आज अचानक एक घंटे के लिए दुनिया के 178 देशों में अंधेरा छा जाएगा, जानिए क्यों
Sanjay Srivastava 24 March 2018 4:00 PM GMT
नयी दिल्ली। आज रात साढ़े आठ बजे से साढ़े नौ बजे के बीच 178 देशों में अंधेरा छा जाएगा। यह पढ़कर आपकी पेशानी पर चिंता की लहरें दिखाई दे रही हैं। घबराइए नहीं, ऐसा होने से आपको कोई नुकसान नहीं होने वाला है, यह कार्य सिर्फ ऊर्जा संरक्षण के मकसद से किया जा रहा है।
म्याने साफ है आज 24 मार्च को अर्थ आवर डे मनाया जाता है। यह हर वर्ष मार्च के अंतिम शनिवार को मनाया जाता है। वर्ष 2017 को यह 25 मार्च को मनाया गया था।
अर्थ आवर डे पर्यावरण संरक्षण का वैश्विक संदेश देने के लिए शुरू किया गया दुनिया का सबसे बड़ा अभियान है। विश्व प्रकृति निधि (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) से शुरू किए गए इस अभियान के तहत साल 2018 को दुनियाभर के 178 देशों में 24 मार्च को रात साढ़े आठ बजे से साढ़े नौ बजे तक गैरजरूरी बत्तियां बुझा दी जाएंगी।
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अर्थ आवर डे पहली बार वर्ष 2007 में ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में मनाया गया, इसमें लोगों से सारी लाइटें 60 मिनट के लिए बंद करने की अपील की गई। धीरे-धीरे इसे दुनियाभर में मनाया जाने लगा। आज यह सिर्फ एक अभियान नहीं बल्कि एक आंदोलन के रूप में खड़ा हो चुका है। साल 2017 में भारत में मुंबई के गेट वे ऑफ इंडिया पर भी अर्थ आवर मनाया गया था। 24 मार्च 2018 को पूरी दुनिया अर्थ आवर डे की 11वीं सालगिरह मनाएगी।
भारत में सरकार ने ऊर्जा संरक्षण के मकसद से मनाए जाने वाले अर्थ आवर के दौरान देशवासियों से एक घंटे के लिए गैरजरूरी बत्तियां बंद रखने की अपील की है।
वन एवं पर्यावरण मंत्री डा. हर्षवर्धन ने 24 मार्च 2018 रात साढ़े आठ बजे से साढ़े नौ बजे तक अर्थ आवर के दौरान अपनी तरफ से ऊर्जा संरक्षण की पहल करते हुए कहा कि वह अपने आवास और कार्यालय में बिजली से जलने वाली बत्तियां एक घंटे तक बंद रखेंगे। उन्होंने बिजली संरक्षण का हवाला देते हुए देशवासियों से भी इस पहल में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेने की अपील की है।
वन एवं पर्यावरण मंत्री डा. हर्षवर्धन ने प्रकृति से जितना लिया जाए उतना ही वापस भी लौटाने के सिद्धांत के आधार पर आज (24 मार्च) अर्थ आवर के दौरान 'गिव अप टू गिव बैक' और 'कनेक्ट टू अर्थ' मुहिम में देशवासियों से अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने की अपील की। इस अभियान का मकसद प्राकृतिक संसाधनों के संतुलित उपभोग का हवाला देते हुए लोगों को अपनी आदतों में बदलाव करने के प्रति जागरुक करना है। जिससे रोजमर्रा की जरूरतों को सतत रूप से पूरा किया जाता रहे।
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हर्षवर्धन ने इस दौरान लोगों से पर्यावरण संरक्षण के लिए मंत्रालय के शुरू किए ग्रीन गुड डीड अभियान के तहत प्रतिदिन एक पौधा लगाने, वाहनों का साझा इस्तेमाल करने, कचरे का निस्तारण, प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करने और कम दूरी के लिए साइकिल की सवारी करने जैसे कामों को बढ़ावा देने की अपील की।
राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने 24 मार्च के अर्थ आवर डे पर प्रदेशवासियों का आह्वान किया है कि वे मानव जाति के बेहतर और सुरक्षित भविष्य के लिए बिजली बचाने का संकल्प लें। राजे ने अपने संदेश में कहा कि बिजली बनाने वाले प्राकृतिक स्रोत सीमित मात्रा में हैं। ऐसे में हमें बिजली का विवेकपूर्ण उपयोग करना चाहिए। हमें अक्षय ऊर्जा के उपयोग पर ज्यादा बल देना चाहिए, ताकि पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिल सके।
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