देश की मिट्टी में रचे बसे देसी बीज ही बचाएंगे खेती, बढ़ाएंगे किसान की आमदनी
हरित क्रांति के दुष्परिणामों के बाद खेती के तरीकों में बदलावों के बीच जैविक खेती की बात हो रही है और पुराने बीजों पर भरोसा जताया जा रहा है, खेती के बदलते स्वरूप पर गाँव कनेक्शन की विशेष सीरीज .. 'खेती में देसी क्रांति'
Arvind Shukla 4 Sep 2018 7:34 AM GMT
अमेरिका और चीन के बाद दुनिया का तीसरा बड़ा जीन बैंक भारत में है, जहां करीब साढ़े चार हजार देसी बीजों के जीन सुरक्षित हैं। ये जीन बैंक के १० क्षेत्रीय केंद्र हैं। जो भारत के हर जलवायु वाले क्षेत्र में स्थापित हैं। जैसे राजस्थान की जलवायु के लिए जोधपुर में एक केंद्र है। इसके साथ ही देश भर के कृषि विश्वविद्याल भी देसी बीजों के संरक्षण और संवर्धन (किस्मों को विकसित) करने में मदद करते हैं। जीन बैंक से आवश्यकता अनुसार बीडरो (बीज बनाने वालों) को जीन दिए जाते हैं। नीचे की तस्वीर में गेहूं की किस्मों के साथ ही लहसुन और प्याज के देसी बीज
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