मुर्गी को अलसी खिलाएं, महंगे बिकेंगे अंडे
गाँव कनेक्शन | Feb 12, 2017, 14:13 IST
सुधा पाल
लखनऊ। अलसी में भरपूर मात्रा में ओमेगा-3 (अल्फा-लिनोलेनिक अम्ल) और लगभग 50 फीसदी प्रोटीन पाया जाता है। मुर्गियों को चारे के साथ अगर अलसी दी जाए तो मुर्गीपालक आसानी से ओमेगा-3 युक्त अच्छी गुणवत्ता के अंडे पा सकते हैं। इसके साथ ही इन अंडों की मार्केटिंग कर उनकी विशेषता के अनुसार अच्छी कीमत पा सकते हैं। इन अंड़ों के सेवन से कॉलेस्ट्रॉल की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
मुख्य रूप से अलसी का उपयोग तेल निकालने के लिए किया जाता है जिसकी बची हुई खली का उपयोग पशु आहार में किया जाता है। इस खली का उपयोग अगर अंडे देने वाली मुर्गियों को चारे के रूप में दिया जाए तो उनसे प्राप्त अंडे काफी सेहतमंद होंगे। पशुपालन विभाग के उपनिदेशक वीके सिंह ने बताया, “जिन लोगों को कॉलेस्ट्रॉल से संबंधित परेशानियां होती हैं वे अगर इस तरह से ओमेगा-3 से भरपूर अंडों का सेवन करते हैं तो इससे उन्हें काफी हद तक राहत मिलेगी। इसके साथ ही उनका ब्लड सर्कुलेशन भी बराबर बना रहेगा।”
डा. वीके सिंह, उपनिदेशक (पशुपालन विभाग, उप्र)
डॉ. वीके ने बताया “अगर मुर्गीपालक इन अंडों के उत्पादन के साथ इनकी ब्रांडिंग करते हैं तो इससे न केवल उनका व्यवसाय बढ़ेगा बल्कि उन्हें उनके अंडों की गुणवत्ता की वजह से एक अच्छी कीमत मिलेगी।”
लखनऊ। अलसी में भरपूर मात्रा में ओमेगा-3 (अल्फा-लिनोलेनिक अम्ल) और लगभग 50 फीसदी प्रोटीन पाया जाता है। मुर्गियों को चारे के साथ अगर अलसी दी जाए तो मुर्गीपालक आसानी से ओमेगा-3 युक्त अच्छी गुणवत्ता के अंडे पा सकते हैं। इसके साथ ही इन अंडों की मार्केटिंग कर उनकी विशेषता के अनुसार अच्छी कीमत पा सकते हैं। इन अंड़ों के सेवन से कॉलेस्ट्रॉल की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
मुख्य रूप से अलसी का उपयोग तेल निकालने के लिए किया जाता है जिसकी बची हुई खली का उपयोग पशु आहार में किया जाता है। इस खली का उपयोग अगर अंडे देने वाली मुर्गियों को चारे के रूप में दिया जाए तो उनसे प्राप्त अंडे काफी सेहतमंद होंगे। पशुपालन विभाग के उपनिदेशक वीके सिंह ने बताया, “जिन लोगों को कॉलेस्ट्रॉल से संबंधित परेशानियां होती हैं वे अगर इस तरह से ओमेगा-3 से भरपूर अंडों का सेवन करते हैं तो इससे उन्हें काफी हद तक राहत मिलेगी। इसके साथ ही उनका ब्लड सर्कुलेशन भी बराबर बना रहेगा।”
डा. वीके सिंह, उपनिदेशक (पशुपालन विभाग, उप्र)
डॉ. वीके ने बताया “अगर मुर्गीपालक इन अंडों के उत्पादन के साथ इनकी ब्रांडिंग करते हैं तो इससे न केवल उनका व्यवसाय बढ़ेगा बल्कि उन्हें उनके अंडों की गुणवत्ता की वजह से एक अच्छी कीमत मिलेगी।”