“गाँव और शहर में रह गया है बस एक बारीक सा फ़र्क”

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
“गाँव और शहर में रह गया है बस एक बारीक सा फ़र्क”आपका गाँव कनेक्शन (अंशुल कृष्णा)

2 दिसंबर को गाँव कनेक्शन ने अपना पांच वर्षों का सफर पूरा किया था। इस मौके पर हमने एक प्रतियोगिता आयोजित की थी जिसमें अपने पाठकों से हमने जानना चाहा कि क्या है उनका गाँव कनेक्शन। हमारे सैकड़ों पाठकों ने हमें गाँव से जुड़ी अपनी यादें और अपने विचार लिखकर भेजे, जिसमें से हम कुछ लोगों के विचारों को चुना है।

इसमें पहला नाम है ग्रेटर नोएडा में रहने वाले अंशुल कृष्णा का। अंशुल लिखते हैं, "आदर्श ग्राम और स्मार्ट सिटी के दौर में एक भागमभाग भले ही छिड़ गयी हो, गाँव और कस्बे वहीं रुक गए हैं। एक गाँव को आदर्श बनाने का सपना दिखाकर अपना वोटबैंक बनाने की कोशिश करता हुआ नेता उसी गांव के स्वंतंत्रता सेनानियों और शहीदों का जि़क्र करना भूल जाता है, तो शहर को स्मार्ट करते वक़्त हुक्मरान उसी की तरफ ध्यान नहीं देते हैं जिससे दरअसल उस शहर की पहचान होती है।

यह भी पढ़ें : एक दम ज़ुदा होगा खबरों का अंदाज, गाँव कनेक्शन और द क्विंट पर आ रहा है “द नीलेश मिसरा शो”

एक सच ये भी है कि गांव अब खाली हो चले हैं, उनके बड़े घरों में दो बूढ़े लोग अपनी मौत का इंतजार करते नजर आते हैं और कमरे के किसी कोने में रखी फ़ोटो ये बताती है कि उस घर के वारिश किसी बड़े शहर में किराए के फ्लैट में ज़िन्दगी जी रहे हैं। इस बात को गाँव के बाकी लोग भी तरक्की मानने लगे हैं। गाँव और शहर में एक बारीक से फर्क शायद यही है कि गांव में शिक्षा और चिकित्सा आज भी सेवा के क्षेत्र में आते हैं, जबकि शहर में ये व्यापार हो चले हैं।’

यह भी पढ़ें : जानिए कैसे आज वो भारत का सबसे बड़ा ग्रामीण मीडिया प्लेटफार्म है

अंशुल आगे लिखते हैं - गाँव का विकास गांव के शहर हो जाने में नहीं है, बल्कि विकसित होते हुए भी गाँव बने रहने में है। मगर अब गाँव शहर हो जाने को इतने दीवाने हैं कि वे अपना अस्तित्व तक खत्म कर लेने का जोखिम उठा सकते हैं। ऐसे में उन गाँव को गाँव बने रहने के लिए प्रोत्साहित करने का सपना कोई इंसान अगर देखता है और कुछ चंद लोग मिलकर सीमित पूंजी में उस सपने को सच कर डालते हैं तो जि़म्मेदारी तमाम पाठकों की भी बनती है कि उसकी सराहना की जाए। गाँव कनेक्शन पांच साल का हो चला है। पांच वर्षों का सफ़र पूरा होने पर गाँव कनेक्शन और उससे जुड़े सभी लोगों को बधाई। ऐसे ही लिखते रहिये और गाँव के मुद्दे लोगों तक पहुँचाते रहिए। शुभकामनाएं।”

यह भी पढ़ें : “आपकी कहानी इसलिए अलग है क्योंकि आपके सपने में आपके गाँव का सपना है”

गाँव कनेक्शन गाँवों को जोड़ रहा है, वो छिपाते रहेंगे आप छापते रहिए : रवीश कुमार

गाँव और किसान के मुद्दे प्रभावशाली ढंग से उठाता है गाँव कनेक्शन : धर्मेंद्र प्रधान

 

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.