कर्नाटक में खत्म हो सकता है सियासी संग्राम, फ्लोर टेस्ट आज
गाँव कनेक्शन | Jul 18, 2019, 06:09 IST
लखनऊ। कर्नाटक में बीते 15 दिन से जारी सियासी संग्राम आज खत्म हो सकता है। विधानसभा में फ्लोर टेस्ट की प्रकिया जारी है, इसके बाद साफ हो जाएगा कि एचडी कुमारस्वामी की सरकार बचेगी या नहीं। बीजेपी, कांग्रेस-जद(एस) दोनों पार्टियां दावा कर रही कि उनके पास सदन में साबित करने के लिए बहुमत है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले बाद येदियुरप्पा ने भी कहा था कांग्रेस जद(एस) सरकार बहुमत साबित करने में विफल रहेगी। उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि बीजेपी इस बार राज्य में सरकार बनाने में कामयाब रहेगी।
बागी विधायकों को सदन में उपस्थित होने की बाध्यता नहीं
फ्लोर टेस्ट के दौरान 16 बागी विधायक इस फ्लोर टेस्ट में हिस्सा लेंगे कि नहीं वह उन पर निर्भर है। अगर बागी विधायक सदन में नहीं आते है और उनके वोट गिने नहीं जाते तो कुमारस्वामी सरकार की बचने की संभावना कम है। सुप्रीम कोर्ट ने भी बुधवार को अपने फैसले में बागी विधायकों के इस्तीफे पर स्पीकर को फैसले लेने का अधिकार दिया हुआ है।इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विधायकों को सदन में उपस्थित होने की कोई बाध्यता नहीं है।
इसी बीच एक बागी विधायक रामलिंगा रेड्डी का वापस कुमारस्वामी सरकार के पक्ष में आने की खबर आ रही है। वहीं अन्य बागी विधायकों का कहना है कि बीजोपी ने उन्हें साईं बाबा की कसम दी है इसलिये वह सदन में बीजेपी को ही वोट करेंगे।
बीते दिनों कांग्रेस के 13 और जद( एस) के 3 विधायकों ने इस्तीफा दिया था। केपीजेपी और एक निर्दलीय विधायकों ने भी सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था। इस्तीफे स्वीकार होने के बाद विधानसभा में कुल सीटों की संख्या 225 से घटकर 209 तक हो जाएगी। बहुमत साबित करने के लिए कांग्रेस और जद(एस) गठबंधन 105 सीटों की जरूरत होगी। इस स्थिति में गठबंधन के पास केवल 100 सीटें ही होंगी और उन्हे सत्ता से हाथ धोना पड़ सकता है।
ऐसे में बागी विधायकों और कुमारस्वामी का दोनों का सियासी भविष्य स्पीकर रमेश कुमार के हाथों में है।
बागी विधायकों को सदन में उपस्थित होने की बाध्यता नहीं
फ्लोर टेस्ट के दौरान 16 बागी विधायक इस फ्लोर टेस्ट में हिस्सा लेंगे कि नहीं वह उन पर निर्भर है। अगर बागी विधायक सदन में नहीं आते है और उनके वोट गिने नहीं जाते तो कुमारस्वामी सरकार की बचने की संभावना कम है। सुप्रीम कोर्ट ने भी बुधवार को अपने फैसले में बागी विधायकों के इस्तीफे पर स्पीकर को फैसले लेने का अधिकार दिया हुआ है।इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विधायकों को सदन में उपस्थित होने की कोई बाध्यता नहीं है।
एक बागी विधायक का सरकार के पक्ष में वापस आने की खबर
गठबंधन के 16 विधायकों ने दिया था इस्तीफा
ऐसे में बागी विधायकों और कुमारस्वामी का दोनों का सियासी भविष्य स्पीकर रमेश कुमार के हाथों में है।