Lockdown : मजदूरों पर आ रहीं मुश्किलों को लेकर यूपी समेत इन राज्यों ने उठाए कदम, मजदूरों को मिलेंगी ये सुविधाएं
लॉकडाउन की वजह से देश के अलग-अलग राज्यों में बड़ी संख्या में फंसे मजदूर अपने राज्य की सरकारों से उनकी मदद करने की गुजारिश लगा रहे हैं।
Kushal Mishra 27 March 2020 1:45 PM GMT

कोरोना वायरस की वजह से देश में लॉकडाउन (बंदी) की स्थिति में कई राज्यों से मजदूरों के पैदल ही अपने घर की ओर चल देने की तस्वीरें सामने आ रही हैं। ऐसे में उत्तर प्रदेश समेत कई राज्य सरकारों ने इन मजदूरों के लिए अब अहम कदम उठाएं हैं।
रोज कमाकर अपना पेट भरने वाले इन दिहाड़ी मजदूरों के लिए लॉक डाउन की स्थिति में रोजगार का संकट छाया हुआ है और इन्हें खाने-पीने के लाले पड़े हुए हैं। ऐसे में लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर पैदल ही दूसरे राज्यों में अपने घरों की ओर निकलने को मजबूर हुए हैं या फिर दूसरे राज्यों में ही फँस कर रह गए हैं। अभी भी बड़ी संख्या में फँसे मजदूर अपने राज्यों की सरकारों से उनकी मदद करने की गुजारिश लगा रहे हैं।
ऐसे में उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, झारखण्ड जैसे राज्य की सरकारें ऐसे मजदूरों के लिए अब आगे बढ़कर सामने आई हैं और इनके लिए जरूरी सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए अधिकारियों को आदेश दिए गए हैं। जानें लॉकडाउन की स्थिति में किन राज्यों में मजदूरों के लिए क्या मिल रही हैं सुविधाएं।
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को आदेश जारी किये हैं कि कोरोना लॉकडाउन की वजह से दूसरे राज्यों से अपने राज्य की सीमाओं पर पैदल आ रहे मजदूरों के लिए भोजन और पानी की विशेष व्यवस्था की जाए। इसके अलावा स्वास्थ्य संबंधी पूरी सावधानी बरतते हुए इन मजदूरों को वाहनों की व्यवस्था कर इनके घरों तक पहुंचाया जाए।
मुख्यमंत्री ने बिहार, उत्तराखंड, हरियाणा के मुख्यमंत्रियों से बातचीत कर उन्हें आश्वस्त किया है कि इन राज्यों में अपने घरों को निकल चुके मजदूरों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था करने के साथ-साथ इनको गंतव्य स्थान तक पहुंचाया जाएगा।
कोरोना लाॅकडाउन के दृष्टिगत मानवीय आधार पर प्रदेश के बाॅर्डर पर पैदल आ रहे व अन्य राज्यों को पैदल जाने वाले मजदूरों व कर्मकारों हेतु संबंधित अधिकारियों को भोजन, पानी की व्यवस्था व स्वास्थ्य सम्बन्धी पूरी सावधानी बरतते हुए सबको सुरक्षित स्थानों पर भेजे जाने के निर्देश दिए गए हैं।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) March 26, 2020
साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्रियों से अपील की है कि उनके राज्यों में फंसे उत्तर प्रदेश के मजदूरों के लिए भोजन-पानी की व्यवस्था करने के साथ उन्हें सुरक्षित स्थानों में ठहराया जाए।
इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के 35 लाख से ज्यादा मजदूरों को 1000 रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की थी। इसके अलावा 1.65 करोड़ परिवारों को मुफ्त में अनाज उपलब्ध करने का ऐलान किया था ताकि कोई भी मजदूर और उनका परिवार कोरोना वायरस की वजह से प्रभावित न हो।
बिहार
बिहार के लाखों मजदूर भी दूसरे राज्यों में फँसे हुए हैं। इनका रोजगार भी छिन गया है और वे राज्य की नीतीश कुमार सरकार से घर वापसी के लिए मदद करने की गुजारिश कर रहे हैं।
इस पर मुख्यमंत्री ने इन मजदूरों से जहाँ हैं वहां सुरक्षित रहने की अपील की है और ऐसे मजदूरों के ठहरने और खाने के लिए 100 करोड़ रुपयों का प्रावधान किया है। इसके अलावा उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने दूसरे राज्यों में फँसे बिहार के मजदूरों के लिए मुख्यमंत्रियों से बातचीत की और लॉकडाउन के समय में उनके लिए रहने और खाने की व्यवस्था करने की अपील की और कहा कि इन मजदूरों पर आये सभी खर्चे को बिहार सरकार वहन करेगी।
बिहार के निवासी बिहार के किसी शहर में या बिहार के बाहर जहां भी फंसे हों वहीं पर मदद की जाएगी। उनके भोजन एवं आवासन की व्यवस्था सरकार करेगी। लॉकडाउन में फंसे लोगों को राहत पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से 100 करोड़ रु० जारी।https://t.co/BrS6shKsZP
— Nitish Kumar (@NitishKumar) March 26, 2020
वहीं काम की तलाश में बिहार के मजदूर ज्यादातर दिल्ली आते हैं। दिल्ली में फँसे बिहार के सैकड़ों मजदूरों ने श्रम विभाग को फ़ोन कर मदद की गुजारिश की थी, जिसके बाद बिहार सरकार ने दिल्ली में फँसे मजदूरों के लिए अलग से हेल्पलाइन नंबर जारी किये हैं। अगर दिल्ली में रह रहा कोई मजदूर बिहार सरकार से मदद चाहता है तो वो 24 घंटे सेवा उपलब्ध हेल्पलाइन नंबर 011-23792009, 011-23014326 या 011-23013844 पर मदद मांग सकता है।
राजस्थान
लॉकडाउन की वजह से राजस्थान की सीमा से लगे पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश में कमाने के लिए गए मजदूर भी बड़ी संख्या में लौटने को मजबूर हो रहे हैं। वे अन्य राज्यों से पैदल ही अपने गाँव जाने के लिए राजस्थान की सीमा तक पहुँच रहे हैं।
ऐसे में राजस्थान सरकार सीमा पर पहुँच रहे मजदूरों की स्वास्थ्य जांच कर उन्हें रोडवेज बसों और अन्य वाहनों के जरिये उनके घरों तक सुरक्षित पहुंचा रही है।
जिन लोगों की रोजी-रोटी लॉकडाउन के कारण तुरंत प्रभावित हुई है उन्हें सरकार प्रति परिवार एक हजार रूपए देगी। इसके लिए 310 करोड़ रूपए जारी कर दिए गए हैं। #COVID19
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) March 26, 2020
इसके अलावा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लॉकडाउन के समय में राज्य के लिए 2,000 करोड़ के राहत पैकेज का ऐलान करते हुए रोजी-रोटी से वंचित लोगों को 1,000 रूपए देने की घोषणा की है। इसके लिए 310 करोड़ रूपए जारी किये गए हैं। साथ ही राज्य के सभी मजदूरों और गरीब वर्ग के लोगों को बंदी की स्थिति में राशन और भोजन उपलब्ध कराने का ऐलान किया है। इससे करीब 25 लाख मजदूरों को लाभ पहुँचने की उम्मीद है।
गुजरात
गुजरात में बड़ी संख्या में मजदूर राजस्थान और अन्य राज्यों से काम की तलाश में आते हैं। लॉकडाउन के बाद गुजरात से भी बड़ी संख्या में मजदूरों ने अपने राज्यों की और पलायन शुरू कर दिया।
ऐसे में गुजरात के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने ऐसे मजदूरों के लिए भोजन की व्यवस्था के साथ उन्हें उनके राज्य तक पहुँचाने के लिए चार बसों की व्यवस्था की है। इन सभी मजदूरों का मेडिकल चेकअप की भी व्यवस्था की गयी।
इसके अलावा गुजरात सरकार ने अपने राज्य में 60 लाख परिवारों के 3.5 करोड़ लोगों को बंदी की स्थिति में मुफ्त राशन उपलब्ध कराने का ऐलान किया है। राज्य में एक अप्रैल से हर व्यक्ति को 3.5 किलो गेहूं, 1.5 किलो चावल और हर परिवार को एक किलो दाल, चीनी और नमक मिलेगा। यह राशन लोगों को सार्वजानिक वितरण प्रणाली के जरिये वितरित किया जायेगा।
कारखाने बंद होने और अपने घर न जा पाने की स्थिति में एक कमरे में ही कैद होकर रह गए कई मजदूर । फोटो : गाँव कनेक्शन
झारखण्ड
झारखंड से भी बड़ी संख्या में मजदूर दूसरे राज्यों में कमाई के लिए जाते हैं। ऐसे में लॉकडाउन के बाद लाखों मजदूर दूसरे राज्यों में फंसे रह गए हैं और झारखंड सरकार से घर वापसी के लिए मदद की गुहार लगा रहे हैं।
ऐसे समय में सरकार ने अलग-अलग राज्यों में फंसे मजदूरों की मदद के लिए अलग-अलग नोडल अफसर नियुक्त किये हैं जो हर दिन मजदूरों की रिपोर्ट सरकार को देंगे। इसके साथ मजदूरों की देखरेख को लेकर एक नियंत्रण कक्ष भी तैयार किया गया है जहां से अधिकारी मजदूरों के नजर बनाए हुए हैं।
जोहार
— Hemant Soren (घर में रहें - सुरक्षित रहें) (@HemantSorenJMM) March 27, 2020
सम्पूर्ण देश मे लॉकडाउन है। झारखण्ड के हमारे गरीब भाई-बहन भी अनेकों राज्यों में फँसे है।
मगर सरकार सभी तक पहुँच रही है। इसके लिए अधिकारियों की टीम भी अपना कार्य कर रही है। सभी से आग्रह है चिंता न करे हमें आप अपना संदेश भेजते रहिए सरकार आपके साथ हर पल खड़ी है। pic.twitter.com/RYH7iE7hV8
इसके अलावा झारखंड सरकार अपने यहां के मजदूर और गरीब वर्ग को सार्वजनिक वितरण प्रणाली से दो महीने का राशन मुहैय्या करा रही है। इसके अलावा राज्य में 350 दाल-भात केंद्र बनाए गए हैं जहां से लोगों को खिचड़ी ले जाने की सुविधा दी जा रही है ताकि कोई भी गरीब भूख से प्रभावित न हो। झारखंड सरकार के इस फैसले से करीब 90 फीसदी परिवारों को फायदा मिलेगा।
नई दिल्ली
नई दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने लॉकडाउन की वजह से मुश्किल में आये पंजीकृत निर्माण मजदूरों के बैंक खातों में 5,000-5,000 रुपये भेजने का एलान किया है। इससे दिल्ली के 46 हज़ार मजदूरों को फायदा मिलेगा। इसके अलावा मजदूर और गरीब वर्ग के लोगों के लिए रेन बसेरे में भोजन की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है ताकि कोई भी गरीब व्यक्ति भूखा न रहे।मुख्यमंत्री ने मकान मालिकों से गरीबों और मजदूर वर्ग के लोगों से किराया न वसूलने की अपील की है जिसके बाद इस अपील से अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं।
दिल्ली की @ArvindKejriwal सरकार द्वारा यमुना पुश्ता के 'रेन बसेरा' में मुफ्त भोजन दिया जा रहा है। #DelhiFightsCorona pic.twitter.com/l2c5YubT5i
— Jitender Sati (@ImJitenderSati) March 26, 2020
उत्तराखंड
देश में 21 दिनों के लॉकडाउन की स्थिति को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने राज्य के 23 लाख राशन कार्ड धारकों को तीन महीने का एकमुश्त गेहूँ-चावल एडवांस में देने का फैसला किया है। यह राशन एक अप्रैल से लोगों को वितरित किया जायेगा।
इसके अलावा राज्य के दिहाड़ी मजदूरों के जीवन यापन के लिए तीन लाख मजदूरों के खाते में एक-एक हज़ार रूपए भेजने का फैसला लिया है ताकि मजदूरों का जीवन कोरोना की वजह से प्रभावित न हो। सरकार अब तक 30 मजदूरों के खाते में एक-एक हज़ार रूपए भेज चुकी है।
तेलंगाना
लॉकडाउन के समय मे तेलंगाना में मजदूरों और गरीब वर्ग के लिए सरकार ने 2,417 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इसमें से राशन कार्ड धारकों को, असंगठित मजदूरों को और बीपीएल परिवारों को हर महीने 1500 रुपये की आर्थिक सहायता राशि बैंक के माध्यम से भेजी जाएगी।
सरकार ने इसके लिए 1314 करोड़ रुपये तय किये हैं जो लाभार्थियों को 30 मार्च तक मिल जाएगी। इसके अलावा इन लोगों को छह किलो की बजाए 12 किलो चावल उपलब्ध कराया जाएगा।
आंध्र प्रदेश
आंध्र प्रदेश की वाईएस जगन मोहन रेड्डी सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे आने वाले लोगों के लिए 1500 करोड़ रुपये की राहत देने का ऐलान किया है। इसके तहत असंगठित मजदूरों, बीपीएल धारकों, ऑटो और टैक्सी चालकों, मोची, बुनकरों समेत ऐसे लोगों को 1000 रुपये उनके बैंक खातों में 4 अप्रैल तक भेजे जाएंगे। इसके अलावा लोगों को राशन में दाल, चावल, तेल और नमक मिलेगा।
जम्मू-कश्मीर
और राज्यों की तरह जम्मू-कश्मीर में भी पंजीकृत मजदूरों के खाते में 1000 रुपये सहायता राशि भेजने का ऐलान किया गया है। इसका फायदा भवन निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत 3.5 लाख मजदूरों को मिलेगा। इसके अलावा 2.26 लाख अपंजीकृत मजदूरों को मजदूरी के रूप में सहायता दी जाएगी।
गृह मंत्रालय ने उचित कदम उठाने को कहा
Union Home Secretary AK Bhalla has written to all States/UTs to take immediate steps to provide adequate support, including food and shelter, to migrant agricultural labourers, industrial workers and other unorganized sector workers during the 21-day nationwide COVID-19 lockdown.
— ANI (@ANI) March 27, 2020
वहीं गृह मंत्रालय ने भी 27 मार्च को सभी राज्यों और केन्द्रशाषित प्रदेशों को सभी श्रमिकों समेत प्रवासी मजदूरों की मदद करने के लिए कदम उठाने के लिए कहा है।
केंद्रीय गृह सचिव एके भल्ला ने सभी राज्यों को लॉकडाउन के दौरान प्रवासी कृषि मजदूरों, असंगठित क्षेत्र के मजदूरों, औद्योगिक श्रमिकों के लिए ठहरने और भोजन की व्यवस्था के साथ जरूरी सहायता प्रदान करने का अनुरोध किया है।
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