दिल्ली में आप के 20 विधायकों को अयोग्य ठहराना तुगलकशाही : यशवंत सिन्हा
Sanjay Srivastava | Jan 21, 2018, 19:40 IST
नई दिल्ली (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने रविवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा आम आदमी पार्टी (आप) के 20 विधायकों को अयोग्य ठहराने की चुनाव आयोग की सिफारिश को मंजूरी देने को 'तुगलकशाही' करार दिया।
उन्होंने ट्वीट कर कहा, "आप के 20 विधायकों को अयोग्य ठहराने का राष्ट्रपति का फैसला नैसर्गिक न्याय को पूर्ण रूप से निष्फल बनाना है। कोई सुनवाई नहीं, उच्च न्यायालय के आदेश का कोई इंतजार नहीं। यह बदतरीन किस्म की तुगलकशाही है।"
कोविंद की मंजूरी के बाद, केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी की जिसमें कहा गया कि राष्ट्रपति ने दिल्ली विधानसभा के 20 सदस्यों को दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की सरकार अधिनियम (जीएनसीटीडी) के तहत अयोग्य ठहराया है।
चुनाव आयोग ने शुक्रवार को आप के 20 विधायकों को अयोग्य ठहराने की सिफारिश की थी। इन सभी पर बतौर संसदीय सचिव लाभ के पद पर आसीन होने के आरोप लगाए गए थे। आयोग ने राष्ट्रपति को अपना सुझाव वकील प्रशांत पटेल की शिकायत पर दिया था। हिंदू लीगल सेल के सदस्य पटेल ने जून 2015 में संसदीय सचिवों की नियुक्ति को अवैध ठहराते हुए तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के समक्ष याचिका दाखिल की थी।
पटेल द्वारा दाखिल शिकायत में कहा गया कि जरनैल सिंह समेत आप के 21 विधायकों को दिल्ली सरकार में मंत्रियों के लिए संसदीय सचिव नियुक्त करके संविधान का उल्लंघन किया गया था। जरनैल सिंह ने पिछले साल पंजाब विधानसभा चुनाव में भाग लेने के लिए राजौरी गार्डन सीट से इस्तीफा दे दिया था।
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कोविंद की मंजूरी के बाद, केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी की जिसमें कहा गया कि राष्ट्रपति ने दिल्ली विधानसभा के 20 सदस्यों को दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की सरकार अधिनियम (जीएनसीटीडी) के तहत अयोग्य ठहराया है।
चुनाव आयोग ने शुक्रवार को आप के 20 विधायकों को अयोग्य ठहराने की सिफारिश की थी। इन सभी पर बतौर संसदीय सचिव लाभ के पद पर आसीन होने के आरोप लगाए गए थे। आयोग ने राष्ट्रपति को अपना सुझाव वकील प्रशांत पटेल की शिकायत पर दिया था। हिंदू लीगल सेल के सदस्य पटेल ने जून 2015 में संसदीय सचिवों की नियुक्ति को अवैध ठहराते हुए तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के समक्ष याचिका दाखिल की थी।
पटेल द्वारा दाखिल शिकायत में कहा गया कि जरनैल सिंह समेत आप के 21 विधायकों को दिल्ली सरकार में मंत्रियों के लिए संसदीय सचिव नियुक्त करके संविधान का उल्लंघन किया गया था। जरनैल सिंह ने पिछले साल पंजाब विधानसभा चुनाव में भाग लेने के लिए राजौरी गार्डन सीट से इस्तीफा दे दिया था।
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