यूपी बजट : सहकारी चीनी मिलों की बदलेगी सूरत, आपके बंजर खेतों का भी होगा सुधार 

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यूपी बजट : सहकारी चीनी मिलों की बदलेगी सूरत, आपके बंजर खेतों का भी होगा सुधार फाइल फोटो।

लखनऊ। यूपी में बजट घोषणा के बाद कृषि क्षेत्र में कई जरूरी व बड़े बदलाव होने की गुंजाइशें भी बनने लगी हैं। खास बात है कि गन्ना किसानाें को बढ़ावा देने व प्रदेश को चीनी उत्पादन में अव्वल बनाने के लिए सरकार ने नए मिलों के निर्माण की योजना भी बनायी है। इसके तहत राज्य की बंद पड़ी दो सहकारी चीनी मिलों के स्थान पर नई चीनी मिलों के निर्माण को बल दिया जा रहा है। साथ ही निर्माणाधीन सहकारी चीनी मिलों के काम जल्द से जल्द पूरा करने और चीनी मिलों की पेराई क्षमता बढ़ाने के लिए बजट में बड़ी राशि आवंटित की गई है।

योगी सरकार ने अपने बजट में गोरखपुर जिले के पिपराईच में बंद पड़ी सहकारी मिल के स्थान पर 3 हजार 500 टन रोजाना की पेराई क्षमता वाली नई चीनी मिल के लिए 273 करोड़ 75 लाख रुपए का आवंटन किया है। जबकि मुण्डेरवा की बंद पड़ी सहकारी चीनी मिल के स्थान पर 5 हजार टन रोजाना गन्ना पेराई की क्षमता वाली नई चीनी मिल के निर्माण के लिए 270 करोड़ रुपए देने की घोषणा की है। इसके साथ ही सठियांव की निर्मणाधीन चीनी मिल का काम इस साल तक पूरा करने के लिए 33 करोड़ 33 लाख रुपए बजट का आवंटन किया गया है।

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सहकारी चीनी मिल रमाला पेराई क्षमता 2 हजार 270 टन से बढ़ाकर 5 हजार टन रोजाना का उत्पादन करने के लिए 84 करोड़ रुपए बजट में देने की घोषणा की है। गन्ना किसान अपने गन्ने को चीनी मिलों तक आसानी से पहुंचा सके, इसके लिए गन्ना किसानों के गांवों से लेकर चीनी मिलों तक संपर्क मार्गों के निर्माण के लिए 200 करोड़ और इसके रख-रखाव के लिए 250 करोड़ का प्रावधान बजट में है।

बंजर खेतों को उपयोगी बनाने के लिए भी योजना

उत्तर प्रदेश के बीहड़, बंजर और जलजमाव वाले ऐसे क्षेत्र, जिसका अभी तक खेती के लिए उपयोग नहीं हो पाया है उसको भी खेती योग्य बनाने के लिए योजना लाई गई है। इसके तहत योगी सरकार ने बजट में पंडित दीनदयाल उपाध्याय कृषि समृद्धि योजना की घोषणा है। इस योजना के लिए बजट में 10 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। वहीं, प्रदेश के किसानों को जैविक खेती के लिए वर्मी कंपोस्ट की कमी न हो इसके लिए वर्मी कंपोस्ट की उपलब्धता बढ़ाने के लिए 19 करोड़ 56 लाख रुपए की बजट को आवंटन किया गया है।

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प्रदेश में खेती के लिए पानी की कमी से जूझ रहे किसान भी बजट का आवंटन किया गया है। सरकार ने अपने बजट में प्रदेश के अतिदोहित, क्रिटिकल और सेमी क्रिटिकल विकास खंडों में स्प्रिंकलर सिंचाई योजना के लिए 10 करोड़ 41 लाख रुपए का प्रावधान किया है। सोलर फोटोवोल्टेइक सिंचाई पंप योजना के लिए बजट में 125 करोड़ की व्यवस्था है।

नए शोधों को गति देने के लिए खुलेंगे एक्सीलेंस सेंटर

लघु और सीमांत किसान सब्जी उत्पादन करके समृद्ध हो सकें इसके लिए बजट में 25 करोड़ की लागत से संकर शाकभाजी उत्पादन एवं प्रबंधन के लिए 2 करोड़ की व्यवस्था की है। नई तकनीक की जानकारी मिल सके व नए शोध कार्यों के लिए कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालयों में एक्सीलेंस सेंटर खोलने की घोषणा हुई है। इसके लिए भी बजट में 10 करोड़ रुपए की व्यवस्था है। केन्द्र सरकार के सहयोग से 20 जिलों में 20 नए कृषि केन्द्र खोलने की घोषणा भी बजट में की गई है।

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