ब्लू व्हेल गेम: गाँवों में पहुंचा मौत का ये खेल 

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ब्लू व्हेल गेम: गाँवों में पहुंचा मौत का ये खेल बड़े शहरों के बाद गाँवों के बच्चे भी ब्लू व्हेल गेम की चपेट में। फोटो-प्रतीकात्मक

लखनऊ। खूनी खेल ब्लू व्हेल ने यूपी के हमीरपुर जिले में एक बच्चे की जान ले ली। यहां एक 13 वर्षीय छात्र पार्थ को ब्लू व्हेल गेम ने अपनी गिरफ्त में कुछ इस कदर लिया कि उसने गेम का आखिरी चैलेंज पूरा करने के चक्कर में फांसी के फंदे से लटक कर जान दे दी। इससे पहले भी देश के अलग-अलग हिस्सों से दो छात्र इस खूनी खेल में फंसकर जान दे चुके हैं।

इस तरह के गेम्स के शिकार ज्यादातर नाबालिग होते हैं जो कि मानसिक तौर पर बहुत परिपक्व नहीं होते हैं। एक आंकड़े के मुताबिक, दुनियाभर में इस गेम का चैलेंज पूरा करने के चलते लगभग सवा सौ से अधिक मौतें हो हो चुकी हैं, जिसमें काफी हद तक नाबालिग हैं।

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भारत में ब्लू व्हेल गेम आने के बाद पुलिस परिजनों को इस बात की सलाह दे रही है कि वह अपने बच्चों पर नजर रखें। साथ ही बच्चों की असामान्य हरकतों को लेकर भी काफी सचेत रहें। अगर आपका बच्चा इस गेम की चेपट में आता हुआ नजर आए तो तुरंत ही बच्चे की काउंसलिंग करके उस गेम खेलने से रोकें। एडीजी (कानून-व्यवस्था) आनंद कुमार ने प्रदेश के सभी पुलिस कप्तानों को एक आदेश जारी कर कहा था कि सभी जिलों के पुलिस अधिकारी साइबर सेल को एक्टिव मोड पर रखें और जहां से ब्लू व्हेल गेम की शिकायत आए इस पर तत्काल जांच कर प्रभावी कार्रवाई कर बच्चों को इसके चंगुल से बचाएं।

लिंक भेजकर नाबालिगों को फंसाया जा रहा

ब्लू व्हेल गेम सोशल मीडिया पर फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे माध्यमों के जरिए नाबालिगों को अपने जाल में फंसा रहा है। इन सोशल साइट्स पर ग्रुप बनाकर एडमिनिस्ट्रेटर सैकड़ों बच्चों और किशोरों को एक लिंक का मैसेज भेजता है। जैसे ही कोई इस लिंक पर साइनअप करता है, वह एडमिन के संपर्क में आ जाता है। इसके बाद एडमिन संबंधित व्यक्ति को रोज एक टास्क देना शुरू कर देता है। पहले बच्चों को मजा आता है। 20-25 स्टेज के बाद हर टास्क बच्चों के लिए एक चैलेंज बन जाता है। टास्क पूरा न करने पर एडमिन उन्हें डराता-धमकाता है। किसी बच्चे के अकाउंट से रुपए निकालने की धमकी देता है तो किसी के परिवार को नुकसान पहुंचाने की दहशत फैलाता है।

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अब तक इतनी मौतें

ब्लू व्हेल चैलेंज से नाबालिगों के मौतों का सिलसिला भारत में तब शुरू हुआ जब 30 जुलाई को मुंबई में एक 14 साल के बच्चे ने बहुमंजिला इमारत से कूदकर अपनी जान दे दी। इसके बाद इंदौर में 7वीं क्लास में पढ़ने वाले एक युवक ने 10 अगस्त को खुदकुशी करने से ठीक पहले बचा लिया गया। उसने अपनी स्कूल डायरी में पहले के 50 स्टेज के बारे में लिख रखा था। पश्चिम बंगाल में 12 अगस्त को 10वीं क्लास के एक बच्चे का शरीर पाया गया। उसका सिर प्लास्टिक में लिपटा हुआ था और उसके गले में एक रस्सी बंधी थी।

“इस गेम में ऐसे लोगों को टारगेट किया जाता है जो डिप्रेस होते हैं। ऐसे लोगों को 50 दिनों तक 50 टास्क दिए जाते हैं, जिसमें आखिरी टास्क होता है खुद की जान लेना।
डॉ. प्रवीण सिंह, मनोचिकित्सक

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