गंदगी में बन रहे खाने से मदरसे के 23 बच्चे बीमार

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गंदगी में बन रहे खाने से मदरसे के 23 बच्चे बीमारमदरसे में खाने से बीमार बच्चे  

कन्नौज। शहर के आवासीय मदरसा जामियातुल अहमद नगर शेखपुरा की 23 छात्राएं डायरिया की वजह से जिला अस्पताल में भर्ती कराई गईं। सिरदर्द और पेटदर्द से पीड़ित छात्राओं को देखने के लिए सीएमओ समेत कई अफसर मौके पर पहुंचे।

जिला मुख्यालय कन्नौज से करीब तीन किमी दूर चल रहे इस मदरसे की कई छात्राएं अचानक बीमार हो गईं। शुक्रवार की रात सभी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार साजिया (10), दिलषाद रूकसार(13) , रूबीना खातून (15), गुलनाज (17), काजल (11), निखत (12), नूरजहां (13), सालीमुन (15), मुबीना (13), मुस्कान (10), फिरदोस (12), रिजा (10), साहिना (14), इरफान (13), सबरीन (18), रिहाना (15) नरूरद्दीन, साफिया (12), नजरीन (22) जहमूद, तमना (12), मरियम (13) विकास (12) आदि जिला अस्पताल में भर्ती हैं। इनका इलाज चल रहा है।

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मदरसे में भी पहुंचकर एसीएमओ डॉ. जय जयराम (वीवीडी), अधीक्षक डॉ. सीएल मिश्रा, जिला मलेरिया अधिकारी हरिगोविंद, फार्मासिस्ट विद्यासागर, स्वास्थ्य पर्यवेक्षक भगवान, एचवी विनीता श्रीवास्तव, मलेरिया निरीक्षक नीरज गौतम व वार्डब्वाय गिरीश चंद्र ने छात्राओं के स्वास्थ्य की जांच की और दवाएं बांटी। डॉ. जय जयराम ने बताया कि 59 मरीज सामान्य श्रेणी के मिले हैं। जिन्हे जुकाम, सिरदर्द व बुखार है। 23 छात्र अस्पताल में भर्ती हैं। मदरसे में दवाएं बांट दी गई हैं। साथ ही सफाई रखने को कहा गया है।

डॉ. कृष्ण स्वरूप सीएमओ कन्नौज ने कहा कि बच्चों को फूड प्वाजनिंग हुई है। मैं खुद मदरसा और जिला अस्पताल पहुंचा था। डॉक्टरों की टीम भी पहुंची है। जिन छात्राओं ने दिक्कत बताई उनको दवाएं दी गई हैं। हालत में सुधार हो रहा है। सभी ठीक हैं।

छात्र-छात्राओं के अलग-अलग चल रहे आवासीय मदरसा जामियातुल मोहसन अहमद नगर शेखपुरा में गंदगी की वजह से छात्रायें बीमार हुई हैं। शनिवार को मदरसे की 23 छात्राओं के अचानक बीमार होने की खबर पर एसडीएम सदर डॉ. अरूण कुमार सिंह व डीएमडब्ल्यूओ पवन कुमार सिंह जांच करने पहुंचे। गंदगी मिलने पर उन्होंने नाराजगी भी जताई। छात्रों के मदरसे में चल रही रसोई के पास कूडे़ का ढेर और तालाब जैसा नजारा था। जिसमें बरसात का पानी भी था।

एसडीएम सदर डॉ. अरूण कुमार सिंह ने कहा कि मदरसे की किचन में गंदगी थी। प्रबंधक कमेटी को कहा गया है कि सफाई कराएं। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी पवन सिंह से भी कहा है कि सत्यापन कर जांच करें कि 500 छात्राओं और 300 छात्रों का खाना एक छोटी सी जगह में कैसे बनता है। रहने की क्या स्थिति है। सभी खाद्य पदार्थ जैसे मसाला, तेल व आंटा आदि का सैंपल भरकर जांच के लिए भेजा जाएगा। साथ ही हर सप्ताह सैंपलिंग कराई जाएगी।

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डीएमडब्ल्यूओ पवन कुमार सिंह बताते हैं कि ‘‘मदरसे को नोटिस जारी की जा रही है। दोनों मदरसे में रहने और खाने की क्या व्यवस्था है। किचन अच्छी नहीं मिली है। निर्देषित किया गया है कि सफाई कराएं। सभी मदरसों को नोटिस कर जानकारी मांगी जा रही है कि कितने आवासीय मदरसे चल रहे हैं। मदरसे के प्रबंधक मुफ्ती आफाक अहमद कहते हैं कि पानी की लाइन नाली में दो-तीन जगह टूटी है। जिसकी वजह से गंदा पानी छात्राओं के मदरसे में आ रहा है। छात्रों के मदरसे में खाना दोनों मदरसों का बनता है। पालिका से आने वाली पानी का कनेक्शन अलग-अलग है। अगर भोजन की वजह से छात्राएं बीमार होती तो छात्र भी हो सकते थे। दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने हिदायत दी है कि मदरसे में गंदगी कतई न फैलाएं।

आनन-फानन में हुई सफाई

मदरसे की छात्राओं के बीमार होने के मामला जब सुर्खियों में आया तो मुख्य गली में नगर पालिका परिशद कन्नौज के कर्मचारी झाडू लेकर सफाई करने में जुट गए। गलियों से गंदगी हटाई।

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