एमएसपी पर धान खरीद के 3 महीने, सबसे ज्यादा पंजाब से हुई खरीदारी, जानिए किस राज्य से हुई सबसे कम खरीद, पूरे देश की रिपोर्ट

कृषि कानूनों को लेकर विरोध कर रहे पंजाब के किसानों को एमएसपी पर धान खरीद में सबसे ज्यादा फायदा हुआ, पूरे देश की कुल खरीद में 45 फीसदी हिस्सेदारी अकेले पंजाब की है.. जानिए बाकी राज्यों का हाल

Arvind ShuklaArvind Shukla   26 Dec 2020 7:33 PM GMT

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एमएसपी पर धान खरीद के 3 महीने, सबसे ज्यादा पंजाब से हुई खरीदारी, जानिए किस राज्य से हुई सबसे कम खरीद, पूरे देश की रिपोर्टसरकारी आंकड़ों के मुताबिक 25 दिसंबर तक देश में हुई कुल धान खरीद में राज्यों की भागीदारी (प्रतिशत में)- ग्राफ पीआईबी

नई दिल्ली/लखनऊ। कृषि कानून और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर जारी हंगामे के बीच धान खरीद के पिछले तीन महीनों के आंकड़े आ गए हैं। धान की खरीद पंजाब और हरियाणा में 26 सितंबर से शुरु हुई थी जबकि बाकी राज्यों में एक अक्टूबर, 15 अक्टूबर और 15 नवंबर से। पिछले तीन महीन में 449.83 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हुई है। चालू खरीद सीजन में सबसे ज्यादा खरीद 45.7 फीसदी पंजाब से हुई है, जबकि सबसे कम तमिलनाडु से 1.2 फीसदी है। वहीं यूपी की हिस्सेदारी 10 फीसदी है।

सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक खरीफ विपणन सीजन 2020-21 के दौरान एमएसपी पर खरीद जारी है। 25 दिसंबर तक आंकड़ों के मुताबिक पिछले वर्ष की तुलना में 24.91 फीसदी ज्यादा खरीद हुई है। जिसके एवज में किसानों को 84928.10 करोड़ का भुगतान किया है। एमएसपी पर खरीद से 55.49 लाख धान के किसानों को फायदा हुआ है।

उपभोक्ताज कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले वर्ष 25 दिसंबर तक 360.09 लाख मीट्रिक टन की खरीद हुई। इस साल 449.83 लाख मीट्रिक टन की धान खरीद में 202.77 लाख मीट्रिक टन की खरीद पंजाब से हुई है जो कुल खरीद का 45.07 फीसदी है।

धान खरीद में दूसरे नंबर पर हरियाणा है जहां से 12.5 फीसदी, जबकि तीसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश हैं, यूपी की भागीदारी 10 फीसदी है। सरकार दर पर धान खरीद में चौथे नंबर पर छत्तीसगढ़ (9.0फीसदी) और पांचवें नंबर पर तेलंगाना (8.4 फीसदी) है। देश में हुई कुल धान खरीद में ओडिशा की भागरीदारी 3.7 फीसदी, जबकि मध्य प्रदेश 3.5 फीसदी है। वहीं 2.2 फीसदी भागीदारी उत्तराखंड की है, जबकि तमिलनाडु से 1.2 फीसदी है। बाकी राज्यों की हिस्सेदारी 4.4 फीसदी है।

450 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद, पंजाब की हिस्सेदारी 45 फीसदी, बाकी में पूरा देश

पंजाब 45.07%

हरियाणा 12.5%

त्तर प्रदेश 10%

छत्तीसगढ़- 9.0%

तेलंगाना- 8.4%

ओडिशा-3.7%

मध्य प्रदेश 3.5%

उत्तराखंड 2.2%

तमिलनाडु- 1.2%

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पंजाब में 29 लाख हेक्टेयर रकबा, 202 लाख मीट्रिट टन की खरीद, यूपी में 60 लाख हेक्टेयर में धान का रकबा 55 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य

पंजाब सरकार के आंकड़ों के अनुसार पंजाब में धान का रकबा 2019-20 में 29.20 लाख हेक्टेयर था। इस साल सरकार ने 178 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य रखा था। कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) की वर्ष 2017-18 की रिपोर्ट के धान उत्पादन के मामले में पश्चिम बंगाल, पंजाब के बाद उत्तर प्रदेश तीसरे नंबर पर आता है।

उत्तर प्रदेश में कृषि विभाग के अधिकारियों के मुताबिक प्रदेश में 60 लाख हेक्टेयर में धान की खेती होती है, और सालाना 169 लाख मीट्रिक चावल (एक कुंतल धान में 67 से 64 किलो चावल सरकारी मानक) का उत्पादन होता है। जबकि सरकार ने 55 लाख मीट्रिक धान खरीद का लक्ष्य रखा था।

उत्तर प्रदेश ने साल 2020-21 में धान खरीद के लिए 55 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य रखा था, जिसके एवज में 26 दिसंबर रात 10 बजे तक 46.02 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हो चुकी है। उत्तर प्रदेश खाद्य एवं रसद विभाग की वेबसाइट के मुताबिक यूपी में धान बेचने के लिए 1288627 किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया था 26 दिसंबर में 870850 किसानों से खरीद 46 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हो चुकी थी।

उत्तर प्रदेश के पश्चिमी यूपी के जिलों में 1 अक्टूबर जबकि बाकी जिलों में 15 नवंबर से धान खरीद शुरु हुई थी। प्रदेश में 11 सरकारी खरीद एजेंसियों को धान खरीद की जिम्मेदारी दी गई थी, जो 4420 खरीद केंद्रों के जरिए धान खरीद कर रही हैं।

यूपी में धान खरीद को लेकर लखीमपुर, सीतापुर, बाराबंकी समेत कई जिलों में किसान लगातार अपनी आवाज़ उठा रहे हैं। पिछले कई दिनों से धान खरीद को लेकर प्रदर्शन कर रहे यूपी के बाराबंकी जिले में 23 दिसंबर को मंडी में प्रदर्शन कर रहे किसान ट्रैक्टर ट्राली समेत लखनऊ कूच करने लगे तो प्रशासन ने मंडी का गेट बंद करा दिया। जिसके बाद भारतीय किसान यूनियन (भानु गुट) के कुछ किसान नेताओं ने डीजल छिड़कर आत्मदाह का प्रयास किया। भाकियू (भानु) के प्रदेश प्रभारी आशु चौधरी के मुताबिक गन्ना कार्यालय में प्रदर्शन कर रहे किसानों को तौल का भरोसा देकर नवीन गल्ला मंडी भेजा गया था लेकिन 20 दिन से यहां भी तौल नहीं हो पा रही है।

यूपी में धान खरीद को लेकर लापरवाही और अनियमितता के आरोप में 23 दिसंबर तक 796 कार्रवाई की गई हैं। सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार 25 जनपदों में धान खरीद में खामियां पाई गई हैं।

खाद्य एवं रसद विभाग के मुताबिक इन जिलों में पाई गईं खामियां

हरदोई, लखीमपुर खीरी, कानपुर नगर, कानपुर देहात, औरेया, कन्नौज,फरूर्खाबाद, बाराबंकी, बलरामपुर, बस्ती, बहराइच, गोरखपुर, महराजगंज, कुशीनगर, सिद्धार्थनगर, बलिया, मिर्जापुर, सोनभद्र, संतरविदास नगर, फतेहपुर, चित्रकूट, बांदा, चंदौली और जौनपुर

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