तेलुगु लोकगीत | The Farmer's Joy | Folk Song | Gaon Connection
Gaon Connection Network | Nov 20, 2025, 13:59 IST
यह तेलुगु लोकगीत आंध्र प्रदेश के किसानों और उनकी खुशी को प्रकट करता है। किसान अपनी फसल की पैदावार के बाद अपनी खुशी व्यक्त करने के लिए इन लोकगीतों को गाते हैं और पारंपरिक लोकनृत्य भी करते हैं। ये गीत और नृत्य न केवल कृषि समृद्धि का प्रतीक होते हैं, बल्कि समुदाय में आनंद, एकजुटता और सांस्कृतिक पहचान को भी मजबूत करते हैं। तेलुगु में जनपदा गीतालु कहलाने वाले ये लोकगीत आंध्र प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इनमें ग्रामीण जीवन की खुशियों, दुखों और दैनंदिन अनुभवों का सहज चित्रण मिलता है। कई लोकगीत कृषि चक्र, किसानों की मेहनत, अच्छे मौसम की प्रतीक्षा और भरपूर फसल के उत्सव को दर्शाते हैं। कुछ गीत प्रेम, प्रतीक्षा और मानवीय संबंधों को अभिव्यक्त करते हैं, जबकि कुछ में पौराणिक कथाओं और धार्मिक मान्यताओं का उल्लेख मिलता है। कुछ लोकगीत सामाजिक मुद्दों पर भी प्रकाश डालते हैं और बराबरी, न्याय तथा सामाजिक कल्याण का संदेश देते हैं। पारंपरिक तेलुगु लोकसंगीत में डप्पू, तंबूरा, बांसुरी और कभी-कभी हारमोनियम जैसे वाद्ययंत्रों का प्रयोग किया जाता है। इन गीतों की लय अक्सर उत्साहपूर्ण होती है जो नृत्य की ऊर्जा के अनुरूप चलती है। डप्पू नृत्यम जैसे पारंपरिक नृत्य रूप पर्व-उत्सवों में पुरुषों द्वारा प्रस्तुत किए जाते हैं, जिनमें जटिल पैरों की चाल, हाथों की मुद्राएँ और डप्पू की धुन का मेल होता है। लांबाड़ी समुदाय के लोग भी अपनी पारंपरिक वेशभूषा में विशेष नृत्य प्रस्तुत करते हैं। तेलुगु लोकगीत पीढ़ियों से संस्कृति को संरक्षित करने का सशक्त माध्यम रहे हैं। ये केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि सांस्कृतिक अभिव्यक्ति और पहचान का आधार हैं, जो आज भी उत्सवों, समारोहों और सामाजिक अवसरों का अभिन्न हिस्सा बने हुए हैं।