बुलंदशहर हिंसा : क्या इंस्पेक्टर सुबोध की हत्या के पीछे फौजी जीतू का हाथ ?

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
बुलंदशहर हिंसा : क्या इंस्पेक्टर सुबोध की हत्या के पीछे फौजी जीतू का हाथ ?

लखनऊ। बुलंदशहर हिंसा में एसआईटी और एसटीएफ की जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है, हिंसा में शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार को गोली मारने में जम्मू में तैनात फौजी जीतू का नाम आ रहा है।

फौजी अपने गांव में छुट्टी पर आया हुआ था। इंस्पेक्टर को उसने अपनी अवैध पिस्टल से गोली मारी थी। घटना के बाद फौजी जम्मू भाग गया। पुलिस को इस संबंध में एक महत्वपूर्ण वीडियो मिला है, जिसमें फौजी गोली चलाता साफ दिख रहा है। उसके बाद पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों ने जम्मू में फौजी की यूनिट के अधिकारियों से बात की। फौजी की गिरफ्तारी के लिए बुलंदशहर से पुलिस की टीम जम्मू के लिए रवाना हो गई है।

ये भी पढ़ें : बुलंदशहर से ग्राउंड रिपोर्ट: 'हम गाय के कंकाल को हाइवे पर लेकर जाएंगे, नारेबाजी और प्रदर्शन करेंगे, आप इसे प्रमुखता से कवर करें

आरोपी जीतू की मां

मेरठ जोन आईजी राम कुमार इस बारे में बताते हैं, ''घटना के बाद कुछ गाँववालों के बयान लिए गए थे, इसमें जांच के आधार पर महाव गांव के एक जीतू नाम के जवान का नाम सामने आया है कि उसने इंस्पेक्टर सुबोध को गोली मारी है। जीतू जम्मू-कश्मीर में पोस्टेड है। उसे लेने के लिए टीम गई है, उससे पूछताछ के बाद ही साफ़ होगा कि गोली उसने चलाई या नहीं। फिलहाल शक के आधार पर उसको लेने के लिए टीम जम्‍मू गई है।''

येे भी पढ़ें- बुलंदशहर हिंसा: भीष्म साहनी के कालजयी उपन्यास 'तमस' की याद दिलाती है…

इस बारे में जीतू की मां रत्नकौर का कहना है कि पुलिस ने घर पर आकर तोड़-फोड़ की है। हमारे बेटे जीतू का नाम रंजिशन लिया गया है। हमारे घर की हर चीज़ नष्ट कर दी गई है। अगर मेरा बेटा दोषी है और अगर उसने पुलिस को गोली मारी है तो मेरे बेटे को गोली मार दो नहीं तो मेरे घर में तोड़फोड़ का जो भी नुकसान हुआ है उसका चार गुना देना होगा। जीतू 20 दिन की छुट्टी आया था, लेकिन मौके पर जीतू नहीं गया था।

बीते सोमवार (3 दिंसबर) को बुलंदशहर के स्‍याना में कथ‍ित गोकशी के शक में हिंसा भड़की थी, जिसमें स्‍याना कोतवाली के इंस्‍पेक्‍टर सुबोध कुमार सिंह की जान चली गई। साथ ही भीड़ की ओर से एक युवक सुमित की भी गोली लगने से मौत हुई है। एडीजी लॉ एंड ऑडर आनंद कुमार बताते हैं कि ''इस हिंसा में नया बांस गांव, महाव और चिंगरावठी गांव के करीब 400 लोग शामिल थे।'' फिलहाल इस मामले की जांच एसआईटी कर रही है। बात करें इस घटना के करणों की तो परत दर परत देखने पर मालूम होता है कि कुछ अतिउत्‍साही युवकों की उदंडता के चलते ऐसा हुआ।

ये भी पढ़ें : गोकशी के बवाल में फिर मौत, क्‍या पीएम मोदी की भी नहीं सुन रहे गौरक्षक


   

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.