छोटे कारोबारियों के लिए अच्छी ख़बर, अब 10 हजार में बनेगा मंडियों का सिंगल लाइसेंस

Devanshu Mani TiwariDevanshu Mani Tiwari   10 July 2017 8:15 PM GMT

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छोटे कारोबारियों के लिए अच्छी ख़बर, अब 10 हजार में बनेगा मंडियों का सिंगल लाइसेंसछोटे कारोबारी सब्जियों और फलों को अच्छे दामों में किसी भी मंडी में बेच पाएंगे

गाँव कनेक्शन, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लाखों छोटे कारोबारियों और किसानों के लिए राहत की ख़बर है। अब वो अपने खेत और बाग की सब्जियों और फलों और दूसरे कृषि उत्पादों को अच्छी दरों पर प्रदेश की किसी भी मंडी में बेच सकेंगे। सरकार एकल मंडी लाइसेंस को एक लाख रुपए से घटाकर मात्र 10 हजार करने वाली है।

एकल मंडी लाइसेंस के तहत एक बार शुल्क देकर उत्तर प्रदेश की किसी मंडी में उत्पाद बेचे जा सकते हैं लेकिन अभी तक इसके लिए सालाना एक लाख रुपए देने होते थे, महंगा होने के चलते छोटे कारोबारी लाइसेंस नहीं बनवाते थे। मंडी परिषद ने इस लाइसेंस फीस को घटाकर एक लाख रुपए करने का प्रस्ताव सरकार को भेजा है।

प्रस्ताव मिलने की बात स्वीकार करते हुए प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने इसे छोटे कारोबारियों के लिए मददगार बताया। गांव कनेक्शन से फोन पर कृषि मंत्री ने कहा, ‘मंडी परिषद की तरफ से हमें सस्ता एकल मंडी लाइसेंस शुरू करने का प्रस्ताव मिला है, शासन जल्द ही संशोधित योजना को सभी मंडियों के लिए लागू करेगी। इससे व्यापारी अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी मंडी में अच्छे रेट पर बेच सकेंगे।’

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उदाहरण के तौर पर अगर लखनऊ की नवीन गल्ला मंडी में टमाटर 60 रुपए किलो के रेट पर बिक रहा है और उसी दिन उन्नाव जिले में टमाटर का रेट 80 रुपए प्रति किलो है। बड़े व्यापारी के लिए तो ठीक है लेकिन मंडी पहुंच चुका छोटा व्यापारी इसे अगर उन्नाव लेकर गया तो उसे वहां भी मंडी शुल्क देना पड़ेगा लेकिन एकल मंडी का लाइसेंस रखने वाला बिना कोई फीस दिए किसी भी मंडी में माल बेच सकेगा।

मंडी परिषद की तरफ से हमें सस्ता एकल मंडी लाइसेंस शुरू करने का प्रस्ताव मिला है, शासन जल्द ही संशोधित योजना को सभी मंडियों के लिए लागू करेगी। इससे व्यापारी अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी मंडी में अच्छे रेट पर बेच सकेंगे
सूर्य प्रताप शाही, कृषि मंत्री, उत्तर प्रदेश

किसान मंडी परिषद, उत्तरप्रदेश मौजूदा समय में प्रदेश भर में 230 मंडियों का संचालन देख रही है। एकल मंडी लाइसेंस योजना के तहत प्रदेश में अभी तक 130 व्यापारियों का पंजीकरण पूरा हो चुका है। एकल मंडी लाइसेंस का सस्ता होना छोटे गल्ला व्यापारियों के लिए अहम माना जा रहा है।

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मंडियों को किया जा रहा कम्प्यूटराइज्ड

‘प्रदेश की सभी मंडियों को कम्प्यूटरीकृत किया जा रहा है, जिससे एकल लाइसेंस दिखाने पर किसान का ब्यौरा आसानी से पता चल जाए। एकल मंडी लाइसेंस की मदद से मंडी व्यापार में भी पारदर्शिता आएगी।’ सूर्य प्रताप शाही आगे बताते हैं। वर्ष 2016 में शुरू की गई एकल मंडी लाइसेंस योजना में प्रदेश के व्यापारियों को यूपी में किसी भी मंडी में बगैर रोक-टोक उपज बेचने की इजाज़त थी। पिछली सरकार ने छोटे मंडी व्यापारियों को इस योजना का लाभ उठाने के लिए एकल मंडी लाइसेंस का सिक्योरिटी शुल्क एक लाख रुपए से कम करके 20,000 रुपए करने की ऐलान किया था, लेकिन चुनाव नज़दीक होने के कारण योजना को रोक दिया गया था।

लेकिन नई सरकार में योजना को न सिर्फ तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है बल्कि उसकी फीस को और कम किया गया है।

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शासनादेश मिलते ही लाइसेंस को नए दर में लागू करेंगे

एकल मंडी लाइसेंस को सस्ती दर छोटे व्यापारियों को उपलब्ध कराएं जाने पर पूनम सिंह यादव, मुख्य व्यापार अधिकारी मंडी परिषद ने बताया,'' मंडी परिषद अब सभी मंडी के लिए एकल लाइसेंस सुविधा को सस्ता करने जा रही है। इसके लिए हमने एकल लाइसेंस का सिक्योरिटी शुल्क एक लाख रुपए से कम करके 10,000 रुपए करने का प्रस्ताव सरकार को भेज दिया है। शासन का आदेश मिलते ही हम इस लाइसेंस को नए दर पर लागू कर देंगे।''

इस बारे में बात करने पर उप निदेशक मंडी परिषद, उत्तर प्रदेश जीतेंद्र प्रताप सिंह ने बताया,'' शासन को भेजे गए प्रस्ताव पर मंज़ूरी मिलते ही हम नए रेट पर एकल मंडी लाईसेंस को सभी मंडियों के लिए लागू कर देंगे। इस योजना के अंतर्गत फल, अनाज व सब्जी जैसे कृषि उत्पादों को बेचने वाले छोटे व्यापारियों को लाभ मिल सकेगा और सभी मंडियों में व्यापार की गति भी तेज़ होगी।''

मंडियों में अपना उत्पाद बेचने के लिए व्यापारियों को मंडी शुल्क का भुगतान करना पड़ता है। लेकिन इस तरह का लाइसेंस रखने वाले व्यापारियों और कारोबारियों को सिर्फ अपने उत्पाद पर ही शुल्क देना होगा, बाकी कोई कर नहीं।

       

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