कामधेनु, मिनी और माइक्रो के बाद अब नवगठित सरकार ला रही है ‘गोपालक योजना’ 

Diti BajpaiDiti Bajpai   10 May 2017 8:25 PM GMT

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कामधेनु, मिनी और माइक्रो के बाद अब नवगठित सरकार ला रही है ‘गोपालक योजना’ बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए गोपालक योजना।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। कामधेनु, मिनी और माइक्रो योजना के बाद अब पशुपालकों और बेरोजगार युवाओं को लाभ देने के लिए नई सरकार ने गोपालक योजना शुरू करने की पूरी तैयारी कर ली है।

“नौ लाख की इस योजना का लाभ हर वर्ग के लोग उठा सकते हैं। इस योजना को छोटी रखने का यही उद्देश्य है कि इसमें लागत तो कम लगेगी साथ ही अधिक से अधिक पशुपालक इसका लाभ उठा सकेंगे। एक पशु की लागत करीब 70 हजार रुपए होगी। इस तरह प्रति इकाई की लागत सात लाख रुपए आएगी।” ऐसा बताते हैं पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ वी.के सिंह। सिंह बताते हैं, “इस योजना के तहत पशुपालक गाय-भैंस या दोनों ही रख सकेंगे। तहसील पर पशुपालक इस योजना के लिए आवेदन कर सकता हैं।”

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वर्ष 2013 में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सवा करोड़ की कामधेनु योजना की शुरुआत की थी। इसके बाद 50 लाख मिनी और 25 लाख की माइक्रो कामधेनु डेयरी योजना शुरू की। प्रदेश में बड़ी संख्या में डेयरी के लिए आवेदन किए। लेकिन ज्यादा बजट की वजह से बड़ी संख्या में लोगों ने हाथ खड़े कर लिए।

कैसे मिलेगा अनुदान

पशुपालक को 7.20 लाख रुपए का बैंक ऋण दिया जाएगा, जिसे बैंक दो बार में अदा करेगी। दो बार में 5-5 पशु खरीदने होंगे। अगर कोई पशुपालक केवल पांच पशु ही रखना चाहता है तो उसे बैंक व विभाग को अवगत कराना होगा। लाभार्थी को 60 समान किस्तों में बैंक लोन व ब्याज का भुगतान करना होगा। किस्तों का भुगतान छह माह बाद शुरू करना होगा। लाभार्थी को प्रति छमाही 20 हजार रुपए का अनुदान सरकार देगी।

गठित हुई समिति

हर जिले में किसानों और युवाओं को लाभ देने के लिए सीडीओ की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है। मुख्य पशुचिकित्साधिकारी को समिति में सचिव नामित किया गया है। इसके अलावा एक नोडल अधिकारी भी रहेंगे। जिला प्रबंधक समेत सभी तहसीलों के एसडीएम भी शामिल रहेंगे।

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इस योजना से मार्जिन मनी की नहीं होगी दिक्कत

अब तक जितनी भी योजनाएं शुरू की गई है उनमें मार्जिन मनी सबसे बड़ी समस्या रही है। कर्ज की तुलना में तय मार्जिन मनी जमा किए बिना बैंक कर्ज देते नहीं। ऐसे में सारी औपचारिकता के बाद भी कुछ पात्र कर्ज न मिलने से वंचित रह जाते हैं, लेकिन गोपालक योजना में जमीन और पशुबाड़े को ही मार्जिन मनी मान लिया जाएगा।

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