बिहार विधानसभा चुनाव 2020: कांटे के मुकाबले में एनडीए ने पाया बहुमत का जादुई आंकड़ा
गाँव कनेक्शन | Nov 10, 2020, 18:45 IST
बिहार की 243 विधानसभा सीटों के लिए हुए चुनावों में एनडीए और महागठबंधन में कांटे की टक्कर रही। दिन में कई बार रुझानों में ऊपर-नीचे होती सीटों के साथ प्रत्याशियों और कार्यकर्ताओं की धड़कनें बढ़ती रही।
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 का अंतिम परिणाम देर रात आया। बीजेपी और जेडीयू की अगुवाई वाली एनडीए गठबंधन को 125 सीटों का निर्णायक बढ़त मिला, जो कि बहुमत के जादुई आंकड़े 122 से दो सीट अधिक है। वहीं राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की अगुवाई वाला महागठबंधन को 110 सीटों पर जीत मिली।
इस बार एनडीए से अलग होकर अकेले चुनाव लड़ने वाली चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) को बड़ा झटका लगा है। शुरूआत में 8 से 10 सीटों पर बढ़त बनाने वाली एलजेपी सिर्फ एक सीट को ही जीत सका है और उसे 2015 के मुकाबले भी एक सीट का नुकसान हुआ है। 2015 में एलजेपी को दो सीटों पर जीत हासिल हुई थी।
अगर वोटिंग प्रतिशत और सबसे अधिक सीटों की बात की जाए तो आरजेडी आरजेडी 75 सीटों पर जीत और 23.1 प्रतिशत वोट के साथ सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी है, लेकिन उनके गठबंधन को निर्णायक बढ़त नहीं मिल पाया। वहीं 19.5% वोट प्रतिशत और 74 सीटों पर जीत के साथ बीजेपी दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी है। हालांकि बिहार में बीजेपी के सीनियर पार्टनर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड को इन चुनावों में गहरा झटका लगा है और 15.4 प्रतिशत वोट और 43 सीटों के साथ तीसरे स्थान पर है।
देर रात तक चली गहमा-गहमी, एनडीए ने किया निर्णायक जीत का दावा तो आरजेडी ने लगाया धांधली का आरोप
बिहार में बीजेपी के प्रभारी केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने रात 11 बजे प्रेस के सामने आकर दावा किया कि एनडीए के 122 विधायकों को जीत का प्रमाण पत्र मिल गया है और वे नीतीश कुमार की अगुवाई में सरकार बनाने जा रहे हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने इसे नरेन्द्र मोदी और नीतीश कुमार की जीत बताया है। वहीं आरजेडी ने मतगणना में परोक्ष रूप से धांधली का आरोप लगाया।
आरजेडी की तरफ से राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद मनोज झा हर घंटे पर मीडिया के सामने आते रहे और लगातार जीत का दावा किया। उन्होंने प्रत्यक्ष रूप से नीतीश सरकार और परोक्ष रूप से चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हुए कहा कि जहां नीतीश कुमार अपने पॉवर का प्रयोग करते हुए स्थानीय स्तर पर अधिकारियों को निर्देशित कर रहे हैं, वहीं चुनाव आयोग उनके जीते हुए प्रत्याशियों को जीत का प्रमाण पत्र देने में देरी कर रहा है। उन्होंने परिणाम आने में देरी होने पर भी संदेह और सवाल उठाए। हालांकि चुनाव आयोग ने इन सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि अगर किसी भी पार्टी को परिणामों पर आपत्ति होगी तो उनके शिकायतों को सुना जाएगा।
उपचुनावों में बीजेपी का बजा डंका, 59 में से 40 सीटों पर मिली जीत
बिहार में विधानसभा चुनाव के साथ-साथ गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, झारखंड सहित कुल 11 राज्यों में 59 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव भी हो रहे थे, जिसमें भी बीजेपी ने 40 सीटों पर जीत दर्ज करते हुए अपना वर्चस्व बरकरार रखा। मध्य प्रदेश में उपचुनाव काफी अहम था क्योंकि वहां पर हार शिवराज सरकार पर चोट कर सकती थी और वहां सरकार गवांना भी पड़ सकता था। लेकिन मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर बीजपी ने 19 सीटों पर जीत दर्ज की और अपनी सरकार को बरकरार रखा। आप सभी राज्यों का परिणाम यहां देख सकते हैं।
ये भी पढ़ें- रोजगार की बात: बिहार चुनाव में अपने आप को कहां देखते हैं बेरोजगार युवा और प्रवासी मजदूर?
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इस बार एनडीए से अलग होकर अकेले चुनाव लड़ने वाली चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) को बड़ा झटका लगा है। शुरूआत में 8 से 10 सीटों पर बढ़त बनाने वाली एलजेपी सिर्फ एक सीट को ही जीत सका है और उसे 2015 के मुकाबले भी एक सीट का नुकसान हुआ है। 2015 में एलजेपी को दो सीटों पर जीत हासिल हुई थी।
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अगर वोटिंग प्रतिशत और सबसे अधिक सीटों की बात की जाए तो आरजेडी आरजेडी 75 सीटों पर जीत और 23.1 प्रतिशत वोट के साथ सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी है, लेकिन उनके गठबंधन को निर्णायक बढ़त नहीं मिल पाया। वहीं 19.5% वोट प्रतिशत और 74 सीटों पर जीत के साथ बीजेपी दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी है। हालांकि बिहार में बीजेपी के सीनियर पार्टनर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड को इन चुनावों में गहरा झटका लगा है और 15.4 प्रतिशत वोट और 43 सीटों के साथ तीसरे स्थान पर है।
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देर रात तक चली गहमा-गहमी, एनडीए ने किया निर्णायक जीत का दावा तो आरजेडी ने लगाया धांधली का आरोप
बिहार में बीजेपी के प्रभारी केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने रात 11 बजे प्रेस के सामने आकर दावा किया कि एनडीए के 122 विधायकों को जीत का प्रमाण पत्र मिल गया है और वे नीतीश कुमार की अगुवाई में सरकार बनाने जा रहे हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने इसे नरेन्द्र मोदी और नीतीश कुमार की जीत बताया है। वहीं आरजेडी ने मतगणना में परोक्ष रूप से धांधली का आरोप लगाया।
आरजेडी की तरफ से राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद मनोज झा हर घंटे पर मीडिया के सामने आते रहे और लगातार जीत का दावा किया। उन्होंने प्रत्यक्ष रूप से नीतीश सरकार और परोक्ष रूप से चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हुए कहा कि जहां नीतीश कुमार अपने पॉवर का प्रयोग करते हुए स्थानीय स्तर पर अधिकारियों को निर्देशित कर रहे हैं, वहीं चुनाव आयोग उनके जीते हुए प्रत्याशियों को जीत का प्रमाण पत्र देने में देरी कर रहा है। उन्होंने परिणाम आने में देरी होने पर भी संदेह और सवाल उठाए। हालांकि चुनाव आयोग ने इन सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि अगर किसी भी पार्टी को परिणामों पर आपत्ति होगी तो उनके शिकायतों को सुना जाएगा।
उपचुनावों में बीजेपी का बजा डंका, 59 में से 40 सीटों पर मिली जीत
बिहार में विधानसभा चुनाव के साथ-साथ गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, झारखंड सहित कुल 11 राज्यों में 59 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव भी हो रहे थे, जिसमें भी बीजेपी ने 40 सीटों पर जीत दर्ज करते हुए अपना वर्चस्व बरकरार रखा। मध्य प्रदेश में उपचुनाव काफी अहम था क्योंकि वहां पर हार शिवराज सरकार पर चोट कर सकती थी और वहां सरकार गवांना भी पड़ सकता था। लेकिन मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर बीजपी ने 19 सीटों पर जीत दर्ज की और अपनी सरकार को बरकरार रखा। आप सभी राज्यों का परिणाम यहां देख सकते हैं।
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