एनटीपीसी विस्फोट: ‘किसी इंसान को पिघलाने के लिए पर्याप्त थी गर्मी’
Kushal Mishra 2 Nov 2017 8:16 PM GMT

लखनऊ। रायबरेली के ऊंचाहार स्थित नेशनल थर्मल पॉवर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) में ब्वॉयलर का पाइप फटने से अब तक 29 लोगों की मौत हो चुकी है। जिस वक्त ब्वॉयलर फटा, उस वक्त भाप का तापमान 140 डिग्री से ज्यादा था, जो किसी व्यक्ति को पिघलाने के लिए काफी थी।
इस बारे में लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के पल्मोनरी एवं क्रिटिकल केयर विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. वेद प्रकाश बताते हैं, "किसी भी व्यक्ति के शरीर को पिघलाने के लिए 140 डिग्री सेल्सियस का तापमान पर्याप्त होता है।"
भाप का तापमान 250 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा
मीडिया में आई रिपोर्टों के मुताबिक, 500 मेगावाट बिजली उत्पादन की इस यूनिट में विस्फोट ब्वॉयलर से टरबाइन के बीच स्थित स्टीम पाइप लाइन में हुआ। इसी स्टीम पाइप लाइन के अचानक फट जाने से 250 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा गर्म राख चारों तरफ फैल गई। दूसरी ओर, एनटीपीसी ऊंचाहार के एक इंजीनियर लालमणि वर्मा ने एक साक्षात्कार में बताया, "जिस समय ब्वॉयलर में विस्फोट हुआ, उस समय भाप का तापमान 140 डिग्री था।" उन्होंने भी यह माना कि यह गर्मी इतनी थी, जो एक व्यक्ति के शरीर को पिघलाने के लिए पर्याप्त है।
उस समय ब्वॉयलर के पास करीब 40 मजदूर कर रहे थे काम
एनटीपीसी ऊंचाहार के एक इंजीनियर लालमणि वर्मा ने बताया, "जिस समय ब्वॉयलर में विस्फोट हुआ, उस समय ब्वॉयलर के पास करीब 40 मजदूर काम कर रहे थे।"
नई यूनिट है 500 मेगावाट की
बता दें कि ऊंचाहार बिजली उत्पादन संयंत्र में कुल छह यूनिट से बिजली का उत्पादन होता है। जिस यूनिट में हादसा हुआ है, वे करीब डेढ़ महीने पहले ही शुरू हुई थी। यह नई यूनिट 500 मेगावाट की है, जबकि अन्य पांच यूनिट 210 मेगावट की हैं।
500 डिग्री तक ले जाते हैं भाप का तापमान
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इससे पहले एनटीपीसी के इंजीनियर ने ब्वॉयलर के पाइप में खराबी आने के कारण मजदूरों को बुलाया गया था। आईआईटी कानपुर के मैकेनिकल विभाग के असिस्टेंट प्रो. शांतनु डे बताते हैं, "कोयले को जलाकर पाइप से पानी ले जाकर भाप बनाई जाती है और इस भाप का तापमान 500 डिग्री तक ले जाया जाता है।"
सुरक्षा मानकों की अनदेखी की गई
वहीं, भारतीय मजदूर संघ के जिला महामंत्री रामदेव सिंह बताते हैं, "इस ब्वॉयलर में आठ दिन पहले सुरक्षा मानकों की अनदेखी किए जाने पर चेतावनी का हूटर भी बजा था। वहां के प्रबंधकों की गलती की वजह से यह गलती हुई है। जिस समय यह धमाका हुआ, उस वक्त बड़ी संख्या में मजदूर मौजूद थे।"
अक्टूबर में बंद हो गई थी एक यूनिट
बीती 20 अक्टूबर की रात ऊंचाहार एनटीपीसी की यूनिट नंबर एक में खराबी आने की वजह से बंद हो गई थी। इस यूनिट के बंद होने से 210 मेगावाट बिजली का उत्पादन ठप हो गया था और उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में जाने वाली बिजली आपूर्ति में कटौती की गई थी। यूनिट के बंद होने की जानकारी होते ही एनटीपीसी के अधिकारियों में हड़कंप मच गया था। हालांकि उस समय परियोजना के जनसंपर्क अधिकारी एके श्रीवास्तव ने ब्वॉयल को जल्द सही कराने का आश्वासन दिया था।
यूपी में किसी बिजली संयंत्र में पहला बड़ा विस्फोट
दूसरी ओर उत्तर प्रदेश अभियंता एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे बताते हैं, "इससे पहले उत्तर प्रदेश के अन्य बिजली संयंत्रों में ब्वॉयलर विस्फोट की सूचना मिली है, मगर स्थिति को काबू में कर लिया गया है। इनमें किसी भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है। मगर यह उत्तर प्रदेश में किसी बिजली संयंत्र में पहला बड़ा धमाका है, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने जान गंवाई है।"
कैसे काम करता है ब्वॉयलर
इस बारे में मैकेनिकल इंजीनियर प्रो. सौरभ दीक्षित बताते हैं, "ब्वॉयलर एक तरीके का स्टीम जनरेटर होता है, यानि भाप को बनाने वाला। ऊंचाहार एनटीपीसी में ब्वॉयलर बड़े-बड़े और मोटे होते हैं, जिसमें पानी को स्टोर किया जाता है।" वह आगे बताते हैं, "ब्वॉयलर दो प्रकार के होते हैं। एक होता है फायर ट्यूब ब्लॉयलर और दूसरा वॉटर ट्यूब ब्लॉयलर। फायर ट्यूब ब्लॉयलर में पाइप के अंदर आग होती है और पाइप के चारों तरफ पानी भरा होता है, जबकि वॉटर ट्यूब ब्लॉयलर में पाइप के अंदर पानी होता है, और पाइप के चारों और आग होती है।" सौरभ आगे बताते हैं, "दोनों ब्वायलर का काम पानी को गर्म करने का होता है। पानी के गर्म होने से ही भाप बनती है और भाप से ही टरबाइन चलाई जाती है। ब्वॉयलर से निकलकर भाप का तापमान 500 डिग्री सेल्सियस होता है।"
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