नक्सली हो चाहे ददुआ का क्षेत्र, बेटी होने पर हॉस्पिटल में मनेगा जन्मोत्सव

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के तहत यूपी के 47 नए जिलों में होंगे कार्यक्रम, जनपदों में भेजा गया बजट, माता-पिता भी होंगे पुरस्कृत, रैलियां निकाली जाएंगी

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नक्सली हो चाहे ददुआ का क्षेत्र, बेटी होने पर हॉस्पिटल में मनेगा जन्मोत्सव

कन्नौज। 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' योजना के तहत यूपी के 47 नए जिलों में विभिन्न तरह के कार्यक्रम होंगे। इसमें नक्सली कहा जाने वाला सोनभद्र और ददुआ का जिला चित्रकूट भी शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव का संसदीय क्षेत्र भी योजना से जोड़ा गया है।

योजना को चलाने के लिए जनपदों को बजट भेज दिया गया है। योजना को साकार रूप देने और तैयारियों को लेकर लखनऊ में विभागीय अधिकारियों को प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है।

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प्रभारी जिला प्रोबेशन अधिकारी तनुज त्रिपाठी बताते हैं, ''कन्नौज को 25 लाख रूपए योजना के लिए मिल चुका है। हर जिलों का बजट अलग-अलग है। छोटे जनपदों को कम और बड़े जनपदों को अधिक बजट दिया गया है।'' आगे कहते हैं, ''गाइड लाइन मिल चुकी है, उसी हिसाब से कार्यक्रम चलेंगे। डीएम साहब की अध्यक्षता में बैठक कराई जानी है। जिला टास्क फोर्स भी गठित हो चुका है। इसमें 17 अधिकारी शामिल हैं। ब्लाॅक टास्क फोर्स में भी नौ अधिकारी-कर्मचारी आदि शामिल किए गए हैं।''

संरक्षण अधिकारी विजय कुमार राठौर बताते हैं कि ''जो बेटियां हास्पिटल में जन्म लेंगी उनका जन्मोत्सव वहीं मनाया जाएगा। उनके माता-पिता को भी पुरस्कृत किया जाएगा। बेटियों को आगे बढ़ाने और जागरूकता लाने के लिए नुक्कड़ नाटक भी होंगे।''

उन्होंने आगे बताया, ''गांव में बेटी पैदा होने पर भी ढोल-नगाड़ों के साथ खुशियां मनाई जाएंगी। लड़कियों के साथ जागरूकता रैली, विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं, शपथ ग्रहण समारोह, हस्ताक्षर अभियान और लोगों को सम्मानित करने का सिलसिला चलेगा।''

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संरक्षण अधिकारी बताते हैं कि ''20 सितम्बर को लखनऊ में एक कार्यशाला हुई थी। इसमें भारत सरकार के महिला कल्याण विभाग के डिप्टी सचिव अशोक यादव और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार के डिप्टी डायरेक्टर अशोक जायसवाल आए थे। कार्यशाला में योजना कैसे चलेगी, के बाबत जानकारी दी गई।''

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योजना में शामिल हैं ये जनपद

कानपुर नगर, वाराणसी, इलाहाबाद, कांशीरामनगर, औरैया, कानपुर देहात, कन्नौज, बदायूं, हरदोई, बलिया, मिर्जापुर, बांदा, संतरविदासनगर, शहजहांपुर, ज्योतिबाफूलेनगर, बरेली, चित्रकूट, फतेहपुर, गाजीपुर, गोरखपुर, चंदौली, पीलीभीत, लखनऊ, मुरादाबाद, ललितपुर, प्रतापगढ़, जौनपुर, आजमगढ़, उन्नाव, खीरी, सुल्तानपुर, कौशाम्बी, सोनभद्र, देवरिया, गोंडा, मऊ, रायबरेली, श्रावस्ती, कुशीनगर, बस्ती, सीतापुर, महराजगंज, फैजाबाद, अंबेडकरनगर, बाराबंकी, बहराइच और सिद्धार्थनगर।

ये हैं जिला टास्क फोर्स में

योजना के संचालन के लिए डीएम को अध्यक्ष और डीपीओ को सदस्य/सचिव बनाया गया है। एसपी, सीडीओ, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सीएमओ, बीएसए, डीआईओएस, डीपीआरओ, जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला क्रीडा अधिकारी, महिला थानाध्यक्ष, समन्वयक नेहरू युवा केंद्र, अध्यक्ष बाल कल्याण समिति, प्रशासक आशा ज्योति केंद्र, संरक्षण अधिकारी और चाइल्ड लाइन को जिला टास्क फोर्स में सदस्य बनाया गया है।

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ब्लाक टास्क फोर्स भी गठित

ब्लाक स्तर पर बीडीओ को अध्यक्ष और बाल विकास परियोजना अधिकारी को सदस्य/सचिव बनाया गया है। खंड चिकित्सा अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी, सहायक विकास अधिकारी पंचायत, संबंधित थानाध्यक्ष, ब्लाक कोआर्डिनेटर नेहरू युवा केंद्र, कैप्टन एनसीसी, महिला एंव बाल संरक्षण क्षेत्र में कार्यरत एनजीओ को सदस्य में शामिल किया गया।

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