कासगंज में तनावपूर्ण शांति, अब तक 110 गिरफ्तार

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कासगंज में तनावपूर्ण शांति, अब तक 110 गिरफ्तारकासगंज

मोहम्मद आमिल

कासगंज। 26 जनवरी को हुई हिंसा के बाद तीसरे दिन कासगंज में पुलिस प्रशासन द्वारा शान्ति की अपील की गयी, इसके लिए कासगंज नगर पालिका परिषद के सभागार में दोनों समुदाय के लोगों के साथ पुलिस व प्रशासन के उच्चाधिकारियों ने बैठक आयोजित की, बैठक में दोनों समुदाय को भरोसे में लेकर लोगों के आवाजाही की छूट दी गयी।

इससे पहले सुबह कुछ अराजकतत्वों ने एक बार फिर से माहौल बिगाड़ने के लिए शहर के बाहरी इलाके में रखे एक खोखे को आग के हवाले कर दिया था, रविवार को कासगंज हिंसा का तीसरा दिन राहत देने वाला रहा, दोपहर में नगर पालिका परिषद के सभागार में पीस मीटिंग का आयोजन जिलाधिकारी आरपी सिंह ने किया, मीटिंग में दोनों समुदाय के लोग मौजूद रहे, साथ ही उच्चाधिकारियों में आगरा जोन के एडीजी आनन्द कुमार व अलीगढ़ मण्डल के कमिश्नर सुभाष चन्द्र भी मौजूद थे।

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मीटिंग में जिलाधिकारी आरपी सिंह ने सभी से कानून का पालन करने को कहा कि साथ ही अराजकतत्वों से निपटने के लिए पूरा आश्वासन दिया, वही दोनों समुदाय से किसी भी तरह की हिंसा से दूर रहने की अपील की गयी, पीस मीटिंग में भाजपा के जिलाध्यक्ष पूर्णेन्द्र सौलंकी, कासगंज विधायक देवेन्द्र राजपूत, रजनीकान्त माहेश्वरी, सपा नेता हसरतउल्ला शेरवानी, डॉ0 फारुख, व्यापारी नेता अमित पल्तानी, विशाल पल्तानी, राकेश गुप्ता, मनीष माहेश्वरी, गौरी शंकर शर्मा, चौधरी नूरुल हसन मौजूद रहे, पीस मीटिंग के बाद शहर में लोगों को आवाजाही व दुकाने खोलने की छूट दी गयी, दोपहर करीब 2 बजे के बाद शहर के बिलराम गेट, बड्डूनगर, चकईया, मौहल्ला नबाव, इस्माइलपुर रोड, जामा मस्जिद इलाका आदि स्थानों पर लोग घरों से निकलकर जरूरी सामान खरीदने के लिए निकल आए, इस बीच पुलिस गश्त देती नजर आई।

तीन दिन बाद मिला बच्चों को दूध, चटनी से खाई रोटी

26 जनवरी को हुयी शहर में हिंसा के बाद कई इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात उतपन्न हो गए, शहर के मुस्लिम इलाकों में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया था वही लोगो से घरों में ही रहने को कहा गया, इसके बाद घरों में बन्द लोगों को खानपान की दिक्कतें आन खड़ी हुयी, मौहल्ला नबाव निवासी सलीम (40वर्ष) कहते हैं, "कोई पता नही था कि शहर का माहौल बिगड़ जाएगा, हम तो खाने की सब्जी बगैरह रोज ही खरीदते हैं, तीन दिन में हम बहुत परेशान हो गए, बच्चों को दूध तक नही नसीब हुआ, सब्जी खत्म होने पर हमने चटनी के साथ दो दिन से रोटी खाई है।"

तीन दिन बाद घर लौटा तो बच्चे मिलकर रोने लगे

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शहर की गली अंतराम निवासी हाजी पप्पू हिंसा के दौरान सर्कुलर रोड स्थित अपनी दूकान पर थे, हिंसा भड़कने के बाद वह जब अपने घर की ओर जाने को हुए तो स्थिति खराब होते देख वह मौहल्ला नबाब स्थित अपने परिचित के यहा ठहर गए, तीन दिन बाद वह अपने घर वापस लौटे वह कहते हैं कि "सड़कों पर अफरा-तफरी मची थी, मैं घर जाने के लिए भागा लेकिन रास्ते में बवाल को देखकर मैं नबाव मौहल्ले में रूक गया, ऐसा मालूम नही था कि तीन दिन तक शहर में हिंसा होती रहेगी, घर से मोबाइल द्वारा सम्पर्क बना रहा, रात भर नींद नही आयी थी, आज जब मैं घर आया तो बच्चे मुझसे मिलकर रोने लगे थे।"

नही मना सके बेटी का जन्मदिन

कासगंज में हुयी हिंसा के बाद शहर में अघोषित कर्फ्यू के हालात पैदा होने के बाद लोगों को भारी संकट का सामना करना पड़ा, आवास विकास कालौनी निवासी ई0 अमित तिवारी(38वर्ष) कहते हैं कि "कभी शहर में ऐसी हिंसा नही हुयी, यह काफी दुःखद रहा कि शहर तीन दिन तक सुलगता रहा, हम अपने परिवार के साथ घर में ही मौजूद रहे, मेरी बेटी वत्सल तिवारी का 27 जनवरी को जन्मदिन था हम वह भी नही मना सके।"

एसपी ने गाँव कनेक्शन से बातचीत में बताया 110 की हुयी गिरफ्तारी

कासगंज एसपी सुनील कुमार ने गाँव कनेक्शन को बताया कि "स्थिति अब पूरी तरह नियंत्रण में है, पीस मीटिंग के बाद लोगों को खरीददारी करने व दूकान खोलने की छूट दी गयी है, अब तक 110 लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है, एक आरोपी के यहा से देशी बम व दूसरे के यहा से एक पिस्टल बरामद हुयी है।" दंगाईयो द्वारा फूंकी गयी दुकाने के मुआवजे पर उन्होंने बताया कि "कोई ऐसा ख़ास नुकसान नही हुआ है, जिन दुकानों में आग लगाई गयी थी उन्हें मौके पर पहुचकर बचा लिया गया था, एक जूते की दूकान से रह-रहकर धुँआ निकल रहा था उसे बुझाने का प्रयास किया गया था जब नही बुझी तो उसके ताले खुलवाकर उसे बुझाया गया था, शहर के बाहरी इलाके बांकनेर के समीप रखे एक खाली खोखे में आग लगाई गयी थी जिसे बुझा दिया गया था।"

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