राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड के साथ मिलकर सीमैप देगा औषधीय पौधों के उत्पादन को बढ़ावा

गाँव कनेक्शन | Dec 06, 2021, 11:32 IST

इस समझौते के आधार पर एनएमपीबी द्वारा चिह्नित औषधीय पौधों और जड़ी-बूटियों के क्यूपीएम का विकास होगा। इसके साथ ही क्यूपीएम विकास, प्रोत्साहन, संरक्षण और विभिन्न कृषि-जलवायु क्षेत्रों में समुचित औषधीय पौधों की खेती के लिये नर्सरियां बनाने में भी मदद मिलेगी।

औषधीय पौधों के बेहतर गुणवत्ता वाली रोपण सामग्री (क्वालिटी प्लांटिंग मैटेरियल-क्यूपीएम) के उत्पादन को प्रोत्साहन देने के लिये राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड (एनएमपीबी) और लखनऊ स्थित सीएसआईआर-केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (सीएसआईआर-सीआईएमएपी) ने एक समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है।

इस समझौते के आधार पर एनएमपीबी द्वारा चिह्नित औषधीय पौधों और जड़ी-बूटियों के क्यूपीएम का विकास होगा। इसके साथ ही क्यूपीएम विकास, प्रोत्साहन, संरक्षण और विभिन्न कृषि-जलवायु क्षेत्रों में समुचित औषधीय पौधों की खेती के लिये नर्सरियां बनाने में भी मदद मिलेगी। सीएसआईआर-सीआईएमएपी लखनऊ चुने हुये औषधीय पौधों और जड़ी-बूटियों पर बड़े पैमाने पर अनुसंधान, कृषि-प्रौद्योगिकी विकास, क्यूपीएम की पैदावार कर सकता है।

लखनऊ स्थित सीएसआईआर-केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (सीएसआईआर-सीआईएमएपी) के निदेशक डॉ प्रबोध कुमार त्रिवेदी

समझौता-ज्ञापन की अवधि के दौरान एनएमपीबी, राज्य औषधीय पादप बोर्डों, राज्य बागवानी बोर्ड, देश भर के क्षेत्रीय-सह-स्वागत केंद्रों की अपनी क्रियान्वयन एजेंसियों के जरिये सीएसआईआर-सीमैप लखनऊ के साथ सहयोग और समन्वय करेगा। वह औषधीय पादप प्रजातियों के क्यूपीएम विकास सम्बंधी परियोजनाओं को समर्थन देगा।

आयुष मंत्रालय के अधीन कार्यरत एनएमपीबी को अधिकार प्राप्त है कि वह औषधीय पौधों से सम्बंधी सभी मामलों पर समन्वय करे और औषधीय पौधों के कारोबार, निर्यात, संरक्षण और उनकी खेती सम्बंधी नीतियों तथा कार्यक्रमों को समर्थन दे।

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