देश में वैकल्पिक ऊर्जा की मदद से रौशन होंगे 12.5 करोड़ आशियाने
Devanshu Mani Tiwari 28 Dec 2017 12:15 PM GMT
देश में जल्द ही बिजली की किल्लत को खत्म किया जा सकेगा। भारत सरकार ने वर्ष 2022 तक प्राकृतिक ऊर्जा की मदद से 175 गीगावाट बिजली बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इतनी बिजली की मदद से देश के 12.5 करोड़ घरों को जगमग किया सकता है।
इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार मुख्यरूप से सौर ऊर्जा, वायु ऊर्जा, बायोमास और पनबिजली संबंधित प्रोजेक्टों को देशभर में लगा रही है। राष्ट्रीय बायोगैस एवं खाद प्रबंधन कार्यक्रम (एनबीएमएमपी) के तहत मुख्य रूप से ग्रामीण एवं अर्द्धशहरी परिवारों के लिए पारिवारिक प्रकार बायोगैस संयंत्र स्थापित किए जाते हैं। 2017-18 के दौरान 1.1 लाख बायोगैस संयंत्रों के लक्ष्य के मुकाबले 0.15 लाख बायोगैस प्लांट की स्थापना की गई है। सरकार के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सभी राज्यों को अलग- अलग अक्षय ऊर्जा श्रोतों के संबंधित प्रोजेक्ट लगाने का लक्ष्य दे दिया गया है। इसमें यूपी में वर्ष 2022 तक 10,000 मेगावाट बिजली प्राकृतिक ऊर्जा की मदद से बनाया जाना निर्धारित किया गया है।
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वैकल्पिक ऊर्जा के क्षेत्र को बढ़ाने के उत्तर प्रदेश में हो रहे काम के बारे एसपी श्रीवास्तव वरिष्ठ परियोजना अधिकारी, यूपीनेडा ने बताया,'' यूपी में हमारी सोलर पावर पोलिसी- 2017 की मदद से हमने वर्ष 2022 तक पूरे प्रदेश में 10,000 मेगावाट बिजली उत्पादन करने का लक्ष्य रखा है। इसके साथ साथ बायोगैस संयंत्रों पर आधारित कुछ प्रोजेक्टों को शुरू करने जा रहे हैं।''
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के मुताबिक इस वर्ष (जनवरी, 2017 से नवम्बर, 2017 तक) देश में नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोतों से कुल 11,788 मेगावाट बिजली सृजन की गई है। देश में नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य को हासिल करने के लिए पिछले दो वर्षों के दौरान सोलर पार्क, सोलर रूफटॉप योजना, सौर रक्षा योजना, नहर के बांधों तथा नहरों के ऊपर सीपीयू सोलर पीवी पॉवर प्लांट के लिए सौर योजना, सोलर पंप, सोलर रूफटॉप आदि के क्रियान्वयन के लिए बड़ी योजनाएं शुरू की गई हैं।
प्रदेश में सौर ऊर्जा के विस्तार एवं प्रचार प्रसार का काम कर रही नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण,उत्तरप्रदेश(यूपीनेडा) की निदेशक संगीता सिंह ने बताया, " प्रदेश में सोलर पॉवर पोलिसी में लखनऊ, सैफई, झांसी और बुंदेलखंड में हम कई निजी कंपनियों की मदद से बड़े स्तर पर काम कर रहे हैं। हाल ही हमने अपनी नई कार्ययोजनाओं को लेकर शासन के साथ बैठक की है। जल्द ही नए प्रोजेक्टों पर काम शुरू किया जाएगा।"
सरकारी आंकड़ों के अनुसार भारत सरकार ने तय किए 175 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य प्राप्त करने के लिए 60 गीगावाट पवन ऊर्जा से, 100 गीगावाट सौर ऊर्जा से, 10 गीगावाट बायोमास ऊर्जा और पांच गीगावाट लघु पनबिजली ऊर्जा स्त्रोतों की मदद से हासिल किया जाएगा। वर्ष 2017-18 के लिए 14550 मेगावाट ग्रिड नवीकरणीय ऊर्जा (पवन 4000 मेगावाट, सौर 10000 मेगावाट, लघु पनबिजली ऊर्जा 200 मेगावाट, जैव ऊर्जा 340 मेगावाट एवं अवशिष्ट से ऊर्जा 10 मेगावाट) निर्धारित किया गया है।
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वैकल्पिक ऊर्जा स्त्रोतों से मिली उपलब्धियों की क्षेत्र-वार विशेषताएं -
- वर्ष 2016-17 में 5502.39 मेगावाट की अब तक की सबसे अधिक पनबिजली क्षमता सृजन दर्ज की गई, जो लक्ष्य की तुलना में 38 प्रतिशत अधिक है। अब पवन ऊर्जा संस्थापित क्षमता के लिहाज से भारत - चीन, अमरीका एवं जर्मनी के बाद चौथे स्थान पर है।
- वर्ष 2017-18 में 5525.98 मेगावाट की अब तक का सबसे अधिक सौर ऊर्जा क्षमता संवर्धन है।
- पिछले साढ़े तीन वर्षों के दौरान 1.31 लाख समेत 30.11.2017 तक देश में अभी तक 1.42 लाख सोलर पम्प संस्थापित किए गए हैं।
- 23,656 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए टेंडर जारी किया गया है।
- लघु पन बिजली संयंत्रों से पिछले साढ़े तीन वर्षों के दौरान नवीकरणीय ऊर्जा के तहत 0.59 गीगावाट की क्षमता का सृजन किया गया है।
- बायोमास व बायोगैस की मदद से 8181.70 मेगावाट बिजली हासिल की गई है।
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