यूपी के इस डीएम की सलाह मानें तो बदल सकती है सरकारी स्कूलों की तस्वीर

ललितपुर के जिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह ने गाँव कनेक्शन से खास बातचीत में प्राथमिक शिक्षा के स्तर में सुधार लाने के कुछ सुझाव दिए।

Divendra SinghDivendra Singh   3 Sep 2018 8:22 AM GMT

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यूपी के इस डीएम की सलाह मानें तो बदल सकती है सरकारी स्कूलों की तस्वीर

ललितपुर। यूपी के आखिरी ज़िले व मध्य प्रदेश सीमा पर स्थित ललितपुर में प्राथमिक शिक्षा के स्तर मेें पिछले कुछ वर्षों काफी में सुधार हुए हैं, लेकिन अभी और भी ध्यान देने की जरूरत है। ललितपुर जिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह ने गाँव कनेक्शन से खास बातचीत में प्राथमिक शिक्षा के स्तर में सुधार लाने के कुछ सुझाव दिए।

ज़िले में प्राथमिक शिक्षा के स्तर के बारे में वो कहते हैं, "देखिए प्राथमिक शिक्षा में पूरे प्रदेश में वही स्थिति है, कुछ अलग नहीं है अध्यापकों की बहुत कमी है, अध्यापकों की कमी के साथ अध्यापक राजनीति में भी बहुत सक्रिय है, जिसका असर शिक्षा पर भी पड़ रहा है।"

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विद्यालय प्रबंधन समितियों के बारे में वो बताते हैं, "अभी जो एसएमसी मेम्बर हैं वही जागरूक नहीं हैं, जो प्रधान हैं वही जागरूक नहीं हैं। मैंने जगह-जगह पर लोगों को जागरूक किया है, प्रधानों के सम्मेलन किए, जगह-जगह लोगों को जागरूक किया कि वो काम करें, मुझे लगता है कि जनता का जो प्रतिनिधि है वो प्रधान है, विधायक और सांसद से ज्यादा ग्राम प्रधान लोगों के करीब रहता है, तो वही असल जन प्रतिनिधि होता है।"

"मैंने प्रधानों से बहुत काम भी लिया है, प्रधानों ने अच्छा भी काम भी किया है। ऐसे ही समिति में प्रधान ही नहीं दूसरे मेम्बर भी होते हैं उन्हें जागरूक होना होगा, जब तक कंट्रोलिंग आथॉरिटी मजबूत नहीं होगी, सही नहीं होगा, "उन्होंने आगे कहा।

प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में अध्यापकों की कमी के बारे में वो कहते हैं, "ये निर्भर करता है कि प्रधानाध्यापक कैसे हैं, वो जैसे काम करेंगे, स्कूल भी वैसे ही चलेंगे। सुदूर के क्षेत्रों में शिक्षकों की बहुत कमी है, कहीं कहीं एक ही अध्यापक हैं, अगर वो भी छुट्टी पर चला गया तो विद्यालय बंद हो जाने की कागार पर पहुंच जाते हैं। जब तक व्यापक भर्ती नहीं कि जाएगी यही स्थिति रहेगी।"

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दूसरे ज़िलों से ललितपुर की तुलना करते हुए वो कहते हैं, "दूसरे ज़िलों के मुक़ाबले यहां की जनता बहुत सीधी है, वो लोग अपनी लड़ाई ही नहीं लड़ पाते हैं, लोग रोने लगते हैं, कई बार सुसाइड करने की भी कोशिश करते हैं। लेकिन एक चीज हैं यहां के लोगों में, मैं यहां के लोगों को खेती की दृष्टि से देखता हूं यहां बढ़िया है, सिंचाई की भी सुविधा है अगर चाहे तो बहुत कुछ कर सकते हैं।

शिक्षा व्यवस्था को सुझाव देते हुए मानवेंद्र सिंह ने आगे कहा, "बस आपको मोटीवेट करना है, यहां जो अध्यापक हैं उन्हें मोटिवेट करना होगा, एक ज़िले में हज़ारों अध्यापक होते हैं, उन्हें मोटिवेशन की जरूरत है, साथ ही विद्यालय प्रबंधन समितियों को भी उनकी ताकत के बारे में मोटिवेट करना चाहिए।

बच्चों के एडमिशन के बारे में वो कहते हैं, "यहां पर जिन बच्चों को एडमिशन हुआ है, वो स्कूल जाते हैं, जबकि दूसरे जिलों में ऐसा नहीं है, कई जगह पर तो बच्चे नाम लिखा लेते हैं और स्कूल ही नहीं आते हैं, जबकि ललितपुर में जिन बच्चों का नाम लिखा है वो हर दिन स्कूल जाते हैं। अभी पंचायत स्तर पर लोगों को जागरूक करने की जरूरत है, तभी शिक्षा के स्तर पर सुधार होगा।"

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