अचार के चटकारों से बढ़ाएं अपनी प्रतिरोधक क्षमता

कृषि विज्ञान केंद्र, रायबरेली की डॉ. दीपाली चौहान का कहना है कि अचार में एंटीऑक्सीडेंट भरपूर होता है, जो शरीर को फ्री रेडिकल से सुरक्षित रखने का काम करता है। ऐसे में अचार की नियंत्रित मात्रा शरीर को फायदा पहुंचता है।

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अचार के चटकारों से बढ़ाएं अपनी प्रतिरोधक क्षमता

अचार कम ही मात्रा में सही पर हमारे खान-पान का महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। खट्टे-मीठे और तीखे स्वाद में उपलब्ध अचार भारतीय थाली के जायके को और अधिक बढ़ाने का काम करते हैं। कोई भी अचार मुख्य रूप से मसालों, सरसों के तेल, नमक से तैयार होता है। जहां यह खाने के स्वाद को दोगुना कर देता है, वहीं स्वास्थ्य के लिहाज से भी फायदेमंद है।

कृषि विज्ञान केंद्र, रायबरेली की डॉ. दीपाली चौहान का कहना है कि अचार में एंटीऑक्सीडेंट भरपूर होता है, जो शरीर को फ्री रेडिकल से सुरक्षित रखने का काम करता है। ऐसे में अगर आप नियंत्रित मात्रा में अचार का सेवन करते हैं तो यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में अचार खाने की इच्छा होती है। ऐसे में आम या नींबू का अचार खाने से सुबह के समय गर्भवती को होने वाली कमजोरी में राहत मिलती है।

आंवले का अचार का सेवन मधुमेह के रोगियों के लिए काफी फायदेमंद होता है। अचार विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन के और खनिजों जैसे आयरन, कैल्शियम और पोटेशियम के भी अच्छे स्रोत होते हैं। विटामिन के रक्त का थक्का बनाने के लिए उत्तरदाई होता है। अतः चोट आदि लगने पर अचार खाना बहुत फायदेमंद होता है। अचार खाने से उपापचय की क्रिया भी सक्रिय होती है और इसमें मौजूद फाइबर की मदद से पाचन क्रिया भी सुचारू बनी रहती है।

सिरका रहित अचार के सेवन से हमारे हाथों में उपस्थित अनुकूल जीवाणुओं की संख्या या प्रोबायोटिक बैक्टीरिया की संख्या बढ़ जाती है, जो भोजन को पचाने में हमारी मदद करते हैं। इससे हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहता है।


अचार बनाना खाद्य पदार्थों को सुरक्षित रखने का एक तरीका है। भारत में अचार बनाने की प्रक्रिया लगभग 4000 से 5000 साल पहले शुरू हुई थी। गर्मियों के मौसम में गर्मी और पानी की कमी के कारण खाद्य पदार्थों का उत्पादन कम होता है। इसलिए सर्दियों के मौसम के दौरान उत्पादित अधिक खाद्य पदार्थों को संरक्षित करने के लिए अचार बनाने की प्रक्रिया का आविष्कार हुआ था।

वर्तमान में पूरा विश्व कोरोना वायरस से परेशान है। एक तो इसके संक्रमण में दिनों दिन वृद्धि हो रही है और दूसरी ओर इसका लाइलाज होना भी लोगों के मन में डर बढ़ा रहा है। कोविड का कोई इलाज तो नहीं है, लेकिन हम अपने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर इससे लड़ने की क्षमता को बढ़ा सकते हैं। जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, उन लोगों को वायरस अपनी चपेट में आसानी से ले लेता है। दिल के मरीज, डायबिटीज, कैंसर और किडनी की बीमारी वाले लोगों और बुजुर्गों पर कोरोना वायरस का खतरा ज्यादा होता है। क्योंकि ऐसे लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में खाद्य पदार्थों की बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। अपने दैनिक आहार में ऐसे खाद्य पदार्थों को शामिल कर कर हम अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं। इन्हें हम विभिन्न रूपों में अपने दैनिक आहार में ले सकते हैं। नींबू, लहसुन, आंवला, मेथी, सहजन व आम ऐसे ही खाद्य पदार्थ हैं, जो हमारी रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने में मदद करते है। इन्हें हम अचार के रूप में भी अपने रोज के खाने में शामिल कर सकते हैं।

नींबू का अचार

सामग्री: 800 ग्राम नींबू, 150 ग्राम नमक, तीन चौथाई बड़ा चम्मच हल्दी पाउडर, ढाई बड़ा चम्मच लाल मिर्च पाउडर, एक बड़ा चम्मच साबुत जीरा, डेढ़ बड़ा चम्मच मेथी दाना, एक बड़ा चम्मच राई, एक बड़ा चम्मच अदरक कद्दूकस किया हुआ, आधा बड़ा चम्मच हींग पाउडर।

विधि : नींबू को धोकर धूप में पानी सूखने तक रख दें। इसके बाद छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। धीमी आंच में एक पैन में जीरा, हींग और राई को सुनहरा होने तक भून लें। उसके बाद मसालों को ठंडा कर मिक्सी में पीस लें। फिर एक बर्तन में नमक, हल्दी, हींग और पिसे मसाले डालकर मिलाएं और इसमें नींबू के टुकड़े डालकर हाथों से अच्छी तरह मिला लें।

इसके बाद कांच की बरनी या जार में अचार को डालकर एक महीने तक रखें। शुरुआती एक हफ्ते तक बरनी को धूप में रखें तो अचार जल्दी गलेगा। जार या बरनी को दिन में एक बार हिला दे, जिससे नमक अच्छी तरह से अचार में मिल जाए। एक महीने बाद जब नींबू का छिलका मुलायम हो जाए तब इसमें कद्दूकस किया हुआ अदरक मिला दे। फिर जार के मुंह को कपड़े से बांधकर धूप में कुछ घंटों के लिए रख दें। ऐसा कुछ हफ्तों तक करें, जब तक अचार का शीरा गाढ़ा ना हो जाए।


लहसुन का अचार

सामग्री : डेढ़ किलो लहसुन की कलियां छिली हुई, 25 ग्राम राई दरदरी, 25 ग्राम मेथी दरदरा, 15 ग्राम हल्दी पाउडर, 25 ग्राम नमक, 25 ग्राम लाल मिर्च पाउडर, 1 चम्मच अजवायन, एक कप सरसों का तेल।

विधि: लहसुन को साफ पानी से धोकर 1 घंटे के लिए धूप में सुखाने के लिए फैला दें और फिर इसे मर्तबान में भरकर रख दें। अब तेल को किसी कढ़ाई या कटोरे में गरम कर लें। गर्म तेल में राई, मेथी, सौंफ, कलौंजी व अजवाइन डाल दें। इसके बाद जब तक तेल हल्का गुनगुना हो तो उसमें बाकी मसाले मिलाकर लहसुन वाले मर्तबान में डाल दें। अब इस मर्तबान को अच्छी तरीके से चलाएं ताकि मसाले लहसुन में अच्छी तरह से मिक्स हो जाए। अचार के मर्तबान को सूती कपड़े से ढककर एक हफ्ते तक धूप में रखें और मर्तबान को अच्छी तरह से हिलाते रहें। एक हफ्ते बाद अचार को चेक करें और फिर इसका इस्तेमाल करना शुरू कर सकते ।

आंवले का अचार

सामग्री : 500 ग्राम आंवला, 200 ग्राम सरसों का तेल, 2 छोटे चम्मच मेथी के दाने, एक छोटी चम्मच अजवाइन, 50 ग्राम नमक, 2 छोटे चम्मच हल्दी पाउडर, एक छोटा चम्मच लाल मिर्च पाउडर, 4 छोटी चम्मच मोटी पीसी हुई पीली सरसों।

विधि : अचार के लिए अच्छी किस्म के आंवले का प्रयोग करना चाहिए। आंवले को साफ पानी से धोकर किसी बर्तन में डाल दें। बर्तन में डेढ़ कप पानी डालकर गैस पर गरम होने के लिए रख दें। एक उबाल आने के बाद गैस को धीमा कर के आंवले को नरम होने तक पकने दें, जिससे आंवले की फांके आसानी से अलग की जा सकें। आंवला नरम पड़ने पर गैस को बंद कर दें और आंवले से पानी हटाकर अलग कर दें।

ठंडा होने के बाद आंवले की गुठली निकाल कर उसकी फांकें अलग अलग कर लें। कढ़ाई में तेल डालकर गर्म करें, जब तेल अच्छे से गर्म हो जाए तो गैस को बंद कर दें। तेल में हींग, मेथी और अजवाइन के दाने डालकर एक दो बार चम्मच से चलाएं। हल्दी पाउडर, सौंफ पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर, पीली सरसों और नमक डालकर मसाले को चम्मच से अच्छी तरह से मिला दें। इस मसाले में आंवला डालकर मसाला और आंवले को अच्छी तरह से मिला दें। अब आंवले का अचार तैयार है।

मेथी का अचार

सामग्री : 40 ग्राम मेथी के दाने, दो से तीन चम्मच सरसों का तेल, 250 ग्राम (6-7 नींबू) नींबू ,1/4 चम्मच से आधी हींग, आधा छोटी चम्मच दरदरी पिसी काली मिर्च, एक छोटी चम्मच दरदरी पिसी सौंफ, आधा छोटी चम्मच हल्दी पाउडर, आधा छोटी चम्मच लाल मिर्च पाउडर।

विधि: मेथी के दानों को अच्छी तरह साफ करके कपड़े से पोछ लें। पैन में तेल डालकर धुंआ उठनें तक गर्म करें और फिर गैस धीमा कर दें। जब तेल हल्का गर्म रहे तो इसमें मेथी के दाने डाल दे। रंग बदलने तक भून लें और गैस बंद कर दें। मेथी दानों में हिना पाउडर, काली मिर्च, सौंफ, हल्दी पाउडर, लाल मिर्च पाउडर और नमक डालकर अच्छी तरह मिला दें और अब इन्हें किसी प्याले में डाल लें। नींबू को काट कर किसी प्याले में रस निकाल लें और अचार में नींबू का रस डालकर मिला दें। दाना मेथी का अचार तैयार है, लेकिन अचार खाने के लिए 3 दिन बाद ही पूरी तरीके से तैयार होता है। तब तक मेथी के दाने नींबू के रस में फूल जाएंगे और सारे मसाले भी मिल जाएंगे।

सहजन का अचार

सामग्री : 250 ग्राम सहजन, एक छोटा चम्मच नमक ,1/3 कप सरसों का तेल, एक छोटी चम्मच नमक, 2-3 चुटकी हींग, एक छोटी चम्मच हल्दी पाउडर, एक छोटी चम्मच सौंफ पाउडर, 1/4 चम्मच लाल मिर्च पाउडर, 1/4 चम्मच काली मिर्च पाउडर, 2 छोटे चम्मच पीली सरसों दरदरी पिसी हुई, एक चम्मच सिरका।

विधि : सबसे पहले सहजन की फलियों को धो कर सुखा लें। लंबाई में काटकर एक छोटी चम्मच नमक मिलाकर डब्बे में बंद करके 3 दिन के लिए रख दें। रोजाना दिन में 1 बार चम्मच से फलियों को चलाकर ऊपर नीचे करते रहें। 3 दिन बाद तेल को कढ़ाई में डालकर अच्छे से गर्म करें और फिर गैस बंद कर दें। तेल थोड़ा ठंडा हो जाने के बाद ही हल्दी पाउडर डालकर मिक्स कर दे। सहजन की फलियों को भी इसमें डाल दें, नमक , लाल मिर्च पाउडर, काली मिर्च पाउडर डालकर सारी चीजों को अच्छी तरह से मिला लें। अचार में सिरका भी डाल कर मिला दें। सहजन का अचार तैयार है। अचार अच्छी तरह ठंडा होने के बाद कांच या प्लास्टिक के बर्तन में भरकर रख दें। 3 दिन में अचार खट्टा और बहुत स्वादिष्ट हो जाता है।

आम का अचार

सामग्री : एक किलो कच्चा आम, 100 ग्राम नमक, 2 चम्मच सौंफ, 1 चम्मच मेथी दाना, आधा कप सिरका, 2 चम्मच हल्दी पाउडर, 2 चम्मच लाल मिर्च पाउडर, 1/2 चम्मच हींग।

विधि : आम को अच्छी तरह धो लें और सुखा लें। आम के गूदे को बिना छीले ही छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। एस बर्तन में मेथी दाना व सौंफ डालकर हल्का सा भून लें ताकि इनकी नमी खत्म हो जाए। मसालों को ठंडा होने के बाद दरदरा पीस लें, अब कटे हुए आम के टुकड़ों में पिसा हुआ दरदरा मसाला, नमक, हल्दी पाउडर, लाल मिर्च पाउडर और सिरका डालकर सभी चीजों को अच्छे से मिला ले। आम का अचार बनकर तैयार है। यह अचार लगभग 1 सप्ताह के बाद खाने के लिए बिल्कुल तैयार को जाएगा। इस आचार को प्रतिदिन एक बार चम्मच से ऊपर नीचे करते हुए अच्छी तरह से मिला दे। ऐसा करने से अचार के सारे मसाले आपस में अच्छी तरह से मिल जाएंगे।

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