देश का ऐसा राज्य जो अलग कृषि बजट पेश करने वाला था पर उसका सपना टूट गया
Sanjay Srivastava 6 March 2018 1:12 PM GMT
हैदराबाद। किसानों के हित के लिए तेलंगाना सरकार वर्ष 2018-19 के लिए अलग कृषि बजट पेश करने वाली थी। पर अब उसे अपनी योजना से पीछे हटना पड़ेगा।
देश में किसी राज्य का पहला कृषि बजट पेश करने से तेलंगाना राज्य चूक गया। अलग कृषि बजट के लिए तेलंगाना सरकार ने 50,000 करोड़ रुपए की व्यवस्था की थी।
तेलंगाना मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि अलग कृषि बजट पेश करने के विचार से पीछे हटने का प्रमुख कारण संविधान में विभाग आधारित अलग बजट पेश करने का प्रावधान नहीं होना है। इसमें कहा गया है कि विधायी प्रक्रिया भी किसी विभाग के लिए अलग बजट की अनुमति नहीं देती है।
मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की अध्यक्षता में बजट संबंधी मुद्दों पर बैठक हुई जिसमें राज्य सरकार ने कृषि क्षेत्र को प्राथमिकता देनी की प्रतिबद्धता जताई है। विज्ञप्ति के अनुसार बजट में कृषि क्षेत्र के लिए पर्याप्त राशि आवंटित की जाएगी।
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बैठक में मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने कहा कि कृषि को अधिक प्रमुखता दिए जाने के मद्देनजर सरकार विशेष कृषि बजट पेश करने वाली थी। पर यह संभव नहीं है, राज्य का एक ही बजट होना चाहिए, क्योंकि विभाग वार विशेष बजट पेश करने के लिए संविधान के नियम स्वीकार नहीं करते। विधानसभा की नियमावली के नियम संख्या 150 के मुताबिक आय व व्यय ही बजट के अंतर्गत आता है।
मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव को अफसरों ने बताया कि इससे पहले भी एक बार, एकीकृत आंध्र प्रदेश में भी कृषि के लिए विशेष बजट पेश करने का फैसला लिया गया था, लेकिन संभव नहीं हो पाने के कारण आखिर में फैसला वापस लिया गया। केंद्र में भी रेलवे बजट को आम बजट के साथ ही पेश किया जा रहा है।
अधिकारियों का सुझाव सुनने के बाद मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने विशेष कृषि बजट पेश करने का प्रस्ताव वापस लेने की घोषणा की।
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इनपुट भाषा
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