लद्दाख में स्थापित हो सकती है दुनिया की सबसे बड़ी दूरबीन
गाँव कनेक्शन | Sep 16, 2016, 16:14 IST
नई दिल्ली (भाषा)। हवाई में दुनिया की सबसे बड़ी दूरबीन लगाए जाने की योजना के खिलाफ प्रदर्शन होने के बाद दूसरे वैकल्पिक स्थलों पर विचार किया जा रहा है जिनमें लद्दाख का हानले इलाका भी शामिल है।
दरअसल, थर्टी मीटर टेलीस्कोप टीएमटी की स्थापना का मकसद ब्रह्मांड का अन्वेषण करना है। इसे हवाई के मौना की पर स्थापित किया जाना था लेकिन स्थानीय लोगों ने इस परियोजना का विरोध किया।
परियोजना निदेशक बाचम ईश्वर रेड्डी ने कहा, 'हवाई प्रांत की एजेंसियां अदालत की ओर से प्रक्रिया अपनाए जाने के बाद परमिट पर काम कर रही हैं। टीएमटी यूनिवर्सिटी ऑफ हवाई और दूसरी एजेंसियों के साथ विचार-विमर्श करते हुए विचार-विमर्श कर रहा है। कोशिश है कि टीएमटी की स्थापना मौना की पर हो।' बहरहाल, परियोजना के महत्व, इसकी वित्त और इसकी वैज्ञानिक मूल्य को देखते हुए परियोजना के साझेदार वैकल्पिक स्थलों पर भी विचार कर रहे हैं। इनमें चिली, हानले, लद्दाख और दूसरे स्थान शामिल हैं।
इन सबका तकनीकी और तार्कित व्यवहारिकता का आंकलन किया जा रहा है। अगर ये परियोजना भारत में आती है तो इससे कई दरवाजे खुलेंगे। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि इस परियोजना से देश में उच्च स्तर की तकनीक और विशेषज्ञता विकसित करने में भी मदद मिलेगी।
दरअसल, थर्टी मीटर टेलीस्कोप टीएमटी की स्थापना का मकसद ब्रह्मांड का अन्वेषण करना है। इसे हवाई के मौना की पर स्थापित किया जाना था लेकिन स्थानीय लोगों ने इस परियोजना का विरोध किया।
परियोजना निदेशक बाचम ईश्वर रेड्डी ने कहा, 'हवाई प्रांत की एजेंसियां अदालत की ओर से प्रक्रिया अपनाए जाने के बाद परमिट पर काम कर रही हैं। टीएमटी यूनिवर्सिटी ऑफ हवाई और दूसरी एजेंसियों के साथ विचार-विमर्श करते हुए विचार-विमर्श कर रहा है। कोशिश है कि टीएमटी की स्थापना मौना की पर हो।' बहरहाल, परियोजना के महत्व, इसकी वित्त और इसकी वैज्ञानिक मूल्य को देखते हुए परियोजना के साझेदार वैकल्पिक स्थलों पर भी विचार कर रहे हैं। इनमें चिली, हानले, लद्दाख और दूसरे स्थान शामिल हैं।
इन सबका तकनीकी और तार्कित व्यवहारिकता का आंकलन किया जा रहा है। अगर ये परियोजना भारत में आती है तो इससे कई दरवाजे खुलेंगे। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि इस परियोजना से देश में उच्च स्तर की तकनीक और विशेषज्ञता विकसित करने में भी मदद मिलेगी।