मल्टीग्रेन की मांग को देखते हुए गेहूं से ज्यादा जौ की खेती में कमाई

Ashwani NigamAshwani Nigam   12 Oct 2017 7:30 PM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
मल्टीग्रेन की मांग को देखते हुए गेहूं से ज्यादा जौ की खेती में कमाईमोटे अनाज की मुख्य फसल है जौ, फाइबर युक्त भोजन का मुख्य स्त्रोत।

करनाल (हरियाणा)। जौ में पाए जाने वाले पोषक तत्वों के कारण आजकल देशी-विदेशी कंपनियों जौ से बने खाद्य पदार्थां को बाजार में उतार रही हैं। जिसके कारण जौ की मांग तेजी से बढ़ रही है, पिछले कुछ सालों में रबी की अन्य फसलों के मुकाबले जौ की कम पैदावार होने से किसानों का इसकी खेती से मोहभंग हो गया था और प्रदेश में जौ की खेती की रकबा लगातार घट रहा था लेकिन बाजार में जौ की बढ़ती डिमांड ओर गेहूं के बदले इसको मिल रही अच्छी कीमत से किसानों ने फिर से जौ की खेती की तरफ रूख किया है।

जौ की इस बढ़ती हुई डिमांड को देखते हुए भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल ने जौ की कई नवीन किस्मों को विकसित किया गया है। जिसमें उत्तर प्रदेश को ध्यान में रखते हुए डी डब्ल्यू आरयूबी 52, आरडी 2668, एनडीबी 1173, एनडीबी 1445 किस्में से किसान जौ की अच्छी पैदावार ले सकते हैं।

ये भी पढ़ें- स्याह हक़ीकत : भारत में विकास के दावों पर सवाल खड़े करती है ये विश्वव्यापी रिपोर्ट

जौ है बड़े काम का।

ये भी पढ़ें : एक छोटा सा देश जो खिलाता है पूरी दुनिया को खाना

भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान करनाल के कृषि वैज्ञानिक डा. आरके शर्मा ने बताया '' स्वास्थ्य कारणों से आजकल जौ की डिमांड तेजी से बढ़ रही है। जौ से विभिन्न प्रकार के खाद्य सामान विभिन्न बीमारियों को ध्यान में रखकर बनाए जा रहे हैं, इसके कारण जौ एक नगदी फसल के रूप में किसानों के लिए लाभकारी हो सकती है।''

रबी सीजन में उत्तर प्रदेश में इस बार जौ की बुवाई का लक्ष्य 1.70 लाख हेक्टेयर, उत्पादन 4.93 लाख मीट्रिक टन और उत्पादकात प्रति हेक्टेयर 29.00 रखा गया है, पिछली बार प्रदेश में 1.70 लाख हेक्टेयर में की जौ की बुवाई हुई थी, जिससे 4.60 लाख मीट्रिक टन जौ का उत्पादन हुआ था।

ये भी पढ़ें : राजस्थान के किसान खेमाराम ने अपने गांव को बना दिया मिनी इजरायल , सालाना 1 करोड़ का टर्नओवर

पिछले कई साल से सूखे की मार झेल रहे बुंदेलखंड में सबसे ज्यादा जौ की खेती की जा रही है। झांसी जिले के बदगांव ब्लाक के बेहटा गावं के किसान मनीराम इसबार अपने 5 बीघा खेतों में जौ की बुवाई करने लक्ष्य रखा है। उनका कहना है ''पहले जौ की खेती करने पर घाटा उठाना पड़ता था क्योंकि जौ की पैदावार को बाजार में दाम नहीं अच्छे मिलते थे, आढ़ती इसको खरीदने में रूचि नहीं दिखाते थे लेकिन पिछले साल से जौ की मंडियों में डिमांड है, इसलिए इस बार जौ की करूंगा।''

झांसी जिले के बबीना ब्लाक के सरवा गांव की महिला किसान मीना कुशवाहा भी जौ की खेती को लेकर इस बार उत्साहित हैं उनका कहना है '' जौ की बाजारों में बहुत मांग है, आढ़ती लोगों ने कहा कि जौ की खेती इस बार कीजिए, अच्छा पैसा मिलेगा। इसिलए जौ की खेती कई सालों बाद करूंगी। '' प्रदेश में इस बार सिर्फ बुंदेलखंड ही नहीं बल्कि प्रदेश के सभी 17 जिलों में जौ की बुवाई का रकबा बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।

नीचे देंखे : वीडियो : कम लागत में ज्यादा उत्पादन चाहिए, तो श्रीविधि से करें गेहूं की बुआई, ये है तरीका

आप शहर में भी कर सकते हैं खेती, अपनी छतों को उपजाऊ बनाइए, जानिए कैसे ?


चीन के किसान ने छत पर किया तरबूज का बंपर उत्पादन, धान और सब्जियों की भी होती है अच्छी पैदावार

           

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.