कन्नौज : रात भर नहीं सोये डीएम साहब, सुबह एक दिव्यांग को दिया रक्षाबंधन का उपहार

Ajay Mishra | Aug 07, 2017, 20:55 IST

कन्नौज। अभी तक आपने सुना होगा कि रक्षाबंधन के पर्व पर भाई ने अपनी बहन को उपहार में साड़ी या कुछ और गिफ्ट दिया होगा लेकिन इस बार हुए रक्षाबंधन त्यौहार में कन्नौज से एक बड़ी दिलचस्प खबर आयी।

कन्नौज के डीएम ने दिव्यांग को शौचालय भेंट कर रक्षाबंधन गांव में मनाया। डीएम की पत्नी ने लाभार्थी को राखी भी बांधी। शौचालय का निर्माण रातोरात 12 घण्टे में कराया गया।

जिला मुख्यालय कन्नौज से करीब 30 किमी दूर तालग्राम ब्लॉक क्षेत्र के वरगावां निवासी 43 साल के रामसिंह कुशवाहा ने बताया कि मैं 60 फीसदी विकलांग हूँ। शनिवार को थाना दिवस पर शौचालय और पेंशन के लिए थाने में गया था। वहां तहसीलदार ने कागज वापस कर दिए और ब्लॉक जाने को कहा। रामसिंह आगे कहते हैं कि शौचालय न होने से दिक्कत होती थी। डीएम साहब ने रात में जागकर मेरा शौचालय बनवाया। पहले परिवार के सभी लोग शौचालय ले लिए बाहर जाते थे, अब हम सब इसका प्रयोग करेंगे।

रामसिंह के 22 साल के बडे पुत्र श्यामसुन्दर ने बताया कि मेरी शादी हो गई है। मैं आंध्र प्रदेश में बर्फ ठेले पर लगाता हूँ और बेचता हूँ। पत्नी ज्योति के अलावा 17 वर्षीय भाई श्यामवीर इंटर में पढता है। दूसरा भाई अंकुश (14) फर्स्ट ईयर और बहन राधा (12) कक्षा आठ में पढ़ती है। माँ रामकली घर पर रहती हैं।

रामकली ने बताया कि पति की देखभाल खुद करती हैं। जमीन केवल 35 डिसमिल है। उनके विकलांग होने की वजह से काफी दिक्कतें होती हैं। श्यामवीर बताते हैं, डीएम साहब की वजह से मेरा शौचालय बन पाया है।

डीपीसी शिवम दुबे बताते हैं कि डीपीआरओ इंद्रपाल सोनकर साहब और डीपीसी अनिल कुमार व अशोक चौहान लाभार्थी का शौचालय बनवाने के लिए गांव वरगावा में रातभर जागते रहे। डीएम साहब भी पल पल रिपोर्ट मांगते रहे। उन्होंने कहा था कि ये एक चैलेन्ज है। रात में डीएम साहब ने भोजन करने के बाबत भी पूछा।

शिवम आगे कहते हैं मैंने अपना त्यौहार यहीं गांव में मनाया है। बहन को बुलाकर राखी बंधवाई है।दूसरी ओर डीएम जगदीश प्रसाद की पत्नी कुशला चौरसिया ने वरगावां पहुंचकर दिव्यांग लाभार्थी को राखी बाँधी। अपने हाथों से डीएम और उनकी पत्नी ने मिठाई भी रामसिंह को खिलाया। साथ ही एसपी हरीश चन्दर, एएसपी केशव चंद्र गोस्वामी, एसडीएम छिबरामऊ मंशाराम वर्मा, डीपीआरओ इंद्रपाल सोनकर ने दिव्यांग का माला पहनाकर स्वागत किया। मौके पर ही 50 लाभार्थियों को शौचालय निर्माण के स्वीकृति पत्र भी बांटे। डीपीआरओ ने सभी से 15 दिन में गांव को ओडीएफ करने की बात भी कही।

नैनापुर गांव से आये 33 वर्षीय धीरेन्द्र सिंह ने बताया कि मुझे पता चला था कि डीएम साहब ने एक विकलांग को रक्षाबंधन पर शौचालय दिया है और प्रोग्राम हो रहा है तो देखने चला आया। ये अच्छी पहल है। प्रोग्राम में शौचालय बनवाने वाले मिस्त्री और रात में मौजूद रही टीम को डीएम ने सम्मानित भी किया। तरंग के कलाकारों ने भी नाटक और गायन के जरिये शौचालय बनवाने और सफाई रखने को प्रेरित किया। सोमवार की रात डीएम खुद नहीं सोये। निर्माण की जानकारी वो कर्मचारियों और लाभार्थी से मोबाईल पर लेते रहे।

श्यामवीर (दिव्यांग का पुत्र) ने गाँव कनेक्शन को बताया कि सुनवाई न होने से मेरे पिता योगी से मिलने रोडवेज से जा रहे थे। टिकट न होने की वजह से कंडक्टर ने पकड़ लिया। तो विकलांग प्रमाणपत्र दिखाया। समस्या बताई तो बस में बैठे कुछ लोग डीएम साहब के पास ले गए। इसके बाद मेरा रविवार की शाम से शौचालय बनने लगा जो अगले दिन पूरा हो गया।

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