इन 8 मंत्रों से यूपी में किसानों की आय बढ़ाएगी योगी सरकार

Ashwani NigamAshwani Nigam   6 Dec 2017 10:27 AM GMT

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इन 8 मंत्रों से यूपी में किसानों की आय बढ़ाएगी योगी सरकारविश्व मृदा दिवस के अवसर पर कार्यक्रम को दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व अन्य

लखनऊ। किसानों की आय वर्ष 2022 तक दोगुनी हो सके, इसके लिए उत्तर प्रदेश में शुरू हुई किसान पाठशाला में आठ मंत्रों के जरिए किसान अपनी आय बढ़ाने के गुर सीखेंगे।

विश्व मृदा दिवस के अवसर पर मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास में "द मिलियन फार्मर्स स्कूल" यानि किसान पाठशाला कार्यक्रम की शुरुआत मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने की। इस अवसर पर कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही समेत विभिन्न विभागों के मंत्री उपस्थित रहे।

खेती के साथ उद्यान, पशुपालन और मत्स्य, मृदा स्वास्थ्य कार्ड के आधार पर संतुलित उर्वरकों को उपयोग, सिंचाई की सुविधा का विस्तार, पोस्ट हार्वेस्ट क्षति को कम से कम करना और उत्पादन में वृद्धि, खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा, किसानों के उत्पादों को उचित मूल्य, फसल बीमा योजना का किसानों को अधिक से अधिक लाभ और कृषि विविधिकरण का मंत्र किसानों को देकर उनकी आय दोगुनी की जाएगी।

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प्रदेश में 15000 से अधिक किसान पाठशाला की शुरुआत की गई है। इस कार्यक्रम के पहले चरण में 5 दिसंबर से लेकर 9 दिसंबर के बीच पांच दिनों में 10 लाख किसानों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इस कार्यक्रम का दूसर चरण 11 दिसंबर से लेकर 15 दिसंबर तक किया जाएगा, जिसमें भी 10 लाख किसानों को प्रशिक्षित किया जाएगा।

किसान पाठशाला की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “किसानों की आय बढ़ाने के लिए सबसे जरूरी है कि खेत की सेहत को ठीक किया जाए। इसी को ध्यान में रखकर बीती 26 मई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सबसे पहली योजना मृदा स्वास्थ्य कार्ड की शुरुआत की थी। धरती माता के अधिक दोहन और शोषण से खेत की उर्वरा शक्ति कम हो गई है, जिसे दूर करने के लिए स्वास्थ्य मृदा कार्ड योजना किसानों को लाभ पहुंचाएगी।“

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विश्व मृदा दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों के हाथों उत्तर प्रदेश के किसानों की आय 5 वर्षों में दोगुनी करना- कार्यनीति, संभावनाएं और कार्य-योजना 2017 पुस्तिका का विमोचन भी किया गया। साथ ही उत्तर प्रदेश किसान सेवा योजना के मोबाइल ऐप का भी उदघाटन हुआ। वहीं, कृषि यंत्रीकरण को बढ़ावा देने के लिए फार्म मशीनरी बैंक के तहत मुख्यमंत्री ने दस किसानों को ट्रैक्टर की चाबी भी सौंपी। इनमें पांच महिला किसान भी हैं।

किसान पाठशाला के बारे में जानकारी देते हुए कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया, “किसान पाठशाला के माध्यम से प्रशिक्षण का एक समन्वित माड्यूल तैयार किया गया है, जिसमें मृदा स्वास्थ्य के संरक्षण, फसलोउत्पादन, खाद्यान्न फसलों की उन्नत कृषि के साथ ही उद्यान, पशुपालन, मत्स्य पालन, कुक्कुट पालन, सूकर पालन, गन्ना की खेती, विपणन, खाद्य प्रसंस्करण, स्टोरेज और मूल्य संवर्धन की विभिन्न विधाओं को शामिल किया गया है।“

किसान पाठशाला के पांच दिनों के कार्यक्रम की जानकारी देते हुए कृषि मंत्री ने बताया, “न्याय पंचायत स्तर पर प्राइमरी और जूनियर हाईस्कूल में दिन के 4 से 5 बजे तक किसान पाठशाला का आयोजन होगा। पाठशाला के पहले दिन किसानों को फसल चक्र, गेहूं, जौ, चना, मटर, मसूर, राई-सरसों, अलसी की खेती की आधुनिक तरीके से खेती की जानकारी दी जाएगी। साथ ही किसान प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण के टिकाऊ खेती कैसे करें, इसकी भी जानकारी कृषि विशेषज्ञ देंगे।“

किसान पाठशाला के दूसरे दिन कृषि निवेश तीन महत्वपूर्ण अंग बीज, उर्वरक, और खाद एवं कृषि रक्षा रसायन के बारे में बताया जाएगा। इस दिन कृषि यंत्रीकरण, सोलर पंप योजना, जल प्रबंधन, सिंचाई, उन्नत पशुपालन, दुग्ध उत्पादन और मत्स्य पालन की जानकारी दी जाएगी।

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किसान पाठशाला के तीसरे दिन प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, रबी बीजों पर अनुदान, कृषि के लिए केन्द्र सरकार की तरफ से चलाई जा रही योजनाएं, राज्य सरकार की किसानों के लिए चलाई जा रही योजनाओं, प्राकृतिक संरक्षण और भूमि संरक्षण के लिए नाबार्ड की तरफ से चलाई जा हरी योजनाओं की ट्रेनिंग दी जाएगी।

पाठशाला के चौथे दिन किसानों को उद्यान विभाग की योजनाओं के बारे में जानकारी दी जाएगी। जिसमें फल, फूल और मसालों की खेती, कृषि यंत्रीकरण, पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट, पैक हाउस, संरक्षित खेती, अनुसूचित जाति-जनजाति किसानों के लिए उद्यान विभाग की रतफसे चलाई जा रही योजनाओं और किसान की आमदनी बढ़ाने के तरीकों को विशेषज्ञ बताएंगे। इस दिन खेती में कृषि विविधिकरण किताना जरूरी है इसकी भी जानकारी किसानों को दी जाएगी। साथ ही कृषि वानिकी ओर पारदर्शा किसान सेवा योजना मोबाइल के जरिए किसान कैसे लाभ उठा सकते हैं, यह भी विशेषज्ञ किसानों को बताएंगे।

किसान पाठशाला अंतिम दिन फसल सुरक्षा पर आधारित होगा। इस दिन किसानों को अपनी फसल को कीट-पतंगों और बीमारियों से बचाने के लिए एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा इस दिन किसान जैविक कीटनाशाक का कैसे प्रयोग करें और सहभागी फसल निगरानी प्रणाली की भी ट्रेनिंग दी जाएगी। पारदर्शी किसान सेवा योजना के जरिए किसान डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर यानि डीबीटी का कैसे लाभ ले सकते हैं, यह भी बताया जाएगा।

खेत की सेहत को ठीक किया जाए

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए सबसे जरूरी है कि खेत की सेहत को ठीक किया जाए। इसी को ध्यान में रखकर बीती 26 मई को प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे पहली योजना मृदा स्वास्थ्य कार्ड की शुरुआत की थी। धरती माता के अधिक दोहन और शोषण से खेत की उर्वरा शक्ति कम हो गई है, जिसे दूर करने के लिए स्वास्थ्य मृदा कार्ड योजना किसानों को लाभ पहुंचाएगी

किसानों को मिलेंगी कई जानकारियां

उप्र कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही बताते हैं कि कम लागत में कृषि उत्पादन बढ़ाने और विपणन सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से किसान पाठशालाओं की शुरुआत की जा रही है। पांच दिनों तक हर ब्लॉक की दो न्याय पंचायतों में लगने वाली पाठशाला में कृषि और उद्यान विशेषज्ञ किसानों को सरकारी योजनाओं के साथ ही उर्वरक और कीटनाशकों के साथ कई जानकारियों के बारे में बताएंगे।

इन आठ मंत्रों पर तैयारी

  • खेती के साथ उद्यान
  • पशुपालन और मत्स्य
  • मृदा स्वास्थ्य कार्ड के आधार पर संतुलित उर्वरकों को उपयोग
  • सिंचाई की सुविधा का विस्तार
  • पोस्ट हार्वेस्ट क्षति को कम से कम करना और उत्पादन में वृद्धि
  • खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा
  • किसानों के उत्पादों को उचित मूल्य
  • फसल बीमा योजना का किसानों को अधिक से अधिक लाभ और कृषि विविधिकरण का मंत्र

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