मध्य प्रदेश बजट 2018 में किसानों के लिए सौगातें ही सौगातें, कृषि को दिए 37,498 करोड़ रुपए
Sanjay Srivastava 28 Feb 2018 6:49 PM GMT
भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा में राज्य के वित्तमंत्री जयंत मलैया ने बुधवार को वर्ष 2018-19 का दो लाख करोड़ रुपए से अधिक का मध्य प्रदेश बजट 2018 पेश किया। बजट में किसानों के लिए कई सौगातें दी गई हैं। इस बजट में हर वर्ग को संतुष्ट करने की भी कोशिश की गई है, मगर यह भी बताया गया है कि राजकोषीय घाटा तय सीमा को पार कर 4.32 फीसदी पहुंच गया है।
अपनी उपज के वाजिब दाम दिलाने एवं ऋण माफी सहित विभिन्न मांगों को लेकर पिछले साल प्रदेश में हुए किसान आंदोलन के दौरान छह जून को आंदोलन के मुख्य केन्द्र मंदसौर में पुलिस गोलीबारी में पांच किसानों की मौत हो गई थी। अपनी उपज का वाजिब दाम न मिलने के कारण किसानों ने इस आंदोलन के दौरान अपने उत्पादों को भी सड़क पर फेंक दिया था। इसके अलावा, भाजपा के बागी नेता एवं पूर्व केन्द्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले में हाल ही में दो बार किसानों के समर्थन में आंदोलन किया।
इसी को ध्यान में रखकर मध्य प्रदेश सरकार ने कृषि बजट में वर्ष 2018-19 के लिए 37,498 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है, जो वर्ष 2017-18 के पुनरीक्षित अनुमान से 17 प्रतिशत अधिक है। इसके अलावा, सरकार ने वर्ष 2018-19 के लिए सिंचाई क्षेत्र के लिए 10,928 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है, जो वर्ष 2017-18 के पुनरीक्षित अनुमान से 17 प्रतिशत अधिक है।
वित्तमंत्री जयंत मलैया ने इस विधानसभा कार्यकाल का अंतिम बजट पेश किया। इस बजट में कृषि, ग्रामीण विकास, सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला विकास आदि पर विशेष जोर दिया गया है। जयंत मलैया ने कहा कि, गेहूं तथा धान उत्पादक किसानों को प्रोत्सहित करने के उद्देश्य से 'कृषक समृद्धि योजना' प्रारंभ की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत लगभग 9 लाख किसानों को प्रति कुंतल 200 रुपए के मान से प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। इस योजना के लिए वर्ष 2018-19 के बजट में 3,650 करोड़ रुपए का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों की आय 5 वर्ष में दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध है।
जयंत मलैया के पेश किए गए यह बजट 2,04,642 करोड़ रुपए का है। भाजपा सरकार का यह 14वां और जयंत मलैया का पांचवां बजट है। इस बजट में 26,780 करोड़ रुपए का राजकोषीय घाटा दर्शाया गया है।
जयंत मलैया ने बजट पेश किए जाने के दौरान वर्ष 2003 में कांग्रेस के कार्यकाल की स्थिति और 2018 की स्थिति की भी तुलना की है। सिंचाई, स्वास्थ्य, शिक्षा, अधोसंरचना सहित अन्य क्षेत्रों में कितना बदलाव आया है, मलैया ने इसका भी ब्योरा दिया।
जयंत मलैया द्वारा पेश किए गए बजट में कृषि और संबद्ध क्षेत्र के लिए 37,498 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। वहीं स्कूल शिक्षा विभाग को 21,724 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया। स्वास्थ्य के लिए सिर्फ 5,689 करोड़ रुपए का ही बजट दिया गया है। इसके अलावा कानून व्यवस्था के लिए 6,897 करोड़ रुपए का ही प्रावधान किया गया है।
मलैया ने कहा कि भोपाल एवं इन्दौर में मेट्रो रेल परियोजना के प्रथम चरण का निर्माण वर्ष 2018-19 में प्रारंभ करने का लक्ष्य है। हालांकि, इसके लिए उन्होंने बजट प्रावधान नहीं बताया। उन्होंने बताया कि स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत चयनित छह शहरों भोपाल, इन्दौर, जबलपुर, ग्वालियर, सागर तथा सतना में नागरिकों को बुनियादी सुविधाएं, स्वच्छ और टिकाऊ पर्यावरण, जीने के लिए उच्च स्तरीय गुणवत्ता तथा स्मार्ट समाधान प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी योजना के लिए वर्ष 2018-19 के लिए 700 करोड़ रुपए का प्रावधान है।
वर्ष 2017-18 का पुनरीक्षित बजट जहां 1,75,152.08 करोड़ रुपए का था, वहीं वर्ष 2018-19 के लिए 2,04,642.44 करोड़ रुपए का बजट अनुमान पेश किया गया। इस तरह बजट में लगभग 30 हजार करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हुई है। वहीं दूसरी ओर देखें तो राजकोषीय घाटा 26780.25 करोड़ रुपए निर्धारित है।
राज्य में राजकोषीय घाटा तय लक्ष्य से ऊपर निकल गया है। वर्ष 2016-17 में राजकोषीय घाटा 4.33 प्रतिशत रहा जो तय सीमा 3.25 से अधिक है। इसी तरह वर्ष 2017-18 में पुनरीक्षित अनुमान 3.49 है। वहीं वर्ष 2018-19 में राजकोषीय घाटे को 3.24 प्रतिशत रखने का अनुमान है।
मलैया द्वारा बजट पेश किए जाने के दौरान कांग्रेस विधायकों ने खूब हो हल्ला किया। कांग्रेस ने राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं से लेकर अन्य मुद्दों को उठाया।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के बजट को ऐतिहासिक और जनता के कल्याण वाला बजट बताया। वहीं, कांग्रेस ने कहा कि भाजपा सरकार के तीसरे कार्यकाल के इस अंतिम बजट से यह साफ हो गया है कि अब इस सरकार की विदाई तय है।
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इनुपट एजेंसियां
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