आपकी रसोई में है एक कमाल की औषधि
Deepak Acharya 14 March 2019 9:37 AM GMT
क्या आपको पता है कि आपके किचन में दुनिया की सबसे बेहतरीन हर्बल औषधियां एक डिब्बे में रखी हुई हैं? दरअसल आपकी रसोई में रखा मसालों का डिब्बा सेहत बेहतरी का सबसे असली खज़ाना है। मसालों के डिब्बे का एक सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है हल्दी और हल्दी को दुनियाभर के हर्बल मेडिसिन एक्सपर्ट्स सेहतमंदी के लिए सबसे उत्तम औषधियों में से एक मानते हैं यानी, हल्दी सिर्फ मसाला नहीं, कमाल की औषधि भी है।
हल्दी में कुर्कुमिन नामक रसायन बहुतायात से पाया जाता है। दुनियाभर में हो रही वैज्ञानिक शोधों पर नज़र डाली जाए तो जानकारी मिलती है कि ये रसायन कैंसररोधी भी है। हल्दी आपके फेफड़ों, यकृत और हृदय के लिए भी एक जबरदस्त टॉनिक है। प्रतिदिन हल्दी का पानी पीने से इन सभी अंगों से जुड़े विकार दूर होने लगते हैं।
एक गिलास पानी में करीब 1/2 चम्मच हल्दी का चूर्ण डालकर प्रतिदिन पीना चाहिए। पारंपरिक हर्बल जानकारों के अनुसार इस तरह हल्दी का पानी तैयार कर रोज पीना बहुत लाभकारी होता है। हल्दी के पानी को हमारी सेहत की देखभाल के लिए अमृत से कम नहीं आंकना चाहिए।
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सदियों से हिंदुस्तान में हल्दी का उपयोग सर्दी खांसी दूर करने के लिए किया जाता रहा है। पारंपरिक तौर से इसे दूध में डालकर भी पिया जाता है जिससे गले और फेफड़ों के संक्रमण में राहत मिल सके। आधा चम्मच हल्दी और इतनी ही मात्रा शहद की लें और दोनों को अच्छे से मिला लें। दिन में 3-4 बार इस मिश्रण को चाटा जाए, पुरानी से पुरानी कफ़, सर्दी और सांस से जुड़ी समस्याओं को छू मंतर करने के लिए ये बेहद प्रचलित पारंपरिक नुस्खा है। एक बात का जरूर ध्यान रखना जरूरी होता है कि इस मिश्रण (पेस्ट) को चाटने के बाद अगले आधे घंटे तक कुछ पीना नहीं चाहिए।
हजारों शोध परिणाम ये भी बताते हैं कि हल्दी एंटीबॉयोटिक है, और यह सर्दी खांसी के सूक्ष्मजीवों को मार गिराती है। हल्दी चोट होने पर संक्रमण रोकने में भी काफी सहायक होती है और तो और कटे फटे घाव भरने में भी मदद करती है। हल्दी से जुड़े अनेक परंपरागत नुस्खों को सदियों से आजमाया जाता रहा है और हल्दी के इन तमाम नुस्खों को आधुनिक विज्ञान भी अपनी मोहर लगा चुका है।
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