अयोध्या ही नहीं बाराबंकी के गाँव में भी महिलाएँ बना रहीं हैं राम मंदिर

अयोध्या के श्री राम मंदिर को देखने दुनिया भर से लोग इकट्ठा हो रहे हैं, वहीं गाँव की कुछ महिलाएँ छोटे-छोटे मंदिर तैयार कर रहीं हैं। इन मंदिरों की माँग काफी बढ़ गई है।

Virendra SinghVirendra Singh   15 Jan 2024 1:40 PM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
अयोध्या ही नहीं बाराबंकी के गाँव में भी महिलाएँ बना रहीं हैं राम मंदिर

छोटे-छोटे मिनिएचर राम मंदिर की माँग बाज़ार में काफी बढ़ गई है। इन्हीं राम मंदिर को ये समूह की दीदियाँ बनाती हैं। सभी फोटो: वीरेंद्र सिंह

बाराबंकी (उत्तर प्रदेश)। आजकल 22 साल की गोल्डी सुबह तैयार होकर अपनी समूह की दीदियों के पास पहुँच जाती हैं, पहले तो घर वाले किसी दिन जाने से मना भी कर देते थे, लेकिन आज कल खुद से भेजने लगे हैं। क्योंकि गोल्डी राम मंदिर बनाने में लगी हुईं हैं।

लेकिन गोल्डी अयोध्या में नहीं बल्कि वहाँ से 124 किमी दूर बाराबंकी जिले के राजौली गाँव में मंदिर बना रही हैं। सिर्फ गोल्डी ही उनके जैसे 10 समूह की 150 महिलाएँ राम मंदिर बना रहीं हैं।

इन दिनों दुनिया भर में राम मंदिर चर्चा में है, ऐसे में छोटे-छोटे मिनिएचर राम मंदिर की माँग बाज़ार में काफी बढ़ गई है। इन्हीं राम मंदिर को ये समूह की दीदियाँ बनाती हैं।


काला दुपट्टा ओढ़े थ्रीडी मंदिर बनाने में व्यस्त गोल्डी गाँव कनेक्शन से बताती हैं, "करीब दो महीने से हम लोग श्री राम मंदिर का लकड़ी से थ्रीडी मॉडल तैयार कर रहे हैं। जब से अयोध्या में श्री राम मंदिर बनना शुरू हुआ है तब से राम मंदिर के मॉडल की माँग भी बढ़ गई है।"

इन मंदिरों की माँग देश के अलग-अलग प्रदेशों से इन महिलाओं के पास आ रही है। शुरुआत में करीब दो महीने पहले पहले 10-12 महिलाओं ने श्री राम मंदिर के मॉडल को तैयार करने का काम शुरू किया था। गोल्डी आगे कहती हैं, "धीरे-धीरे हमारे बनाए लकड़ी के श्री राम मंदिर की डिमांड बढ़ने लगी और महिलाओं ने भी साथ में काम करना शुरू कर दिया। इस वक्त 10 समूह की 150 महिलाएँ श्री राम मंदिर के मॉडल को तैयार कर रही हैं।"

रुबी भी इन्हीं महिलाओं में से एक हैं और आजकल हर दिन मंदिर बनाने आती हैं। वो गाँव कनेक्शन से कहती हैं, "एमडीएफ वुड जो पतली प्लाई की तरह होती है, इससे मंदिर का तीन मंजिला भव्य 3डी स्वरूप तैयार किया जाता है; लेजर कटिंग से पहले मंदिर के हर हिस्से की बारीक कटिंग होती है, फिर उन हिस्सों को हम समूह की महिलाओं को दिया जाता है, जिसे हम मजबूत बॉन्ड से उसके एक-एक हिस्से को मजबूती से जोड़ते हैं।"


एक मॉडल तैयार करने में इन महिलाओं को लगभग एक घंटे लगते हैं और लेजर तकनीक से तैयार इन माडलों में बारीक नक्काशी भी साफ दिखती है।

राम मंदिर के मॉडल को तैयार कर रही कोमल बताती हैं, "पड़ोस के ब्लॉक सूरतगंज के चैनपुरवा गाँव से करीब 20 महिलाएँ श्री राम मंदिर मॉडल बनाने का काम सीखने हमारे सेंटर पर आई हैं; एक दिन में करीब हम 10 से 12 मंदिर के मॉडल तैयार कर लेते हैं और एक श्री राम मंदिर मॉडल तैयार करने का हमें 25 रुपए दिए जाते हैं, इस तरह से ढाई सौ से लेकर 300 रुपए तक हम लोग घर में कामकाज करने के बाद जो समय बचता है उसमें काम कर लेते हैं।"

इस वक्त श्री राम मंदिर मॉडल को लोग अपने परिजनों को गिफ्ट स्वरूप भेंट कर रहे हैं, जिससे इसकी डिमांड बहुत बढ़ गई है। समूह की महिलाएँ काम कर रही हैं वह करीब 150 से 200 मॉडल प्रतिदिन तैयार कर लेती हैं। इस इन महिलाओं के पास 5000 श्री राम मंदिर के मॉडल की डिमांड है, जिसे हम पूरा कर रहे हैं।

#Ram mandir 

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.