महाराष्ट्र में न्यूनतम साझा कार्यक्रम: सरकार के एजेंडे में किसान सबसे ऊपर, माफ होगा कर्ज
Arvind Shukla 28 Nov 2019 11:03 AM GMT
मुंबई/लखनऊ। महाराष्ट्र में बाढ़ और बारिश प्रभावित किसानों को तुरंत आर्थिक मदद, किसानों की कर्ज़माफी उद्धव ठाकरे सरकार की पहली प्रथामिकता होगी। उद्धव ठाकरे की शपथ से पहले तीनों दलों ने न्यूनतम साझा कार्यक्रम common minimum programme में किसान, युवा, महिआओं को सबसे ऊपर रखा है।
महाराष्ट्र में शिवसेना के नेता एकनाथ शिंदे ने शपथ ग्रहण से ठीक पहले कहा कि गठबंधन सरकार न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनाकर काम करेगी। सरकार के एजेंडे में किसान Farmers, युवा और महिलाएं प्राथमिकता हैं। बाढ़ और बारिश प्रभावित किसानों को तत्काल मदद दी जाएगी, जिनकी फसलें बर्बाद हो गईं हैं। हालांकि अभी तक ये साफ नहीं है कि किसानों का कितना कर्ज़ माफ किया जाएगा।
मुंबई के शिवाजी स्टेडियम में उद्धव बाला ठाकरे uddharv thakare जब मुख्यमंत्री chief minister पद ले रहे थे, उनके सामने वो 500 किसानों के परिवार भी बैठे, जिन्होंने खेती के संकट के चलते आत्महत्या कर ली। महाराष्ट्र की नई गठबंधन सरकार के लिए इन्हीं किसानों की उम्मीदों पर खरे उतरना और वादों को पूरा करना सबसे बड़ी चुनौती होगी।
ये भी पढ़े- महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री के तौर पर उद्धव ठाकरे ने ली शपथ
ये भी पढ़ें- महाराष्ट्र में कौन-कौन बना मंत्री, किसने ली शपथ, यहां देखिए
महाराष्ट्र में सितंबर से लेकर नवंबर के पहले हफ्ते तक की बारिश ने नाशिक और सांगली, सतारा से लेकर मराठवाड़ा के सूखे जिलों में काफी नुकसान पहुंचाया है। मराठवाड़ा में सोयाबीन, ज्वार, मक्का, बाजरा और कपास की फसल 80 फीसदी से ज्यादा चौपट हो गई है। कर्ज़ में डूबे किसानों की लगातार आत्महत्या की ख़बरें आ रही हैं।
Common Minimum Program of 'Maha Vikas Aghadi' (NCP-Congress-Shiv Sena alliance): Immediate assistance & loan waiver for farmers. Crop Insurance Scheme to be revised to ensure immediate compensation to the farmers who have lost their crops. https://t.co/wahSgBmsXw
— ANI (@ANI) November 28, 2019
सूखे और किसान आत्महत्या के लिए कुख्यात महाराष्ट्र के किसानों का दर्द इस बार की बाढ़ और बारिश ने और बढ़ा दिया है। भारी बारिश के चलते सोयाबीन बर्बाद होने के बाद महाराष्ट्र में 70 से ज्यादा किसानों ने पिछले दो महीने में आत्महत्या की है। जबकि एनसीआरबी 2016 की रिपोर्ट को देखें तो औसतन रोज 10 किसान आत्महत्या कर रहे हैं।
किसान आत्महत्या और खेती में तबाही की खबरें पहले मराठवाडा और विदर्भ से आती थीं, लेकिन इस बार सितंबर और अक्टूबर की बारिश ने नासिक, सांगली, सतारा और पुणे में भी भारी नुकसान पहुंचाया है। प्याज सड़ गया है, टमाटर की फसल बर्बाद हुई है तो नासिक और सांगली में अंगूर के पूरे के पूरे बाग जमीदोंज हो गए।
कॉमन मिनिमम प्रोग्राम में यह भी बताया गया है कि सरकार किसानों के लिए नई फसल बीमा योजना लाएगी। बेरोजगारी को दूर करने के लिए सरकारी विभागों के सभी खाली पद भरे जाएंगे। राज्य के नागरिकों को एक रुपए में इलाज देने का वादा भी किया गया है।
पत्रकारों से बातचीत के दौरान एकनाथ शिंदे ने बताया कि प्रदेश में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना की शुरुआत की जाएगी। एक रुपए में इलाज वाले क्लीनिक खोले जाएंगे। राज्य के हर शख्स का स्वास्थ्य बीमा होगा। युवाओं को बिना किसी ब्याज के एजुकेशन लोन मिलेगा। इसके अलावा राज्य में निवेश बढ़ाने की हर संभव कोशिश की जाएगी, आईटी में निवेश बढ़ाने के लिए नीतियों में भी सुधार किया जाएगा और झुग्गी में रहने वालों को 500 फीट जमीन मुफ्त मिलेगी।
बीजेपी सरकार ने भी किया था कर्ज़ा माफ
फडणवीस सरकार ने साल 2017 में 24 जून 2017 को 34 हजार करोड़ रुपए की छत्रपति शिवाजी महाराज शेतकरी सन्मान योजना शुरू की थी। उस वक्त बीजेपी और शिवसेना की साझा सरकार थी, तत्कालीन सरकार ने दावा किया था 89 लाख किसानों को राहत मिलेगी। लेकिन हजारों किसानों का कहना है कि उनका कर्ज़ माफ नहीं हुआ। बीजेपी की कम हुई सीटों के पीछे एक वजह वादा पर खरे न उतरना भी रहा। मराठवाड़ा में लोहा तालुका के खांबे गांव के किसान गजानन शिंदे ने आत्महत्या कर ली थी। गजानन के भाई संतोष बसंत राव शिंदे ने कहा था कि मेरे भाई ने 2 साल पहले 60 हजार का सरकारी बैंक से कर्ज़ लिया था लेकिन वो कर्ज़ माफ नहीं हुआ। भाई सूखे के चलते साहूकार से भी कर्ज लिया था इस बार भी फसल बर्बाद हुई तो उसने आत्महत्या कर लगी।" मराठवाडा में ऐसे कई किसान मिले जिनका कर्ज़ माफ नहीं किया गया गया था।
महाराष्ट्र से संबंधित ख़बरें नीचे पढ़ें
ग्राउंड रिपोर्ट: वो कर्ज़ से बहुत परेशान थे, फांसी लगा ली... 35 साल के एक किसान की आत्महत्या
ये भी पढ़े- कृषि संकट: किसानों के परिजन भी कर रहे आत्महत्या
ये भी पढ़ें- किसान पिता नहीं दे पा रहा था फीस, 17 साल के बेटे ने कर ली आत्महत्या
More Stories