जानिए 20वीं पशुगणना में क्या है खास?
Diti Bajpai | Sep 29, 2018, 13:21 IST
लखनऊ। देशभर में एक अक्टूबर से 20वीं पशुगणना शुरू होगी, जिसमें हर तरह के पशुओं की अलग-अलग गणना की जाएगी। इस गणना में नस्लों के विवरण को एकत्रित किया जाएगा, जिससे नस्ल सुधार के लिए नीतियां तैयार करने में सरकार को मदद मिले सके।
"पहले यह पशुगणना राजस्व विभाग द्धारा की जाती थी लेकिन अब यह गणना पशुचिकित्सक अधिकारी, पैरावट्स के द्धारा की जाएगी। पशुओं की गणना के लिए एक साफ्टवेयर तैयार किया गया है जिसमें पशु मालिक का नाम, पशु की फोटो, पशु संख्या, पशु का प्रकार और पशु किस नस्ल का इसकी पूरी जानकारी रहेगी।" पशुपालन विभाग, उत्तर प्रदेश के डिप्टी डायरेक्टर डॅा अरविंद सिंह ने बताया।
हर छह साल में देश में पशुगणना की जाती है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) के साथ भागीदारी के तहत अब तक 19 ऐसी गणनाएं हो चुकी हैं। अंतिम(19वीं) पशुगणना 2012 में हुई थी। 19 वीं पशुगणना के मुताबिक भारत में कुल 51.2 करोड़ पशु हैं। जबकि उत्तर प्रदेश में पशुओं की संख्या 4 करोड़ 75 लाख (गाय-भैंस, बकरी, भेड़ आदि सब) है।
गणना से होने वाले लाभ के बारे में डॉ अरविंद ने बताया, "इस बार आंकड़ों को टैबलेट या कंप्यूटर के जरिए एकत्र किया जाएगा, जिससे यह पता चल सकेगा कि किस क्षेत्र में कौन से पशुओं की ज्यादा संख्या है, किस नस्ल के पशु ज्यादा है और भी कई चीज़े। इससे सबसे बड़ा फायदा योजना बनाने में रहेगा ताकि किसानों को उस योजना का सीधे लाभ मिल सके।"
कृषि मंत्रालय के अनुसार, दुधारू मवेशी उत्पादकता (एनएमबीपी) योजना पर राष्ट्रीय मिशन के तहत प्राप्त टैबलेट का उपयोग आंकड़ों के संग्रह के लिए किया जाएगा और इसके लिए राज्यों को आवश्यक समर्थन प्रदान किया गया है। बयान में कहा गया है, 'यह उम्मीद की जाती है कि टैबलेट के माध्यम से आंकड़ों के संग्रह, आंकड़ों की प्रोसेसिंग और रिपोर्ट सृजन में समय अंतर को कम करने में बहुत मदद मिलेगी।' एक सरकारी बयान में कहा गया है, 'राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से एक अक्टूबर से पशु गणना का काम शुरू करने का अनुरोध किया गया है यह गणना सभी गांवों और शहरी वार्डों में की जाएगी।'
इनकी होंगी गणना
पशुगणना में विभिन्न प्रजाति के पशुओं में गाय, भैंस, मिथुन, याक, भेंड, बकरी, सुअर, घोड़ा, गधा, खरगोश, ऊंट, कुत्ते, हाथी और मुर्गियों की अलग-अलग गिनती की जाएगी। इसके अलावा उल्लू, बतख, ऐमू, टर्की और अन्य पक्षियों की गिनती की जाएगी। इनमें घर में पाले गये जानवरों के साथ आवारा पशु शामिल होंगे।
"पहले यह पशुगणना राजस्व विभाग द्धारा की जाती थी लेकिन अब यह गणना पशुचिकित्सक अधिकारी, पैरावट्स के द्धारा की जाएगी। पशुओं की गणना के लिए एक साफ्टवेयर तैयार किया गया है जिसमें पशु मालिक का नाम, पशु की फोटो, पशु संख्या, पशु का प्रकार और पशु किस नस्ल का इसकी पूरी जानकारी रहेगी।" पशुपालन विभाग, उत्तर प्रदेश के डिप्टी डायरेक्टर डॅा अरविंद सिंह ने बताया।
हर छह साल में देश में पशुगणना की जाती है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) के साथ भागीदारी के तहत अब तक 19 ऐसी गणनाएं हो चुकी हैं। अंतिम(19वीं) पशुगणना 2012 में हुई थी। 19 वीं पशुगणना के मुताबिक भारत में कुल 51.2 करोड़ पशु हैं। जबकि उत्तर प्रदेश में पशुओं की संख्या 4 करोड़ 75 लाख (गाय-भैंस, बकरी, भेड़ आदि सब) है।
गणना से होने वाले लाभ के बारे में डॉ अरविंद ने बताया, "इस बार आंकड़ों को टैबलेट या कंप्यूटर के जरिए एकत्र किया जाएगा, जिससे यह पता चल सकेगा कि किस क्षेत्र में कौन से पशुओं की ज्यादा संख्या है, किस नस्ल के पशु ज्यादा है और भी कई चीज़े। इससे सबसे बड़ा फायदा योजना बनाने में रहेगा ताकि किसानों को उस योजना का सीधे लाभ मिल सके।"
कृषि मंत्रालय के अनुसार, दुधारू मवेशी उत्पादकता (एनएमबीपी) योजना पर राष्ट्रीय मिशन के तहत प्राप्त टैबलेट का उपयोग आंकड़ों के संग्रह के लिए किया जाएगा और इसके लिए राज्यों को आवश्यक समर्थन प्रदान किया गया है। बयान में कहा गया है, 'यह उम्मीद की जाती है कि टैबलेट के माध्यम से आंकड़ों के संग्रह, आंकड़ों की प्रोसेसिंग और रिपोर्ट सृजन में समय अंतर को कम करने में बहुत मदद मिलेगी।' एक सरकारी बयान में कहा गया है, 'राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से एक अक्टूबर से पशु गणना का काम शुरू करने का अनुरोध किया गया है यह गणना सभी गांवों और शहरी वार्डों में की जाएगी।'
इनकी होंगी गणना
पशुगणना में विभिन्न प्रजाति के पशुओं में गाय, भैंस, मिथुन, याक, भेंड, बकरी, सुअर, घोड़ा, गधा, खरगोश, ऊंट, कुत्ते, हाथी और मुर्गियों की अलग-अलग गिनती की जाएगी। इसके अलावा उल्लू, बतख, ऐमू, टर्की और अन्य पक्षियों की गिनती की जाएगी। इनमें घर में पाले गये जानवरों के साथ आवारा पशु शामिल होंगे।