किसानों के लिए भारी पड़ सकता है 14 और 15 फरवरी, उत्तर भारत में बारिश और ओलावृष्टि की संभावना

पिछले सप्ताह कुछ राज्यों में बारिश के साथ-साथ ओलावृष्टि हुई थी, जिससे रबी की फसल को काफी नुकसान हुआ था। अब एक बार फिर प्राकृतिक का प्रकोप फसलों पर मंडराने लगा है

Chandrakant MishraChandrakant Mishra   14 Feb 2019 6:00 AM GMT

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किसानों के लिए भारी पड़ सकता है 14 और 15 फरवरी, उत्तर भारत में बारिश और ओलावृष्टि की संभावना

लखनऊ। फरवरी का महीना किसानों के लिए काफी परेशानी भरा साबित हो रहा है। पिछले सप्ताह कुछ राज्यों में बारिश के साथ-साथ ओलावृष्टि हुई थी, जिससे रबी की फसल को काफी नुकसान हुआ था। अब एक बार फिर प्रकृति का प्रकोप फसलों पर मंडराने लगा है। भारतीय मौसम विभाग के वैज्ञानिक 14-15 और 16 फरवरी को कुछ राज्यों में बारिश के साथ-साथ ओले गिरने की संभावना जता रहे हैं। ऐसे में किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें पड़ गई हैं।

मौसम विभाग की मानें तो एक बार मौसम करवट ले सकता है। मौसम विभाग के अनुसार, वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की वजह से मौसम में ये बदलाव आ सकता है और इसका असर उत्तराखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, ओडिशा और तेलंगाना के कई अलग- अलग हिस्सों में ओलों के साथ आंधी आ सकती है। इसके अलावा ठंडी हवाएं चलने की संभावना जताई जा रही है।

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गेहूं और चने की फसल के लिए बारिश होगी फायदेमंद।

कानपुर स्थित चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान विषय के शोधार्थी विजय दुबे ने बताया, " 14-15 और फरवरी को पांच से दस मीलीमीटर बारिश की संभावना है। हांलाकि इस दौरान मौसम साफ रहेगा। इस दौरान हल्की ठंड भी रहेगी। शिवरात्री के बाद मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा।"

भारत मौसम विज्ञान विभाग, नई दिल्ली के वैज्ञानिक चरन सिंह का कहना है, " ऊपरी वायु चक्रवाती संचालन के रूप में पश्चिमी विक्षोभ ईरान और उसके आस-पास के क्षेत्र में केंद्रित है। यह समुद्र स्‍तर से 5.8 किमी अपने केन्‍द्र पर समुद्र तल से 4.5 किमी ऊपर तक फैला है। इस प्रभाव के कारण 14-15 और 16 फरवरी तक बारिश और ओले गिरने की संभावना है।"


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मौसम की चेतावनी 14 फरवरी को जम्‍मू कश्‍मीर और हिमाचल प्रदेश के दूर दराज के स्‍थानों में भारी बारिश होने या बर्फबारी होने की संभावना है। 13-14 फरवरी को इन राज्‍यों में गरज के साथ छींटे पड़ने के साथ – साथ कहीं – कहीं ओले पड़ने की भी संभावना है। 14 फरवरी को पंजाब, उत्‍तरी हरियाणा के दूर दराज के स्‍थानों में भारी बारिश होने की संभावना है।

पिछले सप्ताह नोएडा और फरीदाबाद में जमकर गिरे थे ओले।

पिछले सप्ताह दिल्ली, पंजाब, यूपी और हरियाणा में मौसम के मिजाज में काफी बदलाव देखने को मिला। बारिश के साथ-साथ नोएडा और फरीदाबाद में ओले भी पड़े। करीब आधे घंटे तक हुई ओलावृष्टि और बारिश रबि की कुछ फसलों को काफी नुकसान हुआ। आलू और सरसों के फसल छतिग्रस्त हो गए। सब्जी की तमाम फसलों को भी खासा नुकसान पहुंचा है। अगर अब बारिश होती है तो गेहूं चना छोड़कर अन्य फसलों के लिए नुकसानदायक होगा।

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बिहार में मुजफ्फरपुर के कृषि विभाग के वैज्ञानिक डॉ ए. के. गुप्ता कहते हैं," "इस बारिश से गेहूं, मक्का और प्याज की फसलों को फायदा होगा, लेकिन अगर ज्यादा ओलावृष्टि हुई तो बहुत नुकसान होगा। ऐसे में किसानों को चाहिए कि दो-तीन दिन फसलों की सिंचाई न करें। बारिश होने के बाद यूरिया का छिड़काव करें साथ ही किसान हल्दी, ओल व आलू की खुदाई न करें। राई, तोरी व सरसों की कटाई सावधानीपूर्वक करें।"

भारी बारिश और ओले सरसों और सब्जी की फसलों को पहुंचा सकते हैं नुकसान।

महोबा निवासी किसान दयाराम(55वर्ष) ने बताया, " अगर एक सफ्ताह के अंदर बारिश होती है तो किसानों के लिए फायदेमंद और नुकसानदायक दोनों होगा। हल्की बारिश गेहूं और चने की फसल के लिए अच्छा रहेगा, लेकिन बारिश तेज हुई तो खेत में खड़ी मटर और सरसों की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगी। सरसों की फसल इस समय पूरी तरह से पक कर तैयार है। हल्की बारिश भी परेशानी का सबब बन सकती है।"

गोरखपुर निवासी किसान वशिष्ठ मुनी(60वर्ष) ने बताया," पिछले सप्ताह हुई बारिश से खेतों में अभी नमी बनी हुई है। अगर अब बारिश होती है तो गेहूं की फसल के लिए फायदेमंद रहेगा। सरसों में इस समय फूल लगे हुए हैं, तेज बारिश और ओलावृष्टि इन्हें काफी नुकसान पहुंचा सकते हैं। ओलों से पौधे बर्बाद हो जाते हैं। ओले से पौधे टूट कर जमीन पर गिर जाते हैं। "

केंद्रीय कृषि एवं कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी देशभर में रबी फसलों की बुवाई के आंकड़ों के अनुसार, इस बार गेहूं की बुवाई 294.7 लाख हेक्टेयर हुई है। जबकि दलहन की बुवाई 147.91 लाख हेक्टेयर हुई है। मोटे अनाज का रकबा 44.98 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया है। साथ ही सरसों की बुवाई 68.28 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में हुई है।

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