फफूंद रोग : हजारों रुपए के कीटनाशक से ज्यादा असरदार है छाछ 

Ishtyak KhanIshtyak Khan   26 May 2017 8:02 PM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
फफूंद रोग : हजारों रुपए के कीटनाशक से ज्यादा असरदार है छाछ कददू और करेले की फसल में छाछ का छिड़काव करें।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

औरैया। सब्जियों की फसलों में किसानों को सबसे ज्यादा नुकसान रोग लगने से होता है। कद्दू और करेले समेत कई फसलों में फफूंद रोग लग गया तो पूरी फसल चौपट हो जाती है। ऐसे में किसान हजारों रुपए रासायनिक कीटनाशक खर्च पर खर्च करते हैं। लेकिन कृषि के जानकारों की माने तो कई देसी उपाय भी किसानों की मदद कर सकते हैं।

कददू और करेले की फसल में पाउडरी मिलडिउ (फफूंद) रोग हो रहा है, जिसका बचाव करने के लिए किसान कीटनाशक दवा न डालकर तीन दिन की रखी हुई बासी छाछ का छिड़काव करें। इससे न सिर्फ कीटनाशक पर खर्च होने वाला पैसा बचेगा बल्कि सब्जियां भी जहरीली होने बच जाएंगी।साग-सब्जी की फसल में कददू और करेला फल, फूल रहा है। कददू में फूल लगने शुरू हुए हैं जो फसल पहले की हैं उसमें फल भी आ रहा है। फूल आते समय पाउडरी फफूंदी का प्रकोप होने लगा है। करेले में फूल आने के साथ करेला लग भी रहा है।

कददू, करेले में दोपहर के समय सिंचाई न करें। तापमान अधिक होने की वजह से पत्तों में पाउडरी फफूंदी लग रही है। जो फसल उत्पादन पर असर डालती है। सूर्य अस्त होने के बाद और निकलने से पहले सिंचाई करें।
अभिनंदन सिंह, जिला कृषि अधिकारी

साभार : इंटरनेट

ये भी पढ़ें- हर्बल घोल की गंध से खेतों के पास नहीं फटकेंगी नीलगाय, ये 10 तरीके भी आजमा सकते हैं किसान

इसमें पत्ती के ऊपर सफेदी हो रही है जो पाउडरी मिलडिउ का प्रकोप है। इसका प्रकोप पत्ते को छलनी कर खत्म कर देता है और फसल उत्पादन में बाधा पैदा करता है। जिस पौधे में पाउडरी मिलडिउ लग जाता है उसका तना भी गल जाता है। कददू और करेले दोनों में ये रोग तापमान अधिक होने की वजह से हो रहा है।

ये भी पढ़ें- जानें करेले में किस तरह करें संकर बीज का उत्पादन

कृषि प्रसार अधिकारी सुमित कुमार पटेल पाउडरी मिलडिउ से बचाव के लिए किसान 5 लीटर छाछ जो तीन दिन का रखा हुआ हो, दो लीटर गोमूत्र, 40 लीटर पानी का घोल बना लें। कुल घोल 47 लीटर बना जिसका एक हेक्टेयर में छिड़काव करना है। इसके अलावा वैवेस्टीन .5 एमएल प्रति लीटर पानी में डालकर छिड़काव कर सकते हैं। इससे पाउडरी मिलडिउ खत्म हो जाएगा और फसल उत्पादन पर किसी प्रकार का कोई असर नहीं दिखाई देगा।

ये भी देखें- आलू के बाद प्याज के किसान भी चौपट, खेत में जुतवा रहे फसल

ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।

       

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.