कन्नौज बना यूपी का 11वां ओडीएफ जनपद

कानपुर मंडल में कन्नौज ओडीएफ के मामले में दूसरे स्थान पर हैं। पहला स्थान इटावा को मिला है। इस साल दो ही जिले अब तक ओडीएफ हुए हैं, जिसमें कन्नौज भी है।

Ajay MishraAjay Mishra   27 Sep 2018 1:34 PM GMT

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कन्नौज बना यूपी का 11वां ओडीएफ जनपद

कन्नौज। देश और दुनिया में इत्रनगरी के नाम से विख्यात कन्नौज अब खुले में शौच से मुक्त घोषित हो गया। उत्तर प्रदेश का यह ओडीएफ होने वाला 11वां जनपद है।

गुरुवार को कलेक्ट्रेट परिसर में पहुंचे सूबे के बेसिक, माध्यमिक, उच्च, प्राविधिक और चिकित्सा एवं शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने कन्नौज को ओडीएफ घोषित किया। उन्होंने कहा, ''हम काम से संतुष्ट हैं। किसी भी तरह की आज शिकायत नहीं आई है। कुछ दिनों पहले आया था तो शिकायतें मिलीं थीं, जिसकी वजह से काम को दुरूस्त करने के लिए समय बढ़ा दिया गया था।''

खुले में शौच के खिलाफ दो लड़कियों की जंग

राज्यमंत्री ने कहा, ''खुले में शौच जाने से बीमारियां फैलती हैं और गरीब अपनी पूंजी इलाज में लगा देता है। अर्थव्यवस्था पर भी इसका प्रभाव पड़ता है। महिलाओं को सबसे अधिक नुकसान होता है।'' आगे कहा कि ''जब तक लोग स्वयं जागरूक नहीं होंगे, जब तक सोच में बदलाव नहीं आएगा किए गए कार्य विफल हो जाएंगे। ओडीएफ कोई प्रक्रिया नहीं है जीवन में बदलाव है।''


डीएम रवीन्द्र कुमार बताते हैं, ''वर्ष 2012 में बेसलाइन सर्वे हुआ था, उसी हिसाब से शौचालय बनवाए गए हैं। जो परिवार बाद में बढ़े हैं उनकी डिमांड शासन स्तर को भेज दी गई है। जल्द ही उनको शौचालय मिल जाएंगे। बीते आठ महीने से रात में प्रतिदिन दो घंटे बैठक चलती थीं। इसमें एक-एक ग्राम पंचायत की समीक्षा होती रही।'' आगे बताया, ''तीन महीने बाद सत्यापन भी कराया जाएगा। उसके छह महीने बाद सत्यापन होगा। मीडिया ने सचेतक की भूमिका निभाई, जिसकी वजह से यह मिशन पूरा हुआ।''

सीडीओ एसके सिंह कहते हैं, ''कानपुर मंडल में कन्नौज ओडीएफ के मामले में दूसरे स्थान पर हैं। पहला स्थान इटावा को मिला है। इस साल दो ही जिले अब तक ओडीएफ हुए हैं, जिसमें कन्नौज भी है।

इन्हें कीजिए सलाम ! 87 साल की उम्र में खुद शौचालय बना रहीं यह महिला

जिला पंचायत राज अधिकारी जितेंद्र कुमार मिश्र बताते हैं, ''पूर्व में प्रदेश के बिजनौर, फिरोजाबाद, शामली, मेरठ और इटावा आदि 10 जनपदों को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया जा चुका है। 11वां जनपद कन्नौज है।''

ब्लॉक प्रमुख उमर्दा अजय वर्मा ने कहा, ''अभी भी लोगों को प्रेरित करने की जरूरत है। जो भी कमियां रह गई हैं उनको दूर किया जाए। डीएम और उनकी टीम बधाई की पात्र है जो जिले को खुले में शौच से मुक्त कराया।''



पूर्व प्रधानाचार्य एनसी टंडन ने संचालन के दौरान कहा, ''कन्नौज में 2,05,107 शौचालय बनने थे, जो पूरे हो गए। 504 ग्राम पंचायतों वाले इस जिले में 701 राजस्व ग्राम हैं। करीब 1.74 लाख जियो टैगिंग (शौचालय फोटो अपलोड) हो चुकी है। 80 फीसदी पर ओडीएफ का मानक है लेकिन कन्नौज का प्रतिशत 85.42 फीसदी हो चुका है।'' कार्यक्रम को मद्यनिषेध, भूतत्व एवं खनन राज्यमंत्री अर्चना पांडेय, भाजपा प्रदेश मंत्री सुब्रत पाठक, विधायक तिर्वा कैलाश राजपूत, जिलाध्यक्ष नरेंद्र राजपूत ने भी संबोधित किया।

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इन्होंने की मेहनत और ऐसे मिलीं चुनौतियां

जिले को ओडीएफ करने में ग्राम पंचायत अधिकारियों, ग्राम विकास अधिकारियों, प्रधानों, स्वच्छाग्रहियों, कोटेदार, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों, डीपीसी, बीपीसी और शिक्षकों समेत काफी लोगों ने योगदान दिया। ग्राम पंचायत अधिकारी विमल दुबे बताते हैं, ''शुरूआत में काफी चुनौतियां आईं। ग्राम बात मानते नहीं थे। जब उनको ट्रिगरिंग के माध्यम से बताया गया तो व्यवहार परिवर्तन हुआ।'' आगे कहा, ''अलग-अलग ब्लॉकों में कई गांव ओडीएफ घोषित किए जा चुके हैं, आज बहुत अच्छा लग रहा है और खुशी का दिन है। मुझको भी प्रमाण पत्र देकर और पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया गया।

बुलंदशहर डीएम ने की थी शुरूआत

वर्तमान समय में बुलंदशहर के डीएम अनुज कुमार झा ने कन्नौज में जिलाधिकारी रहते हुए वर्ष 2016 में खुले में शौच से मुक्त अभियान की शुरुआत की थी। उस दौरान उन्होंने स्वच्छता दूतों की भर्ती की थी जो बिना मानदेय के इस मिशन में जुटे थे। उस समय डीपीआरओ पद पर जेके केसरवानी तैनात थे, जो रिटायर हो चुके हैं। डीएम अनुज कुमार झा खुद सुबह चार बजे गांव-गांव। पहुंचते थे और निगरानी समितियों से भी मिलते थे।

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