यूपी के ग्रामीण पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा, गांवों में बढ़ेंगे रोजगार
Rishi Mishra 19 July 2017 10:08 AM GMT
लखनऊ। प्रदेश में जल्द ही नई पर्यटन नीति लागू की जाएगी। जिसमें ग्रामीण क्षेत्र में पर्यटन को निखारा जाएगा। बेहतर पर्यटन सुविधाओं के साथ गांवों के बीच के दर्शनीय स्थलों की मार्केटिंग की जाएगी। ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन और रोजगार की संभावनाओं को बढ़ावा मिले। सरकार की ओर से गांवों के दर्शनीय स्थलों की पहचान का काम शुरू कर दिया गया है।
प्रदेश की पर्यटन मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने बुन्देलखण्ड पर्यटन पैकेज के तहत चित्रकूट धाम मण्डल और खांसी मण्डल की पर्यटन अवस्थापना सुविधाएं बढ़ाने तथा 2014 से लागू हेरिटेज नीति को संशोधित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जीएसटी लागू होने के बाद हेरिटेज नीति के तहत दी जा रही सुविधाओं पर प्रभाव का विश्लेषण कर इसे फिर से तैयार किया जाये। यह भी निर्णय लिया गया कि पर्यटन की विविध योजनाओं के तहत बैंक लोन, बार लाइसेंस, स्टाम्प ड्यूटी तथा लैण्ड कन्वर्जन जैसे मुद्दों पर मुख्य सचिव से चर्चा के लिए विस्तार से प्रस्ताव तैयार किया जाए। जिससे पर्यटन परियोजनाओं को क्रियान्वित किया जा सके।
बुंदेलखंड, ग्रामीण आदिवासी क्षेत्र में करेंगे पर्यटन का विकास
बुंदेलखण्ड पर्यटन पाकेट पर चर्चा करते हुए पर्यटन मंत्री ने ऐतिहासिक स्थलों का विकास करने, सम्पर्क मार्ग से जोड़ने, दर्शनीय बनाने तथा पर्यटकों के लिए आवश्यक सुविधाएं बढ़ाने का आदेश दिया। उन्होंने बुंदलेखण्ड के आदिवासी क्षेत्रों को अफ्रीकी देशों की तर्ज पर पर्यटन की दृष्टि से विशेष रूप से विकसित करने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे पर्यटन सर्किट तैयार किए जाएं जिससे दो या तीन दिन के प्रवास में पर्यटकों को विविध पर्यटन स्थलों का भ्रमण कराया जा सके। इसके अलावा राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन की अपार संभावनाओं की दृष्टि से अब भविष्य में काम होंगे। जिसमें नैमिषारण्य, बख्शी का तालाब में चंद्रिका देवी धाम, नौचंदी देवी, गोवर्धन, देवीपाटन, शुकताल, ऐसे ही प्रदेश भर के करीब दो दर्जन स्थलों और उनके आसपास के गांवों को भी विकसित किये जाने की तैयारी सरकार कर रही है।
ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ेंगे रोजगार
ग्रामीण पर्यटन को विकसित कर के सरकार गांवों में नये तरीके से रोजगार सृजन करना चाहती है। महाराष्ट्र में ग्रामीण क्षेत्रों का विकास पर्यटन और धार्मिक केंद्रों के माध्यम से किया गया है। शनि शिंगणापुर इसका एक बड़ा उदाहरण है। प्रमुख सचिव पर्यटन अवनीश अवस्थी बताते हैं कि सरकार प्रदेश में पर्यटन के विकास को लेकर बेहतर काम करेगी। जिसको लेकर ग्रामीण क्षेत्र को लेकर खास योजनाएं विकसित की जा रही हैं। जिससे विकास के साथ रोजगार बढ़े और पलायन भी रुके।
संबंधित खबर : जर्जर हो रहा चित्रकूट का खजुराहो, 200 साल पहले बाजीराव ने करवाया था निर्माण
संबंधित खबर : मेरठ : पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर हस्तिनापुर का नाम तक नहीं
संबंधित खबर : धार्मिक नगरी अयोध्या को पर्यटन नगरी बनाने की कवायद तेज
ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।
More Stories