्ट की आवश्यकता होती है। जिसे बनाने के लिए सामग्री आसानी से उपलब्ध हो जाती है। कम्पोस्ट 28 दिन में मशरूम स्पान डालने के लिए बन कर तैयार हो जाती है। स्पान डालने के एक महीने के बाद उत्पादन शुरू हो जाता है।

जयंती अपने व्यवसाय को शुरू करने के बारे में बताती हैं, "प्रशिक्षण लेने के बाद मैंने अपने घर के एक अंधेरे कमरे से आठ कुंतल कम्पोस्ट के साथ दस हजार रुपए की लागत से मशरूम उत्पादन की शुरूआत की। इससे तीन कुंतल बटन मशरूम की उपज हुई, जिससे उन्हें 22000 रुपये की आमदनी हुई। उसके बाद से मैंने इस व्यवसाय को शुरू किया। आज तीन कमरों में हम मशरूम उगा रहे है।"

अंधेरे कमरे में की जा सकती है मशरूम।

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